मिलिए एथलीट आयशा बिलिमोरिया से, जिन्होंने चोट के बावजूद जिंदा रखा ओलंपिक का सपना

मिलिए आयशा बिलिमोरिया से - तीन बार 200 मीटर राष्ट्रीय चैंपियन, ओलंपिक एस्पिरेंट, स्पोर्ट्स ट्रेनर, मॉडल, टेडएक्स स्पीकर, और अब ‘रन’ की लेखक! ये इंडिया की अल्टीमेट फिट गर्ल हैं। उनसे बात करते हैं उनकी दृढ़ता, सेल्फ लव और निश्चित रूप से फिटनेस के बारे में।
आयशा बिलिमोरिया – अल्टीमेट फिट गर्ल।
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 27 Apr 2022, 20:23 pm IST
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आयशा बिलिमोरिया – अल्टीमेट फिट गर्ल।

आपको कब तक अपने सपनों का पीछा करना चाहिए? आयशा बिलिमोरिया के लिए इस सवाल का सीधा सा जवाब है : जब तक वे पूरे न हो जाएं।

अल्टीमेट माइंड-बॉडी फिटनेस गाइड आयशा के कंधों पर कई सितारे हैं – तीन बार 200 मीटर राष्ट्रीय चैंपियन, ओलंपिक एस्पिरेंट, स्पोर्ट्स ट्रेनर, मॉडल, टेडएक्स स्पीकर, और अब रन की लेखक!

आइए बात करते हैं, अपनी हिम्मत के बल पर हर असंभव को संभव करने वाली आयशा बिलिमोरिया से –

1: आपने 2000 में अपने एक बाइक एक्सीडेंट के बारे में बताया था, जिससे आपको आंशिक पेरालिसिस का सामना करना पड़ा। क्या आप उसके बारे में कुछ बात करना चाहेंगी?
-यह एक लंबी कहानी है। उस हादसे के कारण मैंने कई सालों तक बहुत दुख झेला। मैंने हमेशा यह मानने से इन्कार किया कि, “तुम ऐसा नहीं कर सकती।”सभी सिर्फ मेरी शारीरिक चोट देख रहे थे। कोई यह नहीं देख पा रहा था कि मैं मेंटली कितनी मजबूत हूं।

मैं अभी भी ओलंपिक के लिए तैयारी कर रही हूं। यह शायद मेरे जीवन का सबसे लंबा शॉट है। इसमें मैंने कई तरह के शारीरिक उतार-चढ़ाव का सामना किया, पर मुझे कोई भी चोट मन से हरा नहीं पायी।

2: एथलीट्स अक्सर अपनी सहनशीलता के बारे में बात करते हैं, लेकिन आपके मामले में यह दृढ़ता की बात ज्यादा है, खासतौर से ओलंपिक के आपके सपने के कारण …
-मेरा सपना मुझे सक्रिय रखता है। जब मैं चोटिल हुई तो शुरूआत के कुछ वर्षों तक मेरे पास कोई मेंटोर नहीं था। फिर जब मैं गैविन से मिली, तो उन्होंने मेरी जिंदगी पूरी तरह बदल दी। इसलिए मैंने अब तक हार नहीं मानी।

शारीरिक रूप से चोटिल होने के बावजूद आयशा मन से हमेशा मजबूत बनी रहीं। चित्र : आयशा बिलिमोरिया

भले ही कभी-कभी यह भी लगता है कि लक्ष्य बहुत बड़ा है और इसे पाना आसान नहीं। पर आप वहां तक पहुंचने के प्रयास को छोड़ नहीं सकते। सभी के जीवन में एक लक्ष्य होना चाहिए। मुझे लगता है कि लक्ष्य ज्यादा महत्वपूर्ण है। क्योंकि लक्ष्य आपको हमेशा सक्रिय बनाए रखता है और आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।

3:विफलता को अक्सर अंत मान लिया जाता है, लेकिन आपने इसे लॉन्च पैड के रूप बदल दिया
-मुझे लगता है कि हर असफलता सफलता के लिए एक सेट-अप है क्योंकि जब आप असफल होते हैं तो आप सीखते हैं। और मेरे लिए, मेरी असफलताओं ने ही मुझे बहुत कुछ सिखाया है। इसलिए मैं लोगों से यह कहना चाहती हूं कि अगर आपका दिन खराब रहा है, तो भी ठीक है, यदि आपने अपना पैर या हाथ तोड़ लिया है, अपनी किडनी खो दी है, तब भी आप बहुत कुछ कर सकते हैं।

4: आपने यह भी साबित कर दिया है किया है कि आपका दिमाग आपकी फिटनेस में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। क्या आप हमें इसके बारे में कुछ और बता सकती हैं?
-ऑस्ट्रेलिया में मेरे कोच ने मुझे सिखाया कि हमारे प्रशिक्षण में मन कैसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। चुनौतियों और मुश्किल दौर में हमारा दिमाग ही है जो हमें पीछे लौटने नहीं देता। जो हमें असफलताओं के बावजूद सफलता के लिए तैयार करता है।

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