डाउन सिंड्रोम से पीड़ित मार गैलसेरन बनीं स्पेन की सांसद, क्या आप जानते हैं इस आनुवांशिक विकार के बारे में?

कुछ आनुवांशिक विकार ऐसे होते हैं, जिन पर न आपका और न ही मेडिकल साइंस का कोई कंट्रोल है। डाउन सिंड्रोम ऐसा ही एक विकार है, मगर प्रेगनेंसी के दौरान कुछ टेस्ट हैं, जो इसका पता लगा सकते हैं।
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डाउन सिंड्रोम एक ऐसा विकार है जो किसी व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक विकास को प्रभावित करता है। चित्र- अडोबी स्टॉक
Published On: 17 Jan 2024, 03:03 pm IST
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किसी भी तरह की शारीरिक अक्षमता आपको आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती। स्पेन की नवनिर्वाचित सांसद मार गैलसेरन ने यह साबित कर दिखाया है। मार डाउन सिंड्रोम (Spain’s first parliamentarian with down syndrome) से पीड़ित हैं और अपने जैसे लोगों के लिए बरसों से काम कर रहीं हैं। मार चाहती हैं कि उन्हें उनकी योग्यता के आधार पर देखा जाए, न कि उनकी अक्षमता के कारण। चलिए जानते हैं अदम्य साहसी मार गैलसेरन (Mar Galceran) और डाउन सिंड्रोम (Down Syndrome) के बारे में।

डाउन सिंड्रोम एक ऐसा विकार है जो किसी व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक विकास को प्रभावित करता है। इसी डाइन सिंड्रोम से पीड़ित एक लड़की ने स्पेन की सांसद बन राजनीति में अपना नाम दर्ज करवाया है। 45 वर्षीय मार गैलसेरन डाउन सिंड्रोम के साथ स्पेन की संसद में पहुंची हैं। स्पेन में इस तरह की वे पहली सांसद हैं।

 

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जानिए कौन हैं मार गैलसेरन (Who is Mar Galceran)

मार गैलसेरन की राजनीति में यात्रा 13 साल की कम उम्र में शुरू हुई जब उन्होंने जनरलिटैट वालेंसियाना के राष्ट्रपति के साथ इंटर्नशिप की। बाद में, उन्होंने वकालत में रूचि दिखाते हुए, वालेंसिया के डाउन सिंड्रोम एसोसिएशन, असिंडाउन में 4 साल काम किया।

तीन दशकों से अधिक के राजनीतिक अनुभव के साथ, पीपुल्स पार्टी की सदस्य गैलसेरन राजनीतिक में ऊपर जाने लगी। 2023 वालेंसियन क्षेत्रीय चुनाव के लिए पार्टी की लिस्ट में 20वें स्थान पर रहीं, वह 14 सितंबर, 2023 को कॉर्ट्स वालेंसियानास में शामिल हुईं।

गैलसेरन 18 साल की उम्र में पीपल पार्टी (PP) में शामिल हुई थीं। इसके बाद इस पार्टी के आचार-विचार से प्रभावित होकर, गैलसेरन ने अपने आप को सिविल सेवा के लिए समर्पित कर दिया। द गार्डियन को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि, “मैं चाहती हूं कि लोग मुझे सिर्फ मेरी बीमारी के कारण नहीं, बल्कि एक इंसान के रूप में देखें।”

इतनी उपलब्धि के बावजूद, गैलसेरन मौजूदा चुनौतियों को स्वीकार करती है। वह अपने चुनाव जीतने को एक संकेत के रूप में देखती हैं कि समाज डाउन सिंड्रोम वाले व्यक्तियों के योगदान को पहचान रहा है लेकिन इस बात पर जोर देती है कि अभी भी काफी आगे की यात्रा बाकी है।

क्या होता है डाउन सिंड्रोम (What is down syndrome) 

डाउन सिंड्रोम, जिसे ट्राइसॉमी 21 के रूप में भी जाना जाता है, एक आनुवंशिक डिसऑर्डर है। जो क्रोमोसोम 21 की एक अतिरिक्त कॉपी के कारण होता है। आमतौर पर, हमारे शरीर में प्रत्येक कोशिका में क्रोमोसोम के 23 जोड़े होते हैं। जब किसी व्यक्ति को डाउन सिंड्रोम होता है, तो उनके शरी में एक क्रोमोसोम 21 की अतिरिक्त कॉपी होती है, जिसके परिणामस्वरूप नॉर्मल 46 क्रोमोसोम की जगह उनके शरीर में 47 क्रोमोसोम होते हैं। डाउन सिंड्रोम वाले लोगों का आईक्यू आमतौर पर हल्के से मध्यम स्तर तक होता है। जिसके कारण वे अन्य बच्चों की तुलना में बोलने में धीमे होते हैं।

क्या हैं डाउन सिंड्रोम के लक्षण (symptoms of down syndrome) 

डाउन सिंड्रोम वाला हर व्यक्ति अलग हो सकता है। हर किसी में बौद्धिक और विकास संबंधी समस्याएं हल्की, मध्यम या गंभीर हो सकती हैं। कुछ ऐसे लक्षण हैं, जो डाउन सिंड्रोम से पीड़ित हर व्यक्ति में हो सकते हैं।

  1. चपटा चेहरा, विशेषकर नाक का निचला भाग।
  2. बादाम के जैसी आंखें होती हैं, जो थोड़ी ऊपर की तरफ होती हैं।
  3. छोटी गर्दन और छोटे कान।
  4. हाथ और पैरों का आकार भी छोटा होता है।
  5. जीभ अकसर होंठों काे टच करती हुई या मुंह से बाहर निकली रहती है।
  6. आंख की आइरिस (रंगीन भाग) पर छोटे सफेद धब्बे हो सकते हैं।
  7. हाथ की हथेली पर एक रेखा।
  8. छोटी उंगलियां जो कभी-कभी अंगूठे की ओर मुड़ जाती हैं।
  9. मांसपेशियों की ख़राब टोन या जोड़ों का ढीला होना।
  10. बच्चों और वयस्कों के रूप में कद में छोटा होना।

क्या डाउन सिंड्रोम से बचा जा सकता है?

डाउन सिंड्रोम एक आनुवंशिक स्थिति है, जो क्रोमोसोम 21 की एक अतिरिक्त कॉपी की उपस्थिति के कारण होती है, और इसे रोका नहीं जा सकता। डाउन सिंड्रोम मुख्य रूप से आनुवंशिक कारकों के कारण होता है। यह जीवनशैली, डाइट या पर्यावरणीय कारकों के कारण नहीं होता। यह कोई बीमारी नहीं है, मगर कुछ टेस्ट हैं जो इसे जांचने के लिए किए जा सकते हैं।

यहां हैं वे टेस्ट जिन्हें प्रेगनेंसी में करके बच्चे में डाउन सिंड्रोम की पहचान की जा सकती है

1 पहली तिमाही की कंबाइन स्क्रीनिंग

इसमें कुछ हाॅर्मोनों को मापने के लिए ब्लड टेस्ट और बच्चे की गर्दन के पीछे की मोटाई का आकलन करने के लिए एक अल्ट्रासाउंड (न्यूकल ट्रांसलूसेंसी टेस्ट) किया जाता है। प्रेगनेंसी के बढ़ते महीनों के साथ इन परिणामों का उपयोग डाउन सिंड्रोम के जोखिम का अनुमान लगाने के लिए किया जाता है।

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डाउन सिंड्रोम एक आनुवंशिक स्थिति है, जो क्रोमोसोम 21 की एक अतिरिक्त कॉपी की उपस्थिति के कारण होती है। चित्र-अडोबी स्टॉक

2 सेल-फ्री डीएनए टेस्ट

यह ब्लड टेस्ट डाउन सिंड्रोम सहित क्रोमोसोम असामान्यताओं की जांच के लिए मां के रक्त में भ्रूण के डीएनए का विश्लेषण करता है। यह अत्यधिक सटीक है, लेकिन आमतौर पर अधिक मेटरनल एज जैसे कारकों के कारण उच्च जोखिम वाली महिलाओं के लिए इसे किया जाता है।

3 एमनियोसेंटेसिस और कोरियोनिक विलस सैम्पलिंग (CVS)

ये टेस्ट डाइन सिंड्रोम का पता लगाने के लिए किए जाते हैं। जो डाउन सिंड्रोम के बारे में निश्चित रूप से बता सकते हैं। ये टेस्ट डॉक्टर के आदेश पर ही किया जाता है, क्योंकि इस टेस्ट में अधिक खतरा हो सकता है।

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लेखक के बारे में
संध्या सिंह
संध्या सिंह

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं।

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