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सिर्फ वॉकिंग और अच्छी आदतें अपनाकर मनमीत ने 1 साल में 25 किलो घटाया वजन, जानें इनकी वेट लॉस जर्नी

ऑनलाइन बिजनेस इंडस्ट्री में अपनी पहचान बना चुकीं मनमीत कौर सेठी भी आज से करीबन 1 साल पहले ओवरवेट का शिकार थीं। मगर अपने अथक प्रयासों से उन्होंने महज 1 साल के भीतर 25 किलो वज़न कम करके खुद को एक्टिव और हेल्दी बनाए रखने की दिशा में विशेष कदम बढ़ाया।
खुद को स्लिम करने के लिए मनमीत कौर सेठी ने किसी जिम या एरोबिक क्लास की जगह पार्क में साधारण वॉक करनी शुरू की।
Updated On: 9 Jan 2025, 12:36 pm IST

अंदर क्या है

वेटगेन के अलावा स्वास्थ्य समस्याओं का बढ़ने लगा जोखिम
डेली वॉक से की वेटलॉस जर्नी की शुरूआत
इंटरमिटेंट फास्टिंग और डिटॉक्स ड्रिंक्स ने की मदद
लोगों से मिला प्रोत्साहन
बैक बाउंस से बचने के लिए क्या करती हैं

कामकाजी महिलाएं घर और वर्कप्लेस की जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बनाए रखने की कोशिश में अपने स्वास्थ्य का ख्याल नहीं रख पाती है। अनियमित दिनचर्या न केवल स्वास्थ्य संबधी समस्याओं का कारण साबित होती है बल्कि इससे वेटगेन का भी सामना करना पड़ता है। बढ़ता वज़न न केवल कई समस्याओं का कारण बनता है बल्कि कई हेल्थ प्राबलम्स के लक्षण के तौर पर भी उभर कर सामने आता है। ऑनलाइन बिजनेस इंडस्ट्री में अपनी पहचान बना चुकीं मनमीत कौर सेठी भी आज से करीबन 1 साल पहले ओवरवेट का शिकार थीं। मगर अपने अथक प्रयासों से उन्होंने महज 1 साल के भीतर 25 किलो वज़न कम करके खुद को एक्टिव और हेल्दी बनाए रखने की दिशा में विशेष कदम बढ़ाया। जानते हैं मनमीत कौन सेठी की वेटलॉस जर्नी (Manmeet Kaur Sethi weight loss journey) ।

वेटगेन के अलावा स्वास्थ्य समस्याओं का बढ़ने लगा जोखिम

30 साल की उम्र में मनमीत कौर सेठी (Manmeet Kaur Sethi weight loss journey) ने ऑनलाइन बिजनेस इंडस्ट्री में कदम रखा। मगर शरीर पर जमा फैट्स से हर पल उनका आत्मविश्वास डगमगाने लगता था। वो शीशे में देखकर खुद को अंडर कॉफिडेंट फील करती थी। जहां बचपन से वो कब्ज की समस्या से जूझ रही थी। वहीं शरीर के बढ़ते मोटापे के कारण उन्हें पीसीओडी का भी सामना करना पड़ा।

इसके अलावा ज्वाइंट पेन के कारण उन्हें उठने बैठने में भी अब तकलीफ होने लगी थी। हांलाकि उन्होनें वज़न को नियंत्रित करने के लिए बाज़ार में उपलब्ध दवाओं और डिटॉक्स ड्रिक्स का सेवन शुरू किया। मगर स्वास्थ्य पर उसका प्रभाव होते देख उन्होंने होमे मेड डिटॉक्स ड्रिक्स को ही चुनना बेहतर समझा।

शरीर पर जमा फैट्स से हर पल उनका आत्मविश्वास डगमगाने लगता था। वो शीशे में देखकर खुद को अंडर कॉफिडेंट फील करती थी।

डेली वॉक से की शुरूआत

खुद को स्लिम करने के लिए मनमीत कौर सेठी ने किसी जिम या एरोबिक क्लास की जगह पार्क में साधारण वॉक करनी शुरू की। उन्होंनें बताया कि उस वक्त उनका वज़न 100 किलो से ज्यादा था। अब वो रोज़ाना कभी 10 मिनट तो कभी 15 मिनट वॉक के लिए जाने लगीं। खाली समय मिलते ही वो पार्क में सैर के लिए निकल पड़ी थीं। इसके अलावा उन्होंने रोज़मर्रा के कामों के लिए स्कूटी और कार का इस्तेमाल पर कम कर दिया था।

मनमीत मॉर्निंग वॉक को वेटलॉस का सामान्य और सरल मंत्र मानती हैं। देखते ही देखते उन्होनें सैर की समय सीमा 15 मिनट से 30 मिनट और फिर 1 घंटा की। इससे उनके पेट के आसपास जमा चर्बी धीरे धीरे बन होने लगी।

लोगों से मिला प्रोत्साहन

ऑनलाइन बिजनेस के दौरान जो महिला अपने वज़न को लेकर हर वक्त परेशान रहती थी। अब लोगों ने उन्हें सराहना शुरू किया। मनमीत बताती हैं कि इंस्टाग्राम पर उनसे 1 लाख 30 हज़ार लोग जुडे हुए हैं। उनके कॉम्प्लीमेंट ने मेरे आत्मविश्वास को रफ्तार दी। अब मैं खुद को मोटिवेटिड फील करने लगी। रोज़ाना वॉक करना मैने अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लिया। इससे प्रकृति के नज़दीक कुछ पल बिताने में भी मदद मिलती है और स्किन के टैक्सचर में भी सुधार देखने को मिला। इससे शरीर में लचीलापन बढ़ने लगता है और ज्वाइंट पेन की समस्या अपने आप हल होने लगी।

रोज़ाना वॉक करना मैने अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लिया। इससे प्रकृति के नज़दीक कुछ पल बिताने में भी मदद मिलती है

इंटरमिटेंट फास्टिंग और डिटॉक्स ड्रिंक्स ने की मदद

सुबह उठकर चाय और काफी पीने की जगह मैनें घर पर तैयार डिटॉक्स ड्रिंक्स का सेवन करना शुरू किया। कभी पानी में सौंफ उबालकर, कभी जीरा तो कभी हल्दी का पानी पीना शुरू किया। इसके अलावा नींबू शहद भी इस जर्नी में बेहद कारगर साबित हुआ। धीरे धीरे शरीर में जमा कैलोरीज़ अब बर्न होने लगी थीं।

मनमीत बताती हैं कि ज्यादा कार्ब्स के सेवन को नियंत्रित किया। इसके अलावा मैं सुबह उठकर 2 से 3 चम्मच चिया सीड्स को अवश्य भिगो देती हूं। दिन के वक्त लगने वाली भूख से निपटने में वो मेरी मदद करते हैं। शरीर में प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए पनीर खाती हूं और दिनभर में 2 मील्स लेती हूं। इससे बार बार लगने वाली क्रेविंग्स को भी आसानी से शांत किया जा सकता है।

मनमीत मॉर्निंग वॉक को वेटलॉस का सामान्य और सरल मंत्र मानती हैं।

बैक बाउंस से बचने के लिए क्या करती हैं

मनमीत बताती हैं कि जो लोग वर्कआउट सेशन के माध्यम से वेटलॉस करते है, उनमें फैट्स का बाउंस बैक का जोखिम बढ़ जाता है। मैंने पूरी तरह से नेचुरल तरीके से वेटलॉस किया है। इसके लिए सिर्फ एक चीज़ ज़रूरी है और वो है कंसिस्टेंसी। साथ ही शरीर की क्षमता के अनुसार ही वॉक या फिर कोई भी वर्कआउट करें। थकान होने पर शरीर को आराम दें और जंक फूड से अपने शरीर को बचाएं। इससे शरीर में गुड बैक्टीरिया की मात्रा बढ़ती है और विषैले पदार्थों को दूर किया जा सकता है।

दिनभर में 30 मिनट से लेकर 1 घंटा खुद के लिए निकालें। इससे शारीरिक स्वास्थ्य के अलावा मेंटल हेल्थ में भी सुधार नज़र आने लगता है। शरीर में बढ़ने वाली ऐंठन और जोड़ों में होने वाले दर्द को भी वॉक की मदद से कम किया जा सकता है। आहार में फैट्स की मात्रा को भी सीमित बनाए रखें।

दिनभर में 30 मिनट से लेकर 1 घंटा खुद के लिए निकालें। इससे शारीरिक स्वास्थ्य के अलावा मेंटल हेल्थ में भी सुधार नज़र आने लगता है।

वेटलॉस यात्रा के दौरान न केवल मुझे वज़न को नियंत्रित करने में मदद मिली बल्कि इससे सालों पुरानी कब्ज की समस्या भी हल हो गई। इसके अलावा शरीर का संतुलन बनने लगता और पीसीओडी की समस्या का भी समधान हुआ। अब शरीर खुद को एक्टिव और हेल्दी लगता है। साथ ही मूड स्विंग की समस्या भी हल हो गई। मनमीत बताती है कि शरीर में बढ़ा हुआ वज़न उनमें गिल्ट फीलिंग को बढ़ा रहा था और वो मन ही मन आत्मविश्वास खोती जा रही थी। उन्हें फोटो क्लिक करवाने में भी शर्म महसूस होने लगती थी। अब वेटलॉस के बाद वो खुद को पहले से ज्यादा खुश और ऊर्जावान महसूस करती हैं।

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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