नेगेटिविटी से डरने की बजाए अपने लक्ष्य की दिशा में बढ़ती रहें, कहती हैं यंग गेमर काशवी हीरानंदानी

अपने शौक को अपना जुनून बनाने वाली काशवी ने फाइनेंस कंसल्टेंट की जॉब को छोड़ न सिर्फ गेमिंग इंडस्ट्री में कदम रखा, बल्कि एक खास मुकाम भी हासिल कर दिखाया है। 25 साल की उम्र में स्ट्रीमर ऑफ द ईयर अवॉर्ड जीतकर उन्होंने लोगों को हैरान कर दिया।
Kaashvi hiranandani journey
कंटेंट बनाने के हीरानंदानी के जुनून ने उन्हें भारत की टॉप मोस्ट गेमिंग कंटेंट आर्गनाइजे़शन S8UL का हिस्सा बनने का मौका मिला।
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 6 Apr 2023, 14:34 pm IST
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मेल डॉमिनेटिंग सोसायटी (Mail dominating society) होने के बावजूद महिलाएं अपनी एक खास जगह बनाने में कामयाब साबित हुई हैं। प्रोफेशनल लाइफ की बात करें, तो महिलाओं ने हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा से खुद को साबित कर दिखाया है। मुश्किल से मुश्किल हालात में भी उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई है। इन्हीं प्रोफेशन्स की श्रृंखला में एक मंच आज भी ऐसा है, जहां जेंडर बाइसनेस अब भी मौजूद है। हम बात कर रहे हैं, गेमिंग एप की। मगर अपने मज़बूत व्यक्तित्व और एक खास कदम से मुंबई की रहने वाली काशवी हीरानंदानी (Journey of Gamer Kaashvi Hiranandani) ने यहां एक महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज की है।

देश की टॉप गेमर्स की लिस्ट मे शुमार 25 वर्षीय काशवीवी ने सभी बाउंड्रीज़ को तोड़ते हुए भारतीय एस्पोर्ट्स की दुनिया में खास मुकाम हासिल किया है। वे एक सफल स्ट्रीमर (streamer) और कंटेंट क्रिएटर (Content creator) हैं। काशप्लेज़ के नाम से मशहूर इस शख्सियत के यूट्यूब पर 760 हजार से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं।

हमेशा अपनी लाइफ में फोकस्ड रहने वाली काशवी ने सिंगापुर में फाइनेंस कंसल्टेंट (Finance consultant) की जॉब छोड़कर गेम स्ट्रीमिंग (Game streaming) चुनने का एक मुश्किल फैसला लिया। हेल्थ शॉट्स के साथ एक स्पेशल इंटरव्यू में काशवी हीरानंदानी ने बताया कि उन्होंने इस प्रोफेशन में कैसे कदम रखा और उन्हें किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

पहली बार जब काशवी हीरानंदानी गेमिंग की ओर आकर्षित होने लगीं

कभी कल्पना भी नहीं की थी कि मेरे पिता के ऑफिस से मिलने वाला कंप्यूटर एक बच्चे के करियर को नई बुलंदियों तक पहुंचाने का काम करेगा। काशवी ने उस कंप्यूटर पर पिनबॉल, माइनस्वीपर और सॉलिटेयर जैसे गेम खेलने सीखे। देखते ही देखते उन्होंने ने सिर्फ गेमिंग फील्ड (Gaming field) में अपना करियर बनाया बल्कि इस प्रोफेशन की गेम चेंजर (Game Changer) बनकर उभरीं। आज वो भारत की सबसे बड़ी महिला खिलाड़ियों में से एक हैं, जिनके बहुत सारे फैन्स और सपोर्टर हैं।

इस क्षेत्र में बहुत से अवसर हैं, जो भेदभाव से मुक्त उद्योग की दिशा में एक पहला कदम हैं।

अपने जुनून को अपना प्रोफेशन बनाने वाली काशवी हीरानंदानी बताती हैं कि वे हर दिन कुछ नया सीखती हैं। उनका मकसद न केवल खुद को साबित करना है, बल्कि हर नए दिन के साथ नई उपलब्धियों को हासिल करना भी है। उनका कहना है कि यहां ऐसा बहुत कुछ है, जो अभी मुझे सीखना है। लगातार मेरी लर्निंग जारी है।

आसान नहीं है गेमिंग इंडस्ट्री में एक महिला होना

लंबे समय से जब भी महिलाओं की बात आती है, तो टेक्निकल इंडस्ट्री (Technical Industry) में महिलाओं को जेंडर बाइसनेस का सामना करना पड़ा है। हांलाकि गेमिंग की दुनिया इतनी भी अलग नहीं है। फिर भी खेलों की जब भी बात आती है, उन्हें ऐतिहासिक रूप से पुरुषों को ध्यान में रखते हुए ही बनाया गया हैं।

ये वाकई सौभाग्य की बात है कि हीरानंदानी और अन्य कई महिलाएं इस फील्ड में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रही हैं और इसके चलते कई बदलाव भी नज़र आने लगते हैं। हालांकि, अभी भी महिला गेमर्स को नियमित रूप से बाइसनेस का सामना करना पड़ता है।

मानसिकता बदल रही है

इस बारे में बातचीत करते हुए हीरानंदानी बताती है कि “एक महिला गेमर के तौर पर मैंने देखा है कि पुरूषों की तुलना में ऑनलाइन गेम (Online game) खेलने वाली महिलाओं की संख्या काफी कम है। दरअसल, जब भी मैं खेलने के लिए अपना माइक्रोफोन ऑन करती हूं, तो अन्य लोग बेहद हैरत से देखने लगते हैं। अगर मैं अच्छा खेलती हूं, तो वे किसी लड़की को अच्छा खेलते हुए देखकर आश्चर्यचकित होते हैं।

दूसरी ओर अगर आप अच्छा नहीं खेल पा रही हैं, तो वही लोग आपको एक लड़की होने के लिए दोषी ठहराने लगते हैं। हालांकि, अब समय के साथ मानसिकता बदल रही है। दिनों दिन अब महिलाएं गेमिंग स्पेस में एंटर कर रही हैं।”

उनका मानना है कि बाकी प्रोफेशन्स की तरह गेमिंग में भी जेंडर डायवर्सिटी (Gender Diversity) होना बहुत ज़रूरी है। हीरानंदानी कहती हैं कि “मेरे मुताबिक महिला गेमर्स को ऑनलाइन खेलने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस क्षेत्र में बहुत से अवसर हैं, जो भेदभाव से मुक्त उद्योग की दिशा में एक पहला कदम हैं।”

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आपका दृष्टिकोण और आप अपनी यात्रा में क्या नया सीखती हैं, यह सबसे ज्यादा मायने रखता है

कंटेंट बनाने के हीरानंदानी के जुनून ने उन्हें भारत की टॉप मोस्ट गेमिंग कंटेंट आर्गनाइजे़शन S8UL का हिस्सा बनने का मौका मिला। कम जानी पहचानी, मगर पहले से इस क्षेत्र में काम कर रही महिला स्ट्रीमर्स से काशवी हीरानंदानी आगे रहीं। वे लोको इंडिया अवार्ड्स में स्ट्रीमर ऑफ द ईयर जीतकर एक उभरती हुई स्टार बनी हैं।

सफलता के बारे में काशवी हीरानंदानी कहती हैं कि” डिजिटल दुनिया में सक्सेस या फेलियर का स्वाद समान हो सकता है। खास बात ये है कि इन दोनों ही सिचुएशन्स को आप किस प्रकार से लेते हैं और इन सबसे आपको क्या सीखने को मिला हैं।”

सबसे पहले अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करें।

उन युवा महिलाओं के लिए एक मैसेज जो अनट्रेडिशनल राह चुनना चाहती हैं

युवा गेमर काशवी के अनुसार यंगस्टर्स के लिए गेमिंग प्रोफेशन में आने और इसका पता लगाने और इससे लाभ उठाने की बहुत गुंजाइश है। गेमिंग इंडस्टी में बड़ा नाम बनाने की कोशिश कर रही महिलाओं के लिए मेरा यही मैसेज है कि अगर गेमिंग में आपको रुचि है, तो इसमें आने के लिए सही समय का इंतज़ार न करें।

बस अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए इस फील्ड में कूद जाएं। इसमें कोई दो राय नहीं कि गेमिंग में महिलाओं के लिए कई अवसर और समर्थन हैं। इसके लिए सबसे पहले अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करें। नकारात्मकता से न डरें और सिर्फ आगे बढ़ने की ओर ध्यान दें। इस फील्ड में मौजूद लोगों से बातचीत करें और उनके एक्सपीरिएंस से सीखे।

(काशवी हीरानंदानी को हेल्थ शॉट्स शी स्लेज अवॉर्ड्स की वीमेन इन गेमिंग कैटेगरी में नामित किया गया है। इस आयोजन के प्रस्तुतकर्ता एंबियंस ग्रुप और सहयोगकर्ता वेदांता ग्रुप हैं। काशवी को वोट करने या उनके जैसी और भी बेमिसाल स्त्रियों के बारे में जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें – शी स्लेज अवॉर्ड्स!)

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