क्या आप कानूनी तौर पर अपने माता-पिता से अलग हो सकते हैं? अगर आपकी कंपनी सैलरी नहीं दे रही है, तो क्या करें? मातृत्व अवकाश से क्या लाभ मिल सकते हैं? क्या मंदिर में शादी करना कानूनी है? इस तरह के कानून से जुड़े कई सवाल हमारे मन में उठते रहते हैं। जानकारी के अभाव में हम इसका उत्तर नहीं जान पाते। दूसरी ओर लंबे और तकनीकी दस्तावेजों को पढ़ना भी कठिन लगता है। पूर्व टैक्स कंसल्टेंट से वकील बनी जम्मू की तान्या अपाचु सोशल मीडिया पर कानूनी अधिकारों के बारे में कंटेंट क्रिएट करती (Tanya Appachu inspirational story) हैं।
भले ही महिलाओं के दृष्टिकोण, जागरूकता और परिप्रेक्ष्य में महत्वपूर्ण परिवर्तन हो चुका है। उन्हें अपने मूल अधिकारों के प्रति कम जागरूक माना जाता है। भारत जैसे विकासशील देश में जेंडर अनुपात में बहुत अधिक अंतर है। साक्षरता दर पुरुषों के पक्ष में है। समाज में महिलाओं का प्रतिनिधित्व अभी भी कम है। ऐसे में तान्या अपाचु महिलाओं को उनके अधिकारों और कानूनों के बारे में जागरूक करने के मिशन पर हैं।
तान्या अपाचु को सिंगल मदर ने पाला है। वे पेशे से वकील हैं। वे अपने इंस्टाग्राम अकाउंट @yourinstalawyer के माध्यम से लोकप्रिय हो चुकी हैं। प्रेगनेंसी के दौरान उन्होंने जब करियर से ब्रेक लिया था, तब इस पेज की शुरुआत की। महिलाओं के अधिकारों पर विशेष ध्यान देने के साथ-साथ, भारतीय कानून की संक्षिप्त और सीधी व्याख्याओं के लिए उन्होंने बहुत लोकप्रियता हासिल की। फोर्ब्स पत्रिका सहित प्रमुख वैश्विक प्रकाशनों ने उन्हें चेंजमेकर के रूप में भी मान्यता दी है।
हेल्थशॉट्स के साथ इस एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में, तान्या अपाचु ने अपनी यात्रा शुरू करने, वकील बनने का फैसला और सोशल साईट पर कंटेंट क्रिएटर के रूप में अपने काम के बारे में विस्तार से बताया।
तान्या अपाचु वर्तमान में अदालत में कन्जूमर का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं, वह ऑनलाइन कानूनी परामर्श और अन्य स्वतंत्र गतिविधियों का मसौदा तैयार करने में संलग्न हैं। “वे बताती हैं, वर्षों के अभ्यास और कार्य के दौरान मैंने नए लोगों के साथ बातचीत करने से बहुत कुछ सीखा। भारतीय महिलाएं स्वतंत्र और शिक्षित हो सकती हैं, लेकिन वे कानूनी अधिकारों और कानूनों के मूल सिद्धांतों से परिचित नहीं हैं। मैंने सोचा कि इसके लिए इंस्टाग्राम का उपयोग करना बढ़िया होगा। इससे मुझे एक साथ इतने सारे लोगों से जुड़ने का अवसर मिला।
तान्या जब 4 साल की थी, तभी उनके माता-पिता का तलाक हो गया था। उनकी परवरिश उनकी मां ने की। तान्या बताती हैं, ” मेरे पिता वकील थे और मैं उनसे जुड़ना चाहती थी, इसलिए मैं वकील बन गयी। मेरे जीवन में मेरे पिता नहीं आये। जैसे-जैसे मैं बड़ी होती गई, मुझे एहसास हुआ कि मेरी अकेली मां के लिए मेरा पालन-पोषण करना कितना कठिन रहा होगा।
तलाक के बाद मेरी मां को गुजारा भत्ता नहीं दिया गया, जिसे आमतौर पर पति से वित्तीय सहायता या किसी अन्य प्रकार के समर्थन के रूप में जाना जाता है। इसी बात ने मुझे कानून का अध्ययन करने के लिए सबसे अधिक प्रेरित किया। इससे मैं अन्य महिलाओं की मदद करना चाहती थी।
टैक्स कंसल्टेंट से इंग्लिश टीचर और अब कंटेंट क्रिएटर होने के नाते तान्या ने कई बार अपनी प्रोफ़ाइल बदली है। वह कहती है, ‘यह मुश्किल है, लेकिन वह एक मंत्र में विश्वास करती है। जीने के लिए आपको केवल एक ही जीवन मिला है, इसलिए आगे बढ़ना चाहिए और जो कुछ भी आप करना चाहती हैं उसे पूरा करें! ” जीवन भर एक ही काम करना उबाऊ या अरुचिकर हो सकता है। मेरा मानना है कि यदि आप अपना सब कुछ इसमें लगा देती हैं, तो सफल हो सकती हैं।”
भारत भर में न्यायपालिका प्रणाली में महिलाएं महत्वपूर्ण पदों पर पहुंच चुकी हैं। चाहे वह सर्वोच्च न्यायालय को एक महिला न्यायाधीश बेंच प्राप्त करने के बारे में हो या मुख्य न्यायाधीश बनने का अवसर, महिलाएं सभी से आगे होती हैं। कुछ कठिनाइयां ऐसी हैं, जिनका भारत में महिला वकीलों को सामना करना पड़ता है।
तान्या अपाचु कहती हैं, “हमारे क्षेत्रों में लैंगिक पूर्वाग्रह मौजूद हैं। मेरा मानना है कि सबसे बड़ी चुनौती क्लाइंट की तरफ से आती है। क्लाइंट अलग-अलग मानसिकता, राय और समाज के साथ आते हैं। साथ ही, अधिकांश क्लाइंट पुरुष वकीलों के साथ काम करना पसंद करते हैं। वे मानते हैं कि पुरुष उनके हितों का प्रतिनिधित्व करने में अधिक सक्षम हैं। इससे महिलाओं के लिए इस क्षेत्र में अवसर कम हो जाते हैं। यहां ग्राहकों को यह विश्वास दिलाना पड़ेगा कि हम अच्छा काम कर सकते हैं। हम प्रतिनिधित्व भी अच्छे तरीके से कर सकते हैं। हमारे लिए यह एक एक चुनौती है।”
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कस्टमाइज़ करेंतान्या अपाचु इस ओर ध्यान आकर्षित करती हैं कि कैसे महिलाओं का बड़ा तबका समाज में व्यवसाय, राजनीति, विश्व अर्थव्यवस्था, कानून और व्यवस्था जैसे विषयों पर शायद ही कभी बात करता है। वे कहती हैं कि सभी को इन विषयों पर चर्चा करनी चाहिए। कानूनी अधिकार एक ऐसी चीज है, जो हमारे दैनिक जीवन में हमें प्रभावित करती है। हमें इसे और जानने की आवश्यकता है।
आश्वस्त होते हुए तान्या कहती हैं, “अपने कानूनी अधिकारों को जानना और समझना महत्वपूर्ण है। पहला लाभ यह है कि कोई भी आपके साथ दुर्व्यवहार नहीं कर सकता है। आपको हल्के में नहीं ले सकता है। यदि वे ऐसा करते भी हैं, तो आपको पता चल जाएगा कि कैसे प्रतिक्रिया देनी है, क्योंकि आप जानती हैं कि सही और गलत क्या है। आप जागरूक हैं, इसलिए किसी ख़राब सिचुएशन में प्रतिक्रिया कैसे देनी है, आपको पता है।
कानून और अपने अधिकारों के बारे में जागरूक होने से जीवन की बुरी परिस्थितियों से सामना करने या आगे क्या करना है, यह जानने की ताकत मिलती है।”
वे कहती हैं, “भारत में विवाहित और अविवाहित महिलाओं दोनों को किसी की अनुमति या सहमति के बिना 24 सप्ताह तक गर्भपात करने का अधिकार है। हमारे गर्भपात कानून बढ़िया हैं। जब समलैंगिक विवाह और वैवाहिक बलात्कार की बात आती है, तो मेरा मानना है कि हमें अभी भी लंबा रास्ता तय करना होगा।
उन्होंने आगे कहा, ‘’जब किसी बदलाव या किसी नए कानून को लागू करने की बात आती है, तो यह बहुत जरूरी है कि देश के नागरिकों को इसे स्वीकार करने के लिए तैयार रहना होगा। देश के लोग सरकार का चुनाव करते हैं, जो कानूनों की स्थापना और संशोधन करती है। इसलिए पहले नागरिकों के दृष्टिकोण को बदलना आवश्यक है। यह बदलाव रातोंरात नहीं होगा । यह समय लेगा।”
तान्या अपाचु के मुताबिक, ज्यादातर महिलाएं रिलेशनशिप इश्यूज से जुड़ी दिक्कतों के चलते कानून का सहारा लेती हैं। वे कहती हैं, “हम सभी अपने जीवन में इसका सामना करते हैं। इसके अलावा यौन शोषण, उत्पीड़न और ऑनलाइन बुलिंग आदि मुद्दों पर भी महिलाएं कानून का सहारा लेती हैं। मैं महिलाओं के तलाक मामलों को देखती हूं। इसलिए मुझे तलाक, खराब शादी या घरेलू हिंसा से संबंधित बहुत सारे सवाल मिलते हैं।”
सभी महिलाओं के लिए उनका एक सरल संदेश है। सभी महिलाओं को यह समझना चाहिए कि ज्ञान ही शक्ति है। इसलिए यदि महिलाएं जागरूक हैं, तो वे सशक्त हैं!
(तान्या अपाचु को हेल्थ शॉट्स शी स्लेज़ अवार्ड्स में सोशल मीडिया स्टार विद अ कॉज श्रेणी में नामांकित किया गया है। उनके लिए वोट करने या उनके जैसी और भी प्रेरक महिलाओं के बारे में जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें – हेल्थ शॉट्स शी स्लेज अवॉर्ड्स!)
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