एक्ट्रेस और डिजाइनर मसाबा गुप्ता को पीसीओएस की वजह से वजन बढ़ने और पिंपल्स जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ा है। तो पीसीओएस से उबरने के लिए उनसे बेहतर रणनीति भला कौन बता पाएगा! पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) से पीड़ित मसाबा, वजन बढ़ने और पिंपल्स से परेशान थीं। मगर आज वो बिल्कुल फिट हैं। उन्होंने वेट लॉस के मामले में एक मिसाल कायम की है। हेल्थ शॉट्स के इस एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में, मसाबा हर उस लड़की के लिए सुझाव दे रहीं हैं, जो पीसीओएस से ग्रस्त है और उसे संभालने के तरीकों की तलाश में है।
एक टेनिस खिलाड़ी से लेकर डांसर तक मसाबा हर क्षेत्र में महारत हासिल कर चुकी हैं। वे असल में अभिनेत्री बनना चाहती थीं। पर इसके लिए जब मां नीना गुप्ता ने अनुमति नहीं दी, तब उन्होंने फैशन इंडस्ट्री का रुख किया। असल में हमेशा से फिटनेस फ्रीक रहीं हैं। पर अब फैशन की दुनिया में उनके ब्रांड अलग नजर आते हैं।
32 वर्षीय मसाबा गुप्ता, जिन्होंने हाल ही में मसाबा मसाबा: सीज़न 2 में अभिनय किया, हेल्थ शॉट्स को बताती हैं कि कोविड -19 महामारी और लॉकडाउन ने उन्हें पहले से कहीं ज़्यादा अपनी फिटनेस पर ध्यान देने के लिए प्रेरित किया।
वे बताती हैं, “जब महामारी की पहली लहर आई और लॉकडाउन की घोषणा की गई तब मैं गोवा में थी। मेरे पास रस्सी जैसे कुछ बेसिक टूल्स थे। उन्हीं के साथ मैंने अपने ट्रेनर से कहा था कि मुझे एक 10 डे रिजीम दें, जो मैं कर पाऊं।”
हर चीज के बारे में अनिश्चितता के कारण मसाबा के तनाव का स्तर बढ़ रहा था और इस तरह उनकी नई स्वास्थ्य दिनचर्या शुरू हुई।
मसाबा उत्साह के साथ कहती हैं – “मैंने माइंडफुलनेस जर्नी के लिए फिटनेस शुरू की और मुझे अपने काम और अपने शरीर में परिणाम दिखाई देने लगे। जब आप एक व्यवसाय संभाल रही होती हैं, तो काम करने की कोई सीमा नहीं होती है। ये 9 से 5 की नौकरी में नहीं बंधता। आप कभी भी स्विच ऑफ नहीं करते हैं! लेकिन मुझे एहसास हुआ कि अगर मैं स्वेच्छा से एक घंटे के लिए स्विच ऑफ नहीं करती हूं, तो यह मेरे व्यक्तित्व और स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाएगा। इसलिए, मैंने अपने व्यवसाय की रक्षा करने के लिए फिटनेस शुरू की। और अब मैं इसकी आदी हो गई हूं। यकीन मानिए यह एक जादुई ट्रिक है।”
उनकी हालिया इंस्टाग्राम पोस्ट भी इस बात का सबूत है कि मसाबा को अपने वर्कआउट सेशन बहुत पसंद हैं।
”उन्होंन अपनी पोस्ट को कैप्शन दिया – “अधिक समय प्रशिक्षण = बेहतर मस्तिष्क कार्य = बेहतर निर्णय लेना = बेहतर आउटपुट! मुझे वर्कआउट करने की लत लग गयी है, लेकिन इसकी शिकायत नहीं है।”
पीसीओएस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें एक महिला के अंडाशय एण्ड्रोजन की अधिक मात्रा का उत्पादन करते हैं। ये पुरुष सेक्स हार्मोन हैं, जो महिलाओं में मौजूद होते हैं, लेकिन कम मात्रा में। पीसीओएस के लक्षण हिर्सुइटिज्म या चेहरे के अतिरिक्त बालों, बालों के पतले होने या बालों के झड़ने और मुंहासों से लेकर प्रजनन समस्याओं और वजन बढ़ने तक भिन्न हो सकते हैं।
सितंबर पीसीओएस जागरूकता माह (PCOS awareness month) है, और इससे लड़ने वाले किसी व्यक्ति से कुछ वेलनेस टिप्स प्राप्त करने से बेहतर क्या हो सकता है। तो, यहां मसाबा गुप्ता के कुछ सुझाव दिए गए हैं, जिन्होंने तंदुरूस्ती की तलाश में, सेल्फ लव अपनाया है!
मसाबा के अनुसार, आप अपने शरीर में क्या डाल रहे हैं और किस तरह की फिजिकल एक्टिविटी कर रहे हैं। यह आपको पीसीओएस जैसी स्थिति की जटिलताओं को दूर करने में मदद करेगा। वे कहती हैं – “ये दो पहलू बहुत महत्वपूर्ण हैं। इनका कोई विकल्प नहीं है।”
यह एक हार्मोनल समस्या है, जो महिलाओं के प्रजनन वर्षों के दौरान होती है। मसाबा का कहना है कि पीसीओएस के साथ हर किसी का संघर्ष अलग-अलग हो सकता है। पीसीओएस के लक्षण भी हर महिला में अलग-अलग हो सकते हैं।
इसके लिए वे सुझाव देती है, “आप 2-3 दोस्तों से बात कर सकते हैं और जान सकते हैं कि उनके लिए क्या काम करता है। आपको अपना रास्ता और यात्रा खुद ढूंढनी होगी और तय करना होगा कि आपके लिए क्या काम करता है।
तनाव, चिंता, क्रोध, नकारात्मकता की भावना पैदा करने वाली हर चीज से दूर रहना चाहिए। मसाबा कहती हैं, “अपने आप को सही लोगों के साथ घेरना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि आप अपने सिस्टम में जो भोजन डालना,” स्वस्थ शरीर के लिए स्वस्थ दिमाग महत्वपूर्ण है।
मॉडर्न लव: मुंबई में भी काम कर चुकीं अभिनेत्री का कहना है कि लोगों को पीसीओएस को एक बीमारी के रूप में देखना बंद करने की जरूरत है। विज्ञान भी इसे एक सिंड्रोम कहता है!
मसाबा कहती हैं कि – ”हो सकता है कि आपका शरीर चाहता है कि आप अतिरिक्त 30 मिनट के लिए व्यायाम करें। या हो सकता है कि आपका शरीर चाहता है कि आप 50 अंतरराष्ट्रीय इंग्रीडिएंट की कोशिश करने के बजाय घी खाएं, जो भारतीय शरीर के प्रकार के लिए काम करता है।”
मसाबा लोगों से कहती हैं – ”हम भारतीय हैं। हमने एक निश्चित तरीके से आयुर्वेद को डिजाइन किया है और आयुर्वेद हमेशा काम करता है।”
तो, क्या आप भी मसाबा गुप्ता की तरह पीसीओएस को परास्त करने के लिए तैयार हैं?
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