प्रसिद्ध हॉलीवुड स्टार जेनिफर एनिस्टन ने अपनी आईवीएफ जर्नी और इन्फर्टिलिटी जैसे समस्याओं से डील करने के बारे में अपनी जर्नी साझा की है। 53 वर्षीय एनिस्टन पॉपुलर हॉलीवुड शो “फ्रेंड्स” का हिस्सा रह चुकी हैं। हाल ही में उन्होनें एल्योर के साथ एक इंटरव्यू में अपने जीवन के इन पहलुओं के बारे में चुप्पी तोड़ी। उन्होनें कहा कि 30 और 40 के दशक के अंत में, वह बेहद मुश्किल दौर से गुज़री।
ये वो दौर था जब टैब्लॉइड में उनकी प्रेगनेंसी की अफवाह के बारे में लिखा जाता था। साथ ही, यह भी कि कैसे वे सेलफिश हैं और अपने कारीयर को प्राथमिकता दे रही हैं।
इंटरव्यू के दौरान जेनिफर नें बताया कि ”जब मेरी फर्टिलिटी के बारे में कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं तब मैं गर्भवती होने की कोशिश कर रही थी……यह वास्तव में कठिन समय था। मैं आईवीएफ से गुजर रही था, कई अलग तरह के नुस्खे अपना रही थी और न जानें क्या क्या।”
”मैं प्रेगनेंट होने के लिए वो सब कर रही थी जो लोग मुझेसे करने को कह रहे थे। मगर, अब सब कुछ मेरे हाथ से निकाल चुका है।”
पहले ब्रैड पिट और बाद में जस्टिन थेरॉक्स से शादी कर चुकी जेनिफर नें यह भी बताया कि 2018 में थेरॉक्स से अलग होने के दौरान, मीडिया में इस बात की अटकलें लगाई जा रही थीं कि ब्रेकअप इसलिए हुआ है “क्योंकि मैं उसे बच्चा नहीं दे पाई”।
इस बात पर एनिस्टन जोर देकर कहती हैं कि यह बिल्कुल झूठ है और अब उन्हें इस बात का कोई रिगरेट नहीं है। वे राहत महसूस होती है कि कम से कम अब वह प्रेगनेंट होने की उम्मीद नहीं करती हैं।
इन्फर्टिलिटी दुनिया भर में एक बड़ी समस्या बनती जा रही है, और इसकी की चुनौतियां कई हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया भर में 15 प्रतिशत प्रजनन आयु के जोड़े बांझपन से प्रभावित हैं।
इससे से निपटना भावनात्मक रूप से उतना ही कठिन है जितना कि शारीरिक रूप से। कभी-कभी, जब एक कपल को लगता है कि वे अपने माता-पिता के सपने को पूरा करने में असमर्थ हैं, तो वे एमोशनल स्ट्रेस में हो सकते हैं।
क्लाउडनाइन ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स, मुंबई (मलाड) की कंसल्टेंट फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट, डॉ राधिका शेठ, बताती हैं कि ”कपल्स को यह जानने की जरूरत है कि इन भावनाओं से निपटने और इन्हें दूर करने के कई तरीके और साधन हैं।”
विशेषज्ञ का कहना है कि बांझपन इन्फर्टिलिटी 6 में से 1 जोड़े को प्रभावित करती है और इसे लेकर कई तरह के मिथ हैं।
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कस्टमाइज़ करें“उदाहरण के लिए, प्रजनन क्षमता को अक्सर उम्र से संबंधित समस्या के रूप में समझा जाता है, जो उन महिलाओं को प्रभावित करती है जो प्रसव में देरी करती हैं।बल्कि चाई यह है कि प्रजनन संबंधी समस्याएं सभी उम्र के पुरुषों और महिलाओं को प्रभावित कर सकती हैं।”
डॉ शेठ कहती हैं – ” अक्सर एक आम धारणा है कि प्रजनन क्षमता एक महिला की समस्या है, जबकि वास्तव में, एक तिहाई से अधिक इन्फर्टिलिटी के मामले पुरुष के कारण होते हैं।”
इनफर्टिलिटी पैदा करने वाले विज्ञान को समझने से, स्थिति से निपटने में काफी मदद मिल सकती है। आप काउंसलर से जाके मिल सकती हैं जो तनाव को कम करने के तरीके बता सकते हैं। इस तरह के सेशन का उद्देश्य स्वास्थ्य को सही रखकर बुरी आदतों को दूर करना भी है, जिससे गर्भाधान की संभावना बढ़ जाती है।
इनफर्टिलिटी के कारण अवसाद और चिंता से जूझ रहे कपल में मनोवैज्ञानिक प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं। साथ ही, एक्सपर्ट द्वारा बताई गई सही डाइट आपकी मदद कर सकती है।
ऑनलाइन हेल्प ग्रूप्स मेंआप ही की तरह समस्याओं का सामना करने वाले जोड़ों को अपने अनुभव साझा करने से आपको मदद मिल सकती है। न केवल प्रेरणा के लिए, बल्कि व्यावहारिक सुझावों और जानकारी के लिए भी।
फर्टिलिटी ट्रीटमेंट से गुजर रही महिलाओं के लिए सपोर्ट सिस्टम का होना महत्वपूर्ण है, जिसमें उनके पार्टनर की बड़ी भूमिका होती है। मेडिकल टीम, परिवार और दोस्तों के पास जाएं वे आपका सपोर्ट सिस्टम बनेंगे। इसलिए, कितनी भी मुश्किलें क्यों न आएं, बस परिवार वालों और एक्सपर्ट की सलाह लें। इससे आपको काफी मदद मिलेगी।
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