“मैं सोशल मीडिया को अपनी मानसिक शांति छीनने नहींं दे सकती”, ट्रोलर्स को श्रिया पिलगांवकर का जवाब

ट्रोल और नकारात्मक कमेंट्स के चलते अपनी मानसिक शांति और नींद से समझौता करने में विश्वास नहीं रखतीं हैं अभिनेत्री-निर्देशक श्रिया पिलगांवकर। हेल्थशॉट्स को दिए इस इंटरव्यू में जानिए श्रिया अपने मानसिक स्वास्थ्य के लिए क्या करती हैं।
श्रिया पिलगांवकर सोशल मीडिया का संतुलित इस्‍तेमाल करने की सलाह देती हैं। चित्र: Shriya Pilgaonkar
श्रिया पिलगांवकर सोशल मीडिया का संतुलित इस्‍तेमाल करने की सलाह देती हैं। चित्र: Shriya Pilgaonkar
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 10 Dec 2020, 11:25 am IST
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चाहें फैन हो, मिर्जापुर या बीचम हाउस- अपनी कला और अदाओं से अभिनेत्री और निर्देशक श्रिया पिलगांवकर ने सभी को मोह लिया है। फिल्म क्रिटिक्स और एक्सपर्ट का मानना है कि लोकप्रिय स्टार्स सचिन और सुप्रिया पिलगांवकर की बेटी श्रिया एक्टिंग की समझ विरासत में लाई हैं। लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि उन्होंने अपने हिस्से का संघर्ष नहीं किया।

आज, सोशल मीडिया पर श्रिया का अपना नाम और प्रशंसक हैं। उनके फैन्स उनके विचारों और जमीन से जुड़े स्वभाव से हमेशा ही प्रभावित रहते हैं। चाहें उनके घूमने का शौक हो, लॉकडाउन के दौरान काम की झलकियां हों या अपने माता-पिता से साथ बिताया वक्त, श्रिया हमें एहसास दिलाती हैं कि वह हममें से ही एक हैं।

लेकिन इससे उन पर स्टार होने का दबाव कम नहीं होता। एक सेलेब्रिटी होने के फायदे के साथ-साथ नुकसान भी हैं, लेकिन श्रिया कभी इसे अपने मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने नहीं देतीं।

श्रिया के लिए सोशल मीडिया प्रोफेशनल सक्‍सेस शेयर करने का मंच हैं। चित्र: Shriya Pilgaonkar
श्रिया के लिए सोशल मीडिया प्रोफेशनल सक्‍सेस शेयर करने का मंच हैं। चित्र: Shriya Pilgaonkar

हेल्थशॉट्स से बातचीत के दौरान श्रिया पिलगांवकर ने बताया कि किस तरह वह सोशल मीडिया पर बढ़ रही नकारात्मकता और अपने मानसिक स्वास्थ्य को संतुलित करती हैं।

सोशल मीडिया से है एक स्वस्थ सम्बन्ध

एक स्टार होने के नाते श्रिया भी सोशल मीडिया पर हर वक्त दुनिया की नजरों में होती हैं, लेकिन उन्होंने इंटरनेट के लिए अपने जीवन को फेक नहीं बनाया है। वह जो हैं सोशल मीडिया पर भी वही नजर आती हैं। वे एक बैलेंस्ड अप्रोच यानी संतुलित ढंग से सोशल मीडिया का इस्तेमाल करती हैं, जहां वे अपनी निजी जिंदगी के बारे में जरूरत से ज्यादा शेयर नहीं करतीं।

श्रिया कहती हैं, “मेरा मानना है कि इस प्रोफेशन के लिए मेरे माता-पिता ने मुझे भावनात्मक रूप से तैयार किया है। जब आप सोशल मीडिया पर अपने सुख-दुख, सफलता-असफलता सब रख देते हैं, तो आप आलोचना की चपेट में आने के लिए अधिक संभावित हो जाते हैं।”

उनके अनुसार सफलता का पैमाना सोशल मीडिया पर अधिक फॉलोवर होना नहीं है, वह अपनी सफलता एक मनुष्य और एक कलाकार के रूप में अपने विकास से नापती हैं।

वह सोशल मीडिया को सिर्फ अपने काम को शेयर करने के लिए इस्तेमाल करती हैं। कभी किसी प्यारे पिल्ले के वीडियो या लोगों के ट्रेवल वीडियो देखना भी उन्‍हें सोशल मीडिया पर पसंद है।

“मैं सोशल मीडिया को प्रोफेशनल प्लेटफार्म की तरह देखती हूं, ना कि मेरे निजी जीवन के हिस्से की तरह। हालांकि सोशल मीडिया के फायदे भी हैं, लेकिन मैं अपनी मानसिक शांति को ताक पर नहीं रख सकती।

इस तरह करती हैं ट्रोल्स का मुकाबला

श्रिया बहुत अधिक ट्रोलिंग का शिकार नहीं होतीं, लेकिन जब कभी ऐसा होता भी है तो श्रिया इसे हास्यास्पद नजरिए से देखती हैं। इस तरह के नकारात्मक कमेंट्स अक्सर फिजूल होते हैं, लेकिन जब कोई श्रिया के माता-पिता पर निशाना साधता है, तो वह आहत हो जाती हैं।

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श्रिया अपनी मानसिक शांति को सर्वोपरि रखती हैं। चित्र : Shriya Pilgaonkar
श्रिया अपनी मानसिक शांति को सर्वोपरि रखती हैं। चित्र : Shriya Pilgaonkar

“मैं इस तरह के ट्रोल्स को बहुत हल्के में लेती हूं। यह लोग सिर्फ ध्यान खींचने के लिए होते हैं और अपने जीवन की भड़ास निकाल रहे होते हैं। लेकिन अगर कोई मुझ पर एक व्यक्ति के रूप में किसी भी तरह का इल्जाम लगाता है, तो मैं उन्हें मुहं तोड़ जवाब जरूर देती हूं। मैं यह स्पष्ट कर देती हूं कि मैं इस तरह की बद्तमीजी बर्दाश्त नहीं करूंगी।”

महामारी और लॉकडाउन 

यह महामारी सभी के लिए बहुत मुश्किल रही है और हम सभी ने अच्छे और बुरे दोनों समय को झेला है। लेकिन श्रिया हर दिन कुछ प्रोडक्टिव करने की होड़ में पड़ने के बजाय सुकून की ओर ही बढ़ती हैं। वह उन कामों को समय देतीं हैं जिनमे उन्हें खुशी मिलती है।

श्रिया मानती हैं, “मैंने खुद को हर वक्त प्रोडक्टिव होने का व्यर्थ दबाव नहीं दिया और जो मुझे पसंद आया वह किया। किताबें पढ़ने से लेकर पेंटिंग, लिखना, एक्सरसाइज करना और यहां तक कि सोना भी- मैंने शांति और सुख का रास्ता चुना। कभी कभी सफलता के पीछे दौड़ने के बजाय रुक कर ब्रेक लेना बेहतर होता है।”

महामारी ने मुझे दिया कूल होने का मौका 

वह कहतीं हैं, “मैं इस महामारी में संवेदना की ओर बढ़ी हूं। जब आप देखते हैं कि विश्व मे इतना कष्ट, इतनी पीड़ा है तो आप अपने आप ही विनम्र और संवेदनशील हो जाते हैं। सकारात्मक रहने के लिए कृतज्ञता बहुत जरूरी है। मैं हर दिन प्रार्थना करती हूं और यह मुझे जमीन से जुड़े रहने में मदद करता है। सोशल मीडिया का अधिक इस्तेमाल मेरे लिए टॉक्सिक हो जाता है। इसलिए मैं कोशिश करती हूं फोन से दूरी ही बनाये रखूं।”

मानसिक स्वास्थ्य को रखती हैं सर्वोपरि

श्रिया कहती हैं, “कई बार तो खबरें पढ़ना या देखना भी तनावपूर्ण हो जाता है। इसलिए मैं इससे दूर रहना ही पसन्द करती हूं। मुझे अपनी मानसिक शांति सबसे प्रिय है और जैसे ही मुझे लगता है कि मेरा फोन मुझे नियंत्रित कर रहा है मैं उससे अलग हो जाती हूं। अलग होना ही हमें सीखना है।”

चित्र: Shriya Pilgaonkar/insta

सुबह उठते ही फोन देखना हम सब के लिए सामान्य हो गया है। लेकिन श्रिया कोशिश करती हैं कि सुबह उठने के बाद 30 मिनट और रात को सोने से पहले 30 मिनट वह फोन से दूर रहें।
“मेरे फोन के नोटिफिकेशन हमेशा बंद रहते हैं और जब बात आती है सोशल मीडिया की, तो मैं बहुत सीमित लोगों को ही फॉलो करती हूं जिनसे मेरी सकारात्मकता बढ़े। अपने मानसिक स्वास्थ्य के लिए मैं यही करती हूं।”

पाठकों के लिए एक सलाह

“सोशल मीडिया पर आपके फॉलोवर आपकी सफलता के परिचायक नहीं हैं। आपको आपके व्यक्तित्व और आपके काम के लिए ही याद रखा जाएगा। इसलिए कभी भी सोशल मीडिया को आपके जीवन को प्रभावित करने न दें। अच्छे लोगों को फॉलो करें, जानकारी रखें और अगर कभी ऑनलाइन बुली और ट्रोलिंग का सामना हो तो उसके स्रोत को जांचें।”, श्रिया सुझाव देती हैं।

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