डायरी लेखन ने बदल दी उनकी जिंदगी : ये है लाइफ स्ट्रेटेजिस्ट अर्पिता भंडारी की कहानी

लाइफ स्ट्रेटेजिस्ट अर्पिता भंडारी ने डायरी लिखने के महत्व को समझा और अब वे बता रहीं हैं कि कैसे इससे उन्हें बेहतर जीवन जीने में मदद मिली।
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ये है लाइफ स्ट्रेटेजिस्ट अर्पिता भंडारी की कहानी. चित्र : arpita bhandari
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 4 May 2022, 03:38 pm IST
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व्यक्तिगत रूप से, जर्नलिंग का विचार मेरे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह एक अद्भुत् अनुभव रहा है। बड़े होने तक मैं अंतर्मुखी, शर्मीली और डरपोक थी। जिसके कारण, मुझे अक्सर मेरे साथियों द्वारा धमकाया और चिढ़ाया जाता था।

मुझे आर्ची के स्टोर से एक डायरी खरीदना याद है, जो लॉक के साथ आई थी। मैंने 9 साल की उम्र में जर्नलिंग शुरू कर दी थी। मैं तब तक चुपचाप डायरी लिखती रही थी, जब तक मेरी मां ने मुझे पकड़ नहीं लिया।

घर में तीन भाई-बहनों के बीच मुझे अलग-अलग देखा जाता था, जिसके कारण मुझमें हीन भावना और कम आत्म-सम्मान की भावना विकसित हुई। उसके ऊपर, मेरे घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, जिससे हम मानसिक और भावनात्मक रूप से परेशान रहते थे।

आत्म अभिव्यक्ति की शक्ति

बड़ी होने पर, मैं कभी अपनी भावनाओं और विचारों को व्यक्त नहीं कर पाती थी। मैंने उन्हें दबाने की कोशिश की और किसी के सामने खुलने से पहले कई बार सोचती थी। दबी हुई भावनाओं के कारण मुझे पीसीओडी, गंभीर माइग्रेन, पीठ के निचले हिस्से की समस्याएं, त्वचा की गंभीर समस्याएं और एलर्जी जैसी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा हो गयीं। मेरा मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ गया, जिससे मुझे विश्वास होने लगा कि मैं बेकार और असहाय हूं।

फिर अपने वैवाहिक जीवन में भी कई उतार-चढ़ावों से गुजरने के बाद, मुझे खुद को खोजने की जरूरत बहुत ज्यादा बढ़ गई। मैं एक ऐसी मां नहीं बनना चाहती थी जिसे मेरा बच्चा कमजोर, भयभीत और असहाय समझे। मैंने सारी हिम्मत और ताकत इकट्ठी की और खुद को बेहतर व्यक्ति बनाने के प्रयास किये।

धीरे-धीरे, मेरी आध्यात्मिकता के मार्ग में गहरी रुचि पैदा हुई, जिससे मुझे संतोष और संकल्प खोजने के लिए वैकल्पिक तरीकों का अनुभव हुआ। मुझे दृढ़ता से विश्वास होने लगा था कि अपने सपनों और लक्ष्यों का पीछा करने से मुझे खुद को एक व्यक्ति के रूप में खोजने में मदद मिल सकती है। इसलिए, मैंने अपने जीवन और दूसरों के जीवन को बदलने की जिम्मेदारी लेने के अपने जुनून को फिर से जिंदा किया।

थीटा हीलिंग®️ और अन्य वैकल्पिक तरीकों में औपचारिक प्रशिक्षण लेते हुए, आत्म-अभिव्यक्ति और मेरी ऊर्जा को चैनलाइज करने की एक मजबूत आवश्यकता थी। अपने प्रशिक्षण के माध्यम से, मैं अपने और अपने जीवन के बारे में महत्वपूर्ण खुलासे करने में सक्षम हुई।

यहीं पर जर्नलिंग सेल्फ एक्सप्रेशन का एक सशक्त मार्ग बन गया, जिससे मैं अपने विचारों और भावनाओं के साथ और अधिक अभ्यस्त हो सकी।

लेखन एक वरदान है

मैं पिछले 10 वर्षों से लगातार डायरी लिख रही हूं और इससे मैं अपनी ऊर्जा और आकर्षण बनाए हुए हूं। लेखन ने मुझे लक्ष्यों और इच्छाओं के संदर्भ में और अधिक स्पष्ट होने में मदद की। इसने मुझे खुद को खोजने में मदद की, जिससे मेरा आत्मविश्वास बढ़ा।

जब भी लिखती हूं, तो खुद को हल्का महसूस करती हूं। मुझे जीवन में प्रगति के लिए स्पष्टता मिली और मुझे लक्ष्य निर्धारित करने और उन्हें पूरा करने में मदद मिली।

अपने विचारों और भावनाओं पर नज़र रखने से मुझे खुद की पहचान करने और अपने जीवन के हर पहलू की सराहना करने में मदद मिली। जर्नलिंग के माध्यम से, मैं खुद को वापस पा सकी क्योंकि इसने मुझे अपने अवचेतन मन और अंतर्ज्ञान के संपर्क में रहने की अनुमति दी है।

इन वर्षों में, मैंने सीखा है कि जर्नलिंग वास्तव में एक वरदान है क्योंकि मैं कभी भी इसकी अद्भुत शक्ति जो जान नहीं सकती थी।

जर्नलिंग जीवन को संभालने और खुद को समझने में बहुत आवश्यक दृष्टिकोण प्रदान करती है। यह एक ऐसा उपकरण है जिसे मैं अपने ग्राहकों को दैनिक आधार पर उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करती हूं। जैसे मैंने किया, वे भी जर्नलिंग के माध्यम से अपनी ऊर्जा का उपयोग कर सकते हैं और एक बेहतर व्यक्ति बन सकते हैं।

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