एंबिशियस, स्टाइलिश और सुपर बिजी होने के साथ-साथ टीना में है गजब का आत्मविश्वास। टीना ने कभी भी अपने पीरियड्स को समस्या नही समझा। आसमान की बुलंदियों और अपनी मेहनत के बीच पीरियड्स का बहाना कभी नहीं बनाया।
मिलिए टीना कक्कड़ से, जो एक सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर है। टीना फैशन और लग्जरी लाइफ का प्रतिनिधित्व करती हैं। फैशन और लाइफस्टाइल संबंधित ब्लॉग की कोफाउंडर भी हैं, जिसका नाम “दी इमेज कोड” है। साथ ही साथ दुल्हनों की शानदार साज-सज्जा को लेकर ऑनलाइन स्पेस पर भी काफी एक्टिव है। जिसका नाम है “द ब्राइडल अफेयर इंडिया”।
उनके जीवन में ऐसे बहुत से काम है जो वह एक साथ संभाल रही है। विभिन्न प्लेटफॉर्म पर उनका यूं ही हर समय एक्टिव रहना उन्हें हद से ज्यादा व्यस्त रखता हैं। आउटडोर शूट से लेकर ब्रांड इवेंट तक को एनालाइज करना स्टेटसजाइज करना (brand events to analysing and strategizing). इस सब चीज़ों को अपनी टीम के साथ लेकर आगे बढ़ना, इस सब के बावजूद अपनी पर्सनल लाइफ को भी मैनेज करना, यह महिला वह सारे काम करती है जो उसे आधुनिक बनाते हैं।
टीना कहती है, “मेरे पहले पीरियड दर्द भरे थे। पर वह एक चीज जिसके कारण में आगे बढ़ पाई, वो था मेरा नजरिया क्योंकि मैं काम के रूप में पीरियड्स को नजर अंदाज करने में कामयाब रही। मैंने कभी भी इसे अपने काम के रास्ते में आने नहीं दिया। उन 5 दिनों में भी मैंने काम करना जारी रखा।”
वह आगे कहती हैं, “सच कहूं तो शायद ही मेरे पास कोई विकल्प बचता था। क्योंकि जैसा काम हमारा है उसमें आप विक्रेताओं को, शेड्यूल को पोस्टपॉन नहीं कर सकते। वे लोग बहुत बिजी होते हैं। सच तो यह है कि ऐसी समस्याओं के लिए इस फील्ड में कोई बहाना नही चलता।”
वह अपनी बात को तथ्य के साथ साबित करते हुए कहती हैं, “क्या आपने कभी सुना है किसी एथलीट को शिकायत करते कि मैं आज खेल नहीं सकती क्योंकि मेरे पीरियड चल रहे हैं। वह कहती है कि मुझे नही लगता कि आपके लक्ष्य के बीच में कुछ भी आना चाहिए।”
मुझे हमेशा समझाया गया कि पीरियड्स के दौरान ज्यादा शारीरिक श्रम नहीं करना चाहिए। जबकि हाल ही में मैंने महसूस किया कि वर्कआउट तो मेरे लिए कमाल का साबित हुआ। कसरत मुझे ब्लोटिंग (period bloating) की अवधि से छुटकारा पाने में मदद करती है। यह मेरे मूड को बदलती है, यहां तक कि पीएमएस (PMS) के दौरान जो ऐंठन मेरे शरीर में होती है उसे भी कम करने में मदद करती है।
जब मेरे पीरियड्स हो और मुझे शूटिंग पर जाना पड़े तो, मैं कोशिश करती हूं अपने आपको ज्यादा से ज्यादा हाइड्रेटेड रखने की। मैं खाना सही प्रकार से और पौष्टिक खाती हूं। मेरे पीरियड्स में मेरा साथ देते हैं- भरपूर नींद, कुछ योग आसान, कॉमिनग टी (calming tea) और कभी-कभी एक पेन-किल्लर पर अगर ऐंठन अधिक हो तभी उसे इस्तेमाल करती हूं।
कक्कड़ कहती हैं, “बीत गए वो दिन जब महिलाएं “महीने के उन दिनों” का बहाना बनाया करती थीं। समय आ गया है की नारीत्व के उस हिस्से को खुद से निकाल कर फेक दिया जाए।”
हो सकता है टीना की बातें और उसके तथ्य आपको अपने पीरियड्स के अनुसार ज्यादा सख्त लगे, क्योंकि हर महिला अलग प्रकार के पीरियड का अनुभव करती है। अगर आपके पीरियड्स बहुत दर्द भरे हैं और आपको इस दौरान मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इसपर हम यह सुझाव देते हैं कि आपको किसी विशेषज्ञ से परामर्श जरूर कर लेना चाहिए ताकि आप अपनी पीरियड्स को असहनीय होने से रोक सकें।
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कस्टमाइज़ करेंअंत में वे कहती हैं कि हर कोई अपने हारमोंस के मुताबिक अपने पीरियड्स का अनुभव करता है। पर इसका मतलब यह नहीं कि आप इसके कारण जीना ही छोड़ दें। अगर आप खुश किस्मत हैं और आपकी पीरियड्स सहने योग्य है तो आपको “उन दिनों” को भी दूसरे दिनों की तरह ही जीना चाहिए