“मैं अपने शरीर को वैसे ही प्यार करती हूं जैसा वह है”। मैंने यह बहुत सुनी है, लेकिन सच कहूं तो मुझे लगता है ये बयान किसी आलसी व्यक्ति ने ही पहली बार दिया होगा। मैं उन लोगों के बारे में बात नहीं कर रही हूं, जो चिकित्सकीय रूप से अनफिट हैं। मगर मैं अपने आस-पास कई ऐसे लोगों को जानती हूं जो अपने सुस्त व्यवहार को सही ठहराने के लिए इस उपरोक्त वाक्य का इस्तेमाल करते हैं।
कुछ साल पहले मैं भी अलग नहीं थी। लेकिन जब मुझे लगा कि वजन कम करना और फिट रहना सिर्फ दिखने के लिए नहीं, बल्कि पूरे स्वास्थ्य के लिए जरूरी है तो मैंने अपने स्वास्थ्य के बारे में कुछ करने का फैसला किया।
चलिए शुरू से बताती हूं, इस पूरी यात्रा के बारे में। मैं 31 वर्षीय निकिता भारद्वाज हूं, जो कंटेंट प्रोड्यूसर और 2016 से हेल्थ फ्रीक हैं।
आप कह सकते हैं कि मैं फिटनेस की दुनिया में नौसिखिया हूं। लेकिन मैं यहां क्यों हूं? मुझे अपने फिटनेस स्तरों के बारे में इतना जुनूनी बनने के लिए किस चीज ने इतना प्रेरित किया कि मैं आज यहां आप लोगों को बताने वाली हूं। मुझे यह कहने में कोई शर्म नहीं है कि यह वास्तव में मेरा वजन था – और जिस तरह से इसने मुझे महसूस कराया।
एक समय था जब मैंने दस महीने में 22 किलो वजन बढ़ाया था। मैं एक मीडिया हाउस में काम कर रही थी जब मैंने यूपीएससी (UPSC) के लिए प्रयास करने का फैसला किया। इसके लिए मैंने नौकरी छोड़ दी और परीक्षा की तैयारी करने लगी।
17 घंटे तक बैठना और पढ़ना मेरी दिनचर्या थी। भले ही मैं पढ़ाई से ब्रेक लेने के लिए तैरती थी, लेकिन मेरा वजन बढ़ता चला गया।
आप देख सकते हैं कि तैराकी ने मेरे तनाव को कम कर दिया है, लेकिन यह मेरे वजन को कम नहीं कर सका।तैरना एक बेहतरीन कसरत है। यह वजन घटाने में मदद करता है, मांसपेशियों को टोन करता है, वगैरह, वगैरह … यह सब सच है, लेकिन किसी ने मुझे नहीं बताया कि वजन कम रखने के लिए मुझे सख्ती से तैरने की जरूरत है। तैराकी से वजन घटाने के लाभों को बनाए रखने के लिए एक बार में दो से तीन लैप तैरना पड़ता है। इसके बारे में मुझे नहीं पता था।
एक और बात, जो मुझे नहीं पता थी वह यह थी कि तैराकी के बाद आपको बहुत भूख और नींद आती है जिस पर आपको नियंत्रण करना चाहिए। इसलिए, पूल में गोता लगाने के बाद, मैं अपने कुछ पसंदीदा फूड्स के बाउल हजम कर जाती थी।
यूपीएससी की परीक्षाएं आईं और चली गईं- और मैंने इसमें सफलता नहीं पाई। इसलिए, मैं नौकरी की तलाश में वापस लग गई। इस तरह मेरा संघर्ष शुरू हुआ- कपड़ों के साथ, जिनमें से कोई भी मुझे सूट नहीं कर रहा था। मैंने यह भी महसूस किया कि मैं बहुत सुस्त हो गई थी। थोड़ी दूर चलने के बाद ही मेरी मांसपेशियों में दर्द होने लगता था।
मेरा आत्मविश्वास खत्म हो गया था और जीवन में कुछ भी करने के लिए मुझमें जीरो मोटिवेशन था। लेकिन फिर, मेरे साथ कुछ हुआ। मैं एक पार्टी में थी ,, जब किसी ने मुझे यह फोटो दिखाया:
हां, यह वह क्षण था जब मुझे एहसास हुआ कि मैंने अपने शरीर के साथ क्या किया है। उस पल के बाद मैंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
उसी क्षण मैंने फैसला किया कि मैं अपने शरीर को ठीक करने जा रही हूं। मुझे पता था कि मैं निश्चित रूप से ऑबेसिटी की स्थिति में पहुंच रहीं हूं। इसलिए मैंने अपनी पूरी ताकत से काम करने का फैसला किया।
लेकिन मुझे पता था कि सिर्फ जिम करने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। इसलिए मैंने एक डाइट फॉलो करने का भी फैसला किया – जिसमें पांच महीने के लिए जंक फूड, चीनी और ड्रिंक्स पूरी तरह से बंद था।
मुझे वह दिन याद है जब मैंने अपना सफर शुरू किया। मैं इस सबका श्रेय अपनी इच्छा शक्ति को देती हूं जिसने मुझे उन पिज्जा पार्टियों और अपने दोस्तों के साथ ड्रिंक्स के दौरान कभी अकेला नहीं छोड़ा। जब वे जंक फूड इन्जॉय कर रहे थे, मैं अपनी सलाद की प्लेट का आनंद लेती थी।
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मेरी बेस्टी की शादी में जानें की एक और चुनौती मेरे सामने थी।जिस दिन मुझे यह खबर मिली, मुझे समझ नहीं आ रहा था कि उसकी शादी से खुश होऊं या इस बात की चिंता करूं कि मैं कितनी अनफिट दिख रही हूं। सौभाग्य से, मेरे पास खुद को फिर से बदलने का समय था।और फिर हुआ परिवर्तन जब मैंने जिम, डाइट और प्रोटीन शेक नियमित रूप से लिया।
मैं सुबह 4:30 बजे उठती (जो मैं अभी भी करती हूं), अपना सुबह का रिजीम (नींबू, शहद, और चिया के बीज गुनगुने पानी में) पीती हूं, और पांच बजे जिम जाती हूं।
जब मैंने अपना आहार चुना तो उसमें साधारण चीजों को शामिल किया। अंडे, दूध और अनाज के साथ एक पौष्टिक नाश्ता मेरी डाइट थी। ऑफिस में, मैं एक रोटी उबली हुई दाल (नमक नहीं और सिर्फ थोड़ा सा घी) के साथ खाती थी। लंच का समय सलाद और दही का ही था। शाम को ग्रीन टी और रात के खाने के लिए मेरे पास विकल्प थे जैसे – अंकुरित अनाज, एक कटोरी दाल, फल, और कभी-कभी सिर्फ एक गिलास दूध। बेशक, मैं ड्राई फ्रूइट्स मंच करती थी जब दिन के बीच में भूख लगती थी।
पांच महीने और बिना किसी चीट मील ने मुझे वह बना दिया जो मैं आज हूं। मैं यह साफ कर देना चाहती हूं कि यह सफर सिर्फ वजन घटाने का नहीं था। यह उससे कहीं ज्यादा था, क्योंकि अब मैं उस ताकत को अपने अंदर महसूस कर सकती हूं। मेरे लिए, सहनशक्ति हमेशा एक चिंता थी-लेकिन अब नहीं। और वेट ट्रेनिंग ने मुझे मांसपेशियों के दर्द से छुटकारा पाने में मदद की।
इतना ही नहीं, पिछले साल अक्टूबर में मैंने अपनी पहली मैराथन दौड़ लगाई और मुझे आश्चर्य हुआ कि उन डेली जिम सेशन्स ने अपना असली रंग दिखाया। मेरा मतलब है, मैंने अपना पहला 10k रन पूरा किया और मुझे बिल्कुल भी दर्द नहीं हुआ। मैंने अपना रन सिर्फ एक घंटे पंद्रह मिनट में पूरा किया- पहली बार के लिए, यह बुरा नहीं है।
फिट रहना सिर्फ आपके शरीर के बारे में नहीं है – यह दिमाग के बारे में भी है। मैं अब अधिक सकारात्मक हूं, अधिक प्रोडकटिव हूं, हमेशा प्रेरित रहती हूं।
मेरी इस यात्रा ने मुझे धीरज और दृढ़ता की शक्ति में विश्वास करने वाला बना दिया है। यह एक स्लिम आउटफिट में फिट आने के बारे में नहीं है। न ही यह बॉडी शेमिंग के बारे में है। यह इस तथ्य के बारे में है कि मैं खुद को उस तरह पसंद नहीं कर रही थी – एक अस्वस्थ व्यक्ति जिसने अपने शरीर के साथ गलत व्यवहार किया।
ऐसा नहीं है कि मैंने अपने जंक फूड को बिल्कुल छोड़ दिया है, चाहे वह भोजन हो या ड्रिंक्स। लेकिन अब मैं संतुलित आहार, व्यायाम और अपना वजन नियंत्रण में रखती हूं। मुझे यह बहुत अच्छा लग रहा है!
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