पिछले कुछ समय मे बॉलीवुड में कीर्ति कुल्हारी ने अपनी एक जगह बना ली है। पिंक, मिशन मंगल और उरी जैसी सफल फिल्मों से लेकर अमेजन प्राइम की वेब सीरीज ‘फोर मोर शॉट्स प्लीज’ तक, कीर्ति अपनी कला का जलवा बिखेर रहीं हैं और दर्शकों को लुभा रहीं हैं।
रील लाइफ से लेकर रियल लाइफ तक कीर्ति के प्रशंसक उनके अंदाज के कायल हैं। अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर कीर्ति अक्सर लाइव सेशन्स के माध्यम से अपने फैंस से जुड़ी रहती हैं। अपने स्किन केयर रूटीन से लेकर अपनी फिटनेस टिप्स तक कीर्ति लॉकडाउन में अपने फैंस के लिए मौजूद रहीं हैं।
हेल्थशॉट्स के साथ इस इंटरव्यू में कीर्ति ने बताया किस तरह वे हर वक्त कैमरे की नजर में रहने से कम्फर्टेबल हो चुकी हैं और कैसे वह सोशल मीडिया पर नकारात्मकता और ट्रोल्स का सामना करती हैं।
एक स्टार होना दूर से जितना आसान लगता है उतना होता नहीं। आप हर वक्त लोगों की नजर में होते हैं और आपको अपने हर कदम को सोच समझ के उठाना पड़ता है। लेकिन कीर्ति एक सेलेब्रिटी होने में पूरी तरह सहज हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्होंने रियल लाइफ और रील लाइफ में फर्क बना लिया है।
कीर्ति कहती हैं, “एक्टर होना बहुत प्रेशर भरा है, लेकिन इस प्रेशर से निपटने के लिए मैं खुद को हर वक्त यह एहसास दिलाती रहती हूं कि यह मेरा काम है, लेकिन मैं सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं हूं। मैं ऐसे लोगों के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताती हूं, जो मुझे एक अदाकारा की तरह नहीं बल्कि मैं जो हूं उसके लिए जानते हैं। मैं सोचने-विचारने और मेडीटेशन में भी बहुत समय देती हूं। मेरे आस पास कुछ भी हो रहा हो, या कोई कुछ भी कहे, उसका मुझ पर असर नहीं होता। मैं एक साधारण व्यक्ति हूं जिसे सादा जीवन जीने में विश्वास है।”
कीर्ति के इंस्टाग्राम एकाउंट को देखते ही आप समझ जाएंगी कि कीर्ति भी हमारी तरह ही हैं। वे एक आम जीवन जीती हैं और अपने सोशल मीडिया पर भी ऐसी ही हैं। वह कोई दिखावा नहीं करतीं। वह जो मानती हैं उसे कहने में हिचकिचाहट नही रखतीं। यही कारण है कि सोशल मीडिया से कीर्ति का रिश्ता बहुत सकारात्मक है।
कीर्ति बताती हैं,”अपनी बात करूं तो सोशल मीडिया ने मेरे जीवन पर बहुत दुष्प्रभाव नहीं डाला है। मैं किसी तरह का फरेब नहीं करती, जो हूं वही दिखती हूं। मैं मुखौटे पहन कर नहीं घूमती और मेरे प्रशंसक इस बात की कद्र करते हैं। मुझे तो लगता है जब मैं अपना असली चेहरा सोशल मीडिया पर रखती हूं, लोग उससे प्रेरणा लेते हैं और खुद भी वही करते हैं। मैं सोशल मीडिया का आनंद उठाती हूं और यही कारण है कि नकारात्मकता का मुझ पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।
जब बात आती है सोशल मीडिया की, तो उनका मंत्र यही है- यह आपके जीवन का हिस्सा है, आपका जीवन नहीं। वह अक्सर फोन से दूर दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताना पसंद करती हैं।
कीर्ति ने महसूस किया है कि कुछ पोस्ट, खासकर किसी धर्म से जुड़े पोस्ट पर बेवजह और अनचाहे कमेंट किये जाते हैं। चाहें उस पोस्ट में कुछ भी गलत ना हो, लेकिन लोग आपको निशाना बनाते ही हैं। इसका कारण कीर्ति देश के हालात को मानती हैं, जहां आज लोगों में धार्मिक सहिष्णुता की भारी कमी है।
कीर्ति अपने अंदाज में ही नहीं बात में भी बेहद बोल्ड हैं। वे कहती हैं, “ट्रोल्स किसी भी हद तक जाकर उल्टी-सीधी बातें करते हैं क्योंकिं उन्हें कोई रोकने वाला नहीं है। लेकिन सौभाग्य से मुझे इन बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता। मुझे तो हैरानी होती है किस तरह कुछ लोग इन बातों पर प्रतिक्रिया देते हैं। मैं हद से हद इन बातों से देश की स्थिति से अवगत हो जाती हूं और इन बातों को दिल पर नहीं लेती।”
कीर्ति का यह भी मानना है कि ट्रोल्स इंस्टाग्राम के मुकाबले ट्वीटर पर अधिक सक्रिय हैं जिसके कारण वह इंस्टाग्राम पर ही समय बिताना पसन्द करती हैं। हालांकि ऐसा तो कोई ऐप नही है जिसमें बिल्कुल भी ट्रोल ना हों, लेकिन अधिकतर कीर्ति इस तरह के कमैंट्स पर ध्यान नहीं देतीं।
“मैं अक्सर इस तरह के कमेंट पढ़ती ही नहीं हूं। जब तक मुझे जरूरी नहीं लगता तब तक मैं इन चीजों का कोई जवाब भी नहीं देती। अगर मुझे लगता है कि मेरे शब्दों से किसी के कान पर जूं नहीं रेंगने वाली तो मैं बात को नजरअंदाज कर देती हूं। ज्यादा होता है, तो ब्लॉक या रिपोर्ट कर देती हूं। मुझे किसी भी तरह के विचारों से कोई आपत्ति नहीं है। बस जब अप शब्द इस्तेमाल होते हैं, तो मैं बर्दाश्त नहीं करती।”
“मुझे कुछ करना नहीं पड़ा, क्योंकि मैं उन लोगों में से हूं जो घर पर रहना पसंद करते हैं। मैं घूमने जाती हूं, लेकिन मुझे हर समय घर से बाहर जाने की जरूरत नहीं लगती। तो मेरे लिए घर में रहना कोई बड़ी समस्या नहीं रही। मेरे लिए तो यह बहुत सकारात्मक था क्योंकि मुझे अपने और अपनों के लिए बहुत समय मिला।”, कीर्ति बताती हैं।
मेरे लिए यह समय शांति भरा था जब मैंने ध्यान दिया कि मैं क्या कर रही हूं और मेरे आसपास क्या हो रहा है। मुझे पता है कि यह वक्त भी निकल जाएगा।
कीर्ति योग की दीवानी हैं और अक्सर मेडिटेशन में समय देती हैं। उनका विश्वास है कि जीवन की कठिन परिस्थितियों में मेडिटेशन ने ही उनका साथ दिया है।
इसके साथ ही घूमना कीर्ति की एक और कमजोरी है। वह घूमने का मौका कभी नहीं छोड़तीं।
“मैं कोशिश करती हूं कि खुद को सोशल मीडिया के ड्रामे में ना फंसने दूं। जब मैं घूमती हूं तो खुद को भूल जाती हूं और शोहरत से दूर एक आम जीवन जीती हूं। इससे मेरा दिमाग खराब नहीं होता, संतुलन बना रहता है।”
“नए लोगों को मैं यही समझाना चाहूंगी कि सोशल मीडिया पर होना आपकी चॉइस है, यह अनिवार्य नहीं है। अगर आपको सही नहीं लगता, तो आपको इसका हिस्सा होने की जरूरत नहीं है। इसकी अच्छाइयों के साथ-साथ बुराइयां भी हैं। यह बहुत नकारात्मक मोड़ ले सकता है। आपको सिर्फ कोई काम इसलिए नहीं करना है क्योंकि दुनिया ऐसा कर रही है। जो आपको सुकून दे, वही करें। आप हमेशा ही एक कदम पीछे लेकर सोशल मीडिया से ब्रेक ले सकते हैं।
इन ऐप्स पर समय बिताना गलत नहीं है, बस सिर्फ तब तक जब तक यह आपको नकारात्मक व्यक्ति ना बनाये।
कीर्ति कुल्हारी सलाह देती हैं, “आप अगर दुनिया की तरफ देखो, तो पाओगे कि सोशल मीडिया पर जो दिख रहा है वह सच्चाई नहीं है। सोशल मीडिया महत्वपूर्ण नहीं है और जितना जल्दी आप यह समझेंगे उतना आपके लिए बेहतर होगा।”
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