कोविड संक्रमण के 20 दिन बाद भी मैं सिर दर्द और एंग्‍जायटी से जूझ रही हूं, इसे वायरस की विदाई का अंतिम अनुष्‍ठान मानिए

कोरोनावायरस की उपस्थिति हवा में है यह तो तय है, पर उपचार हमारी मुट्ठियों में है। ये आप पर है कि आप कौन सी मुट्ठी, किस मंशा से खोलते हैं।
कोविड से उबरने के लिए आपको तन और मन दोनों तरह से तैयार होना पड़ता है।
कोविड से उबरने के लिए आपको तन और मन दोनों तरह से तैयार होना पड़ता है।
योगिता यादव Updated: 25 May 2021, 06:40 pm IST
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मैं पिछले डेढ़ साल से घर पर हूं। बीच में कभी बाहर जाना भी हुआ तो मास्‍क, सेनिटाइजर और सोशल डिस्‍टेंसिंग का साथ नहीं छोड़ा। खासतौर से पिछले दो महीने से, मेरा घर ही मेरी पूरी दुनिया है। बाहर की आवाजाही पूरी तरह शून्‍य। इसके बावजूद मैं कोरोनावायरस से संक्रमित हुई। इसने मुझे फि‍र याद दिलाया कि यह वायरस एयरबोर्न है। यानी व्‍यक्ति के सीधे संपर्क में न आने के बावजूद आप साझा वातावरण से भी इसे ग्रहण कर सकते हैं। वह साझा वातावरण आपकी बिल्डिंग की सीढियां और लॉन भी हो सकते हैं।

मैं उन 2,37,28,011 खुशकिस्‍मत लोगों में से हूं, जो कोरोना संक्रमण से ठीक हुए। जबकि 3,03,720 लोग ऐसे भी हैं, जो कोरोना के इस आघात को बर्दाश्‍त नहीं कर पाए और हमारी दुनिया से दूर चले गए। तीन लाख से ज्‍यादा का यह आंकड़ा सिर्फ संख्‍या भर नहीं है, एक भरा-पूरा समाज था, जो अब धीरे-धीरे खाली हो रहा है। मेरे आसपास एक भी ऐसा परिवार नहीं है, जिसने किसी अपने को कोविड-19 की इस दूसरी लहर में न खोया हो। यकीनन कोरोनावायरस की दूसरी लहर पहली की तुलना में कई ज्‍यादा घातक है।

गले की हल्‍की खराश से कोरोना पॉजिटिव होने तक

यह 3 मई की रात थी जब मुझे अपने गले में खराश महसूस हुई। एक बेहतर नींद के लिए मैंने कफ सीरप लेना बेहतर समझा। जबकि 4 मई की सुबह मैं उसी खराश के साथ वापस उठी। मेरी सुबह अदरक वाली चाय के साथ होती है, और आज भी इसने मुझे आराम दिया।

अदरक वाली चाय इस दौरान गले को आराम देती है। चित्र : शटरस्टॉक
अदरक वाली चाय इस दौरान गले को आराम देती है। चित्र : शटरस्टॉक

मगर दोपहर होते-होते बुखार बढ़ने लगा। मैंने तुरंत डॉक्‍टर से संपर्क किया और तय हुआ कि सबसे पहले कोविड टेस्‍ट करवाया जाए। यह 5 मई की सुबह थी, जब मेरा कोविड-19 टेस्‍ट पॉजिटिव आया, जिसमें वायरल लोड काफी ज्‍यादा था। बीटाडिन के गरारे और बुखार की दवा पहले से ही मेरा साथ देती रहीं।

एक बीमार और हजार उपचार

जब आप बीमार पड़ते हैं तो आपके प्रियजन, आपके दोस्‍त आपको ढेर सारी सलाहें देते हैं। पर कोरोनावायरस के बारे में आपको सिर्फ अपने डॉक्‍टर की सलाह माननी है। इसमें भी अगर आप अपने फैमिली डॉक्‍टर की सलाह मानें तो ज्‍यादा बेहतर है। क्‍योंकि वह आपके स्‍वास्‍थ्‍य इतिहास के बारे में पहले से ही काफी कुछ जानते हैं।

इस तरह आप उन जटिलताओं से बच सकते हैं, जिनसे कोविड उपचार के बाद कई लोगों को जूझना पड़ रहा है। यह कई अध्‍ययनों में साबित हो चुका है कि कोरोना सिर्फ आपके फेफड़े ही नहीं, आपकी आंत, हृदय और मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य को भी नुकसान पहुंचाता है। अगर डायबिटीज या हाइपरटेंशन जैसी किसी जटिलता से आप पहले ही ग्रस्‍त हैं, तो आपको कोविड उपचार के दौरान दोहरी सतर्कता बरतनी होगी।

प्रोटीन भरे दिन

कोरोनावायरस आपके इम्‍युनिटी सेल्‍स पर हमला करता है। इसलिए इससे मुकाबले का सबसे बेहतर हथियार है कि अपनी इम्‍युनिटी को मजबूत किया जाए। विटा‍मिन सी, जिंक और अन्‍य दवाओं के साथ मैंने अपने आहार में प्रोटीन की खुराक बढ़ा दी। कुछ डॉक्‍टर अच्‍छे कुक भी होते हैं, यकीन मानिए। क्‍योंकि मेरे डॉक्‍टर ने मुझे बाजार से प्रोटीन सप्‍लीमेंट लेने की बजाए ताजा पनीर बनाना सिखाया।

पनीर शाकाहारियों के लिए एक जरूरी पोषक आहार हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक
पनीर शाकाहारियों के लिए एक जरूरी पोषक आहार हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक

सोयाबीन, अंकुरित मूंग दाल और अलग-अलग तरह की दालों और फलियों वाले वे प्रोटीन से लबरेज दिन रहे। मैंने भी इन सबका खूब‍ स्‍वाद लिया, क्‍योंकि कोरोना ने मेरे स्‍वाद और गंध पहचानने की क्षमता को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया था।

डॉक्‍टर नहीं परियां हैं

पांच दिन बीतते मैं यह मानने लगी थी कि वायरस मुझे ज्‍यादा नुकसान नहीं पहुंचा पाया है और मैं अब ठीक होने लगी हूं। लैपटॉप, मोबाइल ही नहीं, मैंने उत्‍साहवर्धक अनुभव में कुछ और काम भी निपटाए। हालांकि मांसपेशियों का दर्द इन पांच दिनों में लगातार परेशान करता रहा।

मगर छठे दिन कोरोना ने एक जोरदार झटका दिया, जब मेरा ऑक्‍सीजन लेवल घटने लगा। और फि‍र डॉक्‍टर मुस्‍तैद हुईं, झटपट कुछ टेस्‍ट करवाए गए और शेष दवाओं के साथ स्‍टेरॉयड भी शुरू करनी पड़ी। मगर सबसे जरूरी चीज जो मुझे इस दौरान फॉलो करनी थी, वह थी प्रोनिंग (Proning) यानी छाती के बल लेटना।

उल्‍टे लेटकर सांस लेना ऑक्‍सीजन के स्‍तर को बेहतर बना सकता है। चित्र: शटरस्‍टॉक
उल्‍टे लेटकर सांस लेना ऑक्‍सीजन के स्‍तर को बेहतर बना सकता है। चित्र: शटरस्‍टॉक

आपने बचपन में परी कथाएं सुनी होंगी। परियां अपने साथ कुछ नहीं लातीं, बस आप अपनी ख्‍वाहिश बताते जाते हैं और वे उन्‍हें पूरी करती जाती हैं। कोरोना से हमारे डॉक्‍टर इसी तरह लड़ रहे हैं। कोरोनावायरस हर व्‍यक्ति को अलग तरह से प्रभावित कर रहा है। इसलिए डॉक्‍टर भी उन जटिलताओं के हिसाब से उपचार कर रहे हैं।

आपको कुछ दिन गैजेट्स छोड़ देने चाहिए

ये मेरे डॉक्‍टर की सलाह थी, और उन दोस्‍तों की भी जो फोन पर ही मेरे एकांत के दिनों में मेरा हालचाल पूछ रहे थे। आइसोलेशन के दिनों में इसी सलाह पर अमल करना सबसे मुश्किल होता है। जहां सामाजिकता ही संस्‍कृति, मिलना-‍मिलाना ही उत्‍सव है, वहां अलगाव सबसे बड़ी चोट है। आप किसी से मिल नहीं सकते, तब बचते हैं सिर्फ गैजेट्स, जिनसे आप दूसरों का होना महसूस कर सकते हैं। हालांकि यह भी पूरी तरह हानिहीन (Harmless) नहीं है।

पोस्‍ट कोविड इफैक्‍ट

कोरोना वायरस के हमले का अपना तरीका है। यह चरणबद्ध तरीके से आपके शरीर के दाखिल होता है। पहले चरण में आपकी नाक और गला इससे प्रभावित होते हैं, उसके बाद शरीर के बाकी हिस्‍सों पर इसका असर नजर आता है। कभी-कभी इसके इफेक्‍ट न्‍यूरोलॉजिकल भी होते हैं। जिसमें एंग्‍जायटी से लेकर मेमोरी लॉस तक कुछ भी हो सकता है।

कोविड के बाद ज्‍यादातर मरीज एंग्‍जायटी की शिकायत कर रहे हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक
कोविड के बाद ज्‍यादातर मरीज एंग्‍जायटी की शिकायत कर रहे हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक

कोविड के बाद ज्‍यादातर मरीजों में गुस्‍सा, चिड़चिड़ापन और सिर दर्द की शिकायत देखी गई है। जिससे मैं इन दिनों जूझ रही हूं। शाम होते-होते मेरा एंग्‍जायटी लेवल बढ़ जाता है और सुबह का हल्‍का सिर दर्द अब तेज होने लगता है।

औषधि वही जो काम कर जाए

कोविड-19 वायरस का यह म्‍यूटेंट स्‍ट्रेन है, जिस पर अध्‍ययन अभी जारी हैं। इसलिए जरूरत है समग्र उपचार की। यह एलोपैथी और आयुर्वेद की रस्‍साकशी का समय नहीं है। स्‍वास्‍थ्‍य लाभ के जितने तरीके हमारे पास उपलब्‍ध हैं, यह उन्‍हें तर्क संगत तरीके से आजमाने का समय है।

मेरा सिर दर्द बढ़ने लगा है और मैं शिव कुमार बटालवी के गीत प्‍ले कर देती हूं। संगीत भी एक थेरेपी है, प्रेम भी एक उपचार है और प्रार्थना वह अलौकिक औषधि है, जिसे हम सोशल डिस्‍टेंसिंग के बावजूद एक-दूसरे के साथ बांट सकते हैं।

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लेखक के बारे में

कंटेंट हेड, हेल्थ शॉट्स हिंदी। वर्ष 2003 से पत्रकारिता में सक्रिय। ...और पढ़ें

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