कोविड पॉजिटिव परिवार में कैसे आई एक नन्‍हीं परी, पढ़िए बीना जैन की प्रेरक कहानी

अध्ययनों में यह बात सामने आ रही है कि बाहर की बजाए घर के अंदर आपके कोरोनावायरस से संक्रमित होने का जोखिम ज्यादा रहता है। ऐसा ही हुआ बीना जैन के परिवार के साथ। पर उन्‍होंने हिम्‍मत नहीं हारी।
पूरे परिवार के कोरोना संक्रमित होने के बावजूद एक स्‍वस्‍थ बच्‍ची ने लिया जन्‍म। चित्र: बीना जैन

नमस्कार, मेरा नाम बीना जैन है। मैं दिल्ली में ग्रीन पार्क में अपने भरे-पूरे परिवार के साथ रहती हूं। पर कोरोना वायरस से जूझते हुए मैंने जाना कि हम सब अपने आप में कितने खास हैं और एक असीम ऊर्जा के पुंज हैं।

दोस्तों मैं आज आपके साथ कोरोना के दौरान हुई परेशानियों और उससे उबरने के अपने अनुभव साझा कर रही हूं। ताकि आप कहीं, कोरोनावायरस के बारे में फैली हुइ भ्रांतियों से घबराकर हिम्मत न हार बैठें। यकीन कीजिए हमारी हिम्मत, आपसी प्रेम और आस्था के सामने हर वायरस बौना है।

प्यार, परिवार और वायरस की एंट्री

हमारे घर के 6 सदस्य एक के बाद एक कोरोनावायरस से संक्रमित हो गए। जिनमें मेरी गर्भवती बेटी, जिसकी डिलीवरी एक सप्ता्ह के अंदर ही होनी थी, वह भी शामिल है।

यह हमारे लिए एक अजीब पर हिम्‍मत बढ़ाने वाला अनुभव रहा। चित्र: बीना जैन

मेरी बेटी मेरे पास मिलने के लिए आई हुई थी। शाम से ही उसे सिरदर्द और गला खराब होने के लक्षण दिख रहे थे। अगले ही दिन उसका बुखार 100 डिग्री हो गया। सभी की तरह हमने भी यही सोचा कि शायद वायरल हो रहा है। क्योंकि अब तक हम सभी तरह की सावधानियां बरत रहे थे।

हम इसे मौसमी बुखार समझ रहे थे

उसके अगले दिन मेरे पति और बेटे को भी बुखार आ गया। तब भी हमने उसे मौसमी बुखार ही समझा। उसके अगले दिन मुझे और मेरी धेवती को भी बुखार आ गया।

इसी तरह तीन-चार दिन गुजर गए। मेरी बेटी का डॉक्टर के साथ अपॉइंटमेंट था, तो दामाद जी उसे दिखाने ले गए। दामाद जी को भी दो दिन से बुखार आ रहा था। डॉक्टर ने कहा कि बच्चे का एमनीओटिक फ्लूड, जिसमें बच्चा सुरक्षित रहता है, वह कम हो रहा है। जो कि बच्चेा के लिए खतरे की बात हो सकती है। इसलिए हमें आज ही ऑपरेशन करना पड़ेगा। लेकिन पहले कोविड का टेस्ट करना जरूरी है।

हम सब अलग-अलग जूझ रहे थे। चित्र: बीना जैन

एक टेस्ट ने बदल दी पूरी स्थिति

टेस्ट के बाद जब बेटी और दामाद दोनों का ही कोविड पॉजिटिव आया, तब डॉक्टर ने हाथ खड़े कर दिए। उनका कहना था कि अब यह उनका केस नहीं है।

आपको इनकी अलग स्पेशल ऑपरेशन थियेटर में डिलीवरी करवानी पड़ेगी। अब समस्या आई कि कोविड के नाम से सभी दूर भागते हैं, तो डिलीवरी कहां करवाएं। अब हम सब के लिए भी कोरोना टेस्ट करवाना जरूरी हो गया था। और जब यह टेस्ट हुआ तो हम सब भी पॉजिटिव पाए गए।

बड़े परिवार की अकेली लाडली

दो दिन बाद एक बड़े अस्पताल में मेरी बेटी की डिलीवरी हुई। इसे आपदा ही कहेंगे कि भरा पूरा परिवार होने के बावजूद उसे डिलीवरी के लिए अकेले जाना पड़ा। और चार दिन तक वह वहां अकेली ही रही। सौभाग्य से बच्ची कोविड नेगेटिव थी। पर इसके बाद एक मां का स्ट्रगल शुरू हुआ।

मां के कोविड पॉजिटिव होने के बावजूद बच्‍चा नेगेटिव हो सकता है। चित्र: शटरस्‍टॉक

मेरी बेटी को उसकी बच्ची को दिखाया भी नहीं गया। बच्ची को नर्सरी में भेज दिया गया और बच्ची की पहचान के लिए, बेटी के देवर जी को वहां बुलाया गया। उसके सास-ससुर 70 वर्ष से अधिक आयु के थे, इसलिए उन्हें भी वहां जाने की अनुमति नहीं मिली।

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वो समय मेरे परिवार के लिए सबसे कष्ट प्रद और चिंता वाला था। हॉस्पिटल में आने के बाद भी नवजात शिशु 20 दिन अपनी मां से दूर दादी के पास रहा। परिवार होते हुए भी कोई भी किसी भी तरह की मदद करने में असमर्थ था।

सभी अपने-अपने स्तर पर जूझ रहे थे

इधर मैं और मेरे पति अगले दिन अस्पताल चले गए और वहां एडमिट होकर 12 दिन बाद वहां से लौटे। बीमारी तो ठीक हो गई, लेकिन कमजोरी से उबरने में काफी वक्त लगा। एक महीना बीत जाने के बाद भी हमारी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव नहीं आई।

मेरा बेटा जो घर पर ही क्वारंटीन था, उसे खांसी के साथ-साथ ब्लड भी आता था। और कोई भी अस्पताल बिना एडमिट किए उसका एक्सरे करने को तैयार नहीं था।

बीना जैन का बेटा घर पर अकेला निमोनिया से जूझ रहा था। चित्र: शटरस्‍टॉक

हम जिस अस्पताल में एडमिट थे, हमने वहां के डॉक्टर साहब से रिक्वेस्ट की। जब बेटे का एक्सरे और सीटी स्कैन हुआ तो पता चला कि उसे निमोनिया हो गया है। और उसका इलाज काफी लंबा चला। अब हम सब ठीक हैं।

सबसे बड़ी है संकल्प की शक्ति

इस दौरान हमने बस यही संकल्प लिया था कि जो समस्या आई है, उसका सामना पूरी हिम्मत के साथ करना है। एक-दूसरे के सहयोग और ईश्वर पर असीम आस्था ने हमें इस कठिन समय से निकलने में मदद की। इस मुसीबत ने हमारे आपसी प्रेम को और गहरा किया।

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ये बेमिसाल और प्रेरक कहानियां हमारी रीडर्स की हैं, जिन्‍हें वे स्‍वयं अपने जैसी अन्‍य रीडर्स के साथ शेयर कर रहीं हैं। अपनी हिम्‍मत के साथ यूं  ही आगे बढ़तीं रहें  और दूसरों के लिए मिसाल बनें। शुभकामनाएं! ...और पढ़ें

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