अगर विशेषज्ञों की मानें, तो हर पांच में से एक भारतीय महिला पीसीओएस से ग्रसित है। फिर भी, इसके लक्षणों के बारे में जागरूकता और उचित स्वास्थ्य जांच की बहुत कमी है। दुर्भाग्य से इसका उपचार भी आसानी से उपलब्ध नहीं हो पाता, जितना होना चाहिए।
अक्सर, डॉक्टर शिकायत करते हैं कि पीसीओएस से पीड़ित महिलाएं केवल तभी उनके दरवाजे पर दस्तक देती हैं, जब उन्हें इससे उत्पन्न होने वाली प्रजनन समस्या का सामना करना पड़ता है। मगर इसके बारे में जागरूक होने का यह सही तरीका नहीं है।
आइए जानें कि आप पीसीओएस के बारे में कितनी अच्छी तरह जानती हैं!
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