अगर एक प्यार भरे रिश्ते और अच्छी सी नौकरी के बाद भी आप जीवन में आनंद महसूस नहीं कर पा रहीं हैं, तो लेडीज यह थोड़ा सतर्क होने का समय है। हो सकता है इसकी वजह आपका लाइफस्टाइल हो।
खुशी की खोज में हम सभी कुछ न कुछ प्रयास करते हैं। फिर चाहें वह अच्छा सा कॅरियर चुनना हो या अपनी पसंद की चीजें खरीदना। भले ही हमें उनकी जरूरत न हो। लेकिन अपने आप से पूछें: क्या ऐसा करके अब आप खुश हैं? हम अपने आसपास बहुत सारी चीजों को इकट्ठा करते जा रहे हैं, भले ही हम इनके लिए डिजर्व न करते हों। तो क्या ये चीजें आपको खुशी दे पा रहीं हैं इसका जवाब आपको खुद तलाशना होगा।
हमारी खुशी की अवधारणा बहुत कठोर है। किसी से भी पूछें कि वे क्या चाहते हैं, तो ज्यादातर का जवाब होगा “और ज्यादा धन”। हमारे लिए खुशी का अर्थ सुविधा संपन्न जिंदगी जीने से है। जहां हमें किसी भी चीज को हासिल करने के लिए उसका प्राइस टैग न देखना पड़े। तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह खुशी की सबसे हास्यास्पद परिभाषा है।
तकनीक की दुनिया में रहना, खतरनाक डेडलाइन्स पर काम करना और समय की कमी ने हमें उन छोटी चीजों से दूर कर दिया है, जो वास्तव में हमारे लिए मायने रखती हैं। और दुर्भाग्य से, तनाव और बर्नआउट हमारे जीवन का एक बारहमासी हिस्सा बन गया है।
और इससे भी बड़ा दुर्भाग्य यह है कि इनसे निपटने के लिए हम या तो स्थिति को स्वीकार करते हैं या फिर अल्कोहल और ड्रग्स जैसे अस्वस्थ चीजों के चक्रव्यूह में फंस जाते हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि ये चीजें हमें केवल नशे का आदी बनाती हैं, हमारी समस्याओं को हल नहीं करती।
जो अभी तक हुआ नहीं है, उसके बारे में सोचना और परेशान हो जाना पागलपन नहीं तो और क्या है। यह और कुछ नहीं हमारी ओवरथिंकिंग यानी जरूरत से ज्यादा सोचने का परिणाम है।
अगर अब भी इस सब को लेकर परेशान हैं और समझ नहीं पा रही हैं कि आप ठीक कर रहीं हैं या गलत, तो श्योर होने के लिए इस क्विज के सवालों का जवाब दें –
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