हम सब हर दिन एक डर के साथ जी रहे हैं, कहीं हम कोविड-19 इन्फेक्शन का शिकार तो नहीं? जानलेवा बीमारी जिसका कोई इलाज अभी तक मौजूद नहीं है, और हमारे देश का स्वास्थ्य तंत्र पहले ही इसके बोझ तले दबा हुआ है- यानी उम्मीद की कोई किरण नज़र नहीं आ रही। ऐसे में घबराना तो लाज़मी है।
मगर दहशत ना केवल व्यर्थ है, बल्कि हमें तनाव भी देती है जो हमारे इम्यून सिस्टम के लिए हानिकारक होता है। तो सबसे बेहतर है कि घबराने के बजाय अपने रिस्क का आंकलन किया जाए और उसके अनुसार ही सावधानी भी बरती जाए।
इस क्विज़ को पूरी ईमानदारी से सॉल्व करें ताकि हम आपको बता पाएं कि आप कितने रिस्क में हैं।
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