प्यार से करें या दुखी होकर – सच यह है कि इस समय में इसके अलावा दूसरा कोई ऑप्शन नहीं है। बहुत से मैनेजर इस टाइम को गोल्डन टाइम की तरह देख रहे हैं, उन्हें लगता है कि इस समय आपके पास खूब सारा समय है और वर्कलोड बहुत कम। पर सच्चाई इसके बिल्कुल उलट है।
जैसे-जैसे कोविड-19 महामारी के आंकड़े बढ़ रहे हैं, विशेषज्ञ यह भी मान रहे हैं कि मानसिक अवसाद और बर्नआउट पैनडेमिक के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं। नौकरी की असुरक्षा, काम की लंबी अवधि, वर्क और लाइफ के बीच बढ़ता जा रहा असंतुलन इसके कारण हो सकते हैं।
वास्तविकता यह है कि वर्क फ्रॉम होम बर्नआउट के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। दुआ करें कि आप इसमें न हों। आइए हिस्सा लेते हैं इस बर्नआउट क्विज में –
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