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मीठे की क्रेविंग के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं ये 5 कारण, शुगर के साथ इन्हें भी करें चेक

ज्यादा मिठाई और डेजर्ट खाने से ब्लड शुगर लेवल का असंतुलन बढ़ता है। ऐसे में अक्सर लोग मीठे को अन्य विकल्पों से रिप्लेस करने लगते हैं। मगर मीठे की बार बार होने वाली क्रविंग कई स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत भी हो सकती है।
Updated On: 12 Nov 2024, 09:01 am IST
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sugar craving poshak tatvon ki kami ke karan ho sakti hai.
शरीर में पानी की भरपूर मात्रा न होने से कमज़ोरी महसूस होने लगती है। ऐसे में व्यक्ति का मन मीठा खाने के लिए ललचाने लगता है। चित्र: अडोबी स्टॉक

त्योहारों के मौसम में एक के बाद एक कई दावतों का दौर शुरू हो जाता है। ऐसे में कहां कोई खुद को मीठा खाने से रोक सकता है। हांलाकि ज्यादा मिठाई और डेजर्ट खाने से न केवल ब्लड शुगर लेवल (blood sugar level) का असंतुलन बढ़ सकता है बल्कि दांतों की अस्वस्थता भी बढ़ने लगती है। ऐसे में अक्सर लोग मीठे को अन्य विकल्पों से रिप्लेस करने लगते हैं। सीमित मात्रा में मीठा खाना शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाता है, मगर मीठे की बार बार होने वाली क्रविंग कई स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत भी हो सकती है। जानते है स्वीट टूथ किन समस्याओं का संकेत हो सकता है (Causes of sugar cravings)।

इस बारे में न्यूट्रीशनिस्ट और बैलेंस्ड बाईट की फाउंडर अपेक्षा चांदूरकर बताती हैं कि मीठा खाने की लगातार इच्छा के कई अंतर्निहित शारीरिक और भावनात्मक कारण हो सकते हैं। वे लोग जिन्हें मीठा खाने की लालसा होती है, वे अपने आसपास मीठे खाद्य पदार्थों को देखकर खुद को नियंत्रित नहीं कर पाते है। चीनी की लालसा व्यक्ति को ओवरइटिंग (overeating) और बिंज इटिंग (binge eating) का शिकार बना देती है। इससे शरीर में कैलोरीज़ का स्तर बढ़ने लगता है। अपेक्षा चांदूरकर के अनुसार शरीर में तनाव का बढ़ना (causes of stress), नींद की कमी (lack of sleep) और ब्लडशुगर का असंतुलन इस समस्या का मुख्य कारण साबित होता है।

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार अधिक मात्रा में मीठा खाने की क्रविंग होने के चलते नींद में बाधा, मोटापा और हृदय रोगों का खतरा बढ़ने लगता है। इसके अलावा प्रोटीन और कार्ब्स की कमी भी नींद कम आने का कारण साबित होती है।

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स्वीट्स और डेजर्टस को खाने से बचें। इससे शरीर में एंप्टी कैलोरीज़ बढ़ जाती हैं। चित्र : अडोबीस्टॉक

जानते हैं न्यूट्रीशनिस्ट से स्वीट टूथ बढ़ने के कारण

1. पोषक तत्वों की कमी

खासतौर से मैग्नीशियम या क्रोमियम की कमी चीनी की लालसा का कारण साबित होती है। दरअसल, इन पोषक तत्वों की मदद से रक्त शर्करा और इंसुलिन के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती हैं। इसके अलावा विटामिन बी की कमी के चचले भी मीठा खाने की इच्छा बढ़ने लगती है। विटामिन बी मूड स्विंग का कारण साबित होता है, जिससे मीठा खाने की समस्या बढ़ने लगती है। शरीर में विटामिन बी1 यानि थियामिन, बी2 यानि राइबोफ्लेविन, बी3 नियासिन और बी5 यानि पैंटोथेनिक एसिड की मात्रा का होना आवश्यक है। इससे ऊर्जा के उत्पादन में मदद मिलती है।

2. रक्त शर्करा का असंतुलन

जब शरीर में ब्लड शुगर का स्तर कम हो जाता है, तो उस वक्त शरीर में इसे सामान्य स्थिति में लाने के लिए अतिरिक्त ऊर्जा और अक्सर मीठे स्नैक्स की चाहत बढ़ने लगती है। दरअसल, जब शरीर मीठा खाता है, तो रक्त शर्करा स्तर बढ़ जाता है और उस समय शरीर इंसुलिन जारी करता है। अगर इंसुलिन ब्लड शुगर को कम कर देता है, तो आपका शरीर ऐसे खाद्य पदार्थों की लालसा करता है, जिससे शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ सके।

Blood sugar level ko kaise karein niyantrit
जब शरीर में ब्लड शुगर का स्तर कम हो जाता है, तो उस वक्त शरीर में इसे सामान्य स्थिति में लाने के लिए अतिरिक्त ऊर्जा और अक्सर मीठे स्नैक्स की चाहत बढ़ने लगती है। चित्र- अडोबी स्टॉक

3. तनाव का बढ़ना

मीठा खाने में तनाव और भावनात्मक कारण महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। तनाव बढ़ने से शरीर में कोर्टिसोल की सक्रियता बढ़ने लगती है। इस हार्मोन से शरीर में मीठे खाद्य पदार्थों के लिए भूख बढ़ने लगती है। खासतौर से जब चिंतित या परेशान होते हैं, तो कई लोग भावनात्मक राहत के रूप में मिठाई का रुख करते हैं। नेशनल इंस्टभ्ट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार वे लोग जो डिप्रेशन का शिकार होते है, उनके शरीर में शुगर और फैट्स का इनटेक बढ़ने लगता है।

4. नींद की कमी

नींद में बाधा आने से शरीर में चीनी की लालसा बढ़ा सकती है। नींद की कमी से भूख बढ़ाने वाले हार्मोन घ्रेलिन में वृद्धि होती है, जबकि लेप्टिन में कमी आती है, जो शरीर में तृप्ति का संकेत देने वाला हार्मोन है। ऐसे में नियमित रूप से मीठा खाने की आदत और कंडीशनिंग आपके टेस्ट बड्स को अधिक मीठा खाने के लिए प्रेरित करती है।

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Sugar craving se neend kaise prabhaavit hoti hai
नींद की कमी से भूख बढ़ाने वाले हार्मोन घ्रेलिन में वृद्धि होती है, जबकि लेप्टिन में कमी आती है। चित्र- अडोबी स्टॉक

5. गट में बैड बैक्टीरिया का बढ़ना

गट में अनहेल्दी बैक्टीरिया बढ़ने की स्थिति को डिस्बायोसिस कहा जाता है। इससे चीनी और प्रोसेस्ड फूड खाने की इच्छा बढ़ जाती है। लैक्टोबेसिलस जॉनसन जैसे गुड बैक्टीरिया की कमी के चलते शरीर में काब्स्र, फैट्स और मीठे की इच्छा बढ़ने लगती है। ऐसे में मीठा खाने से बचने के लिए पेट के बैक्टीरिया को संतुलित करने का प्रयास करे। प्रोबायोटिक का सेवन करे, जिससे पेट भरा हुआ रहता है और मीठे से बचा जा सकता है।

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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