scorecardresearch

आपकी प्रतिरक्षा कोशिकाएं करती हैं गर्भ में शिशु की रक्षा, जानिए क्या कहता है यह अमेरिकी अध्ययन

अमेरिकी शोधकर्ताओं ने ऐसे इम्यून सेल्स की खोज की है जो गर्भपात में भूमिका निभाते हैं, और लगभग एक चौथाई गर्भधारण को प्रभावित करती है।
Published On: 20 Jul 2021, 06:05 pm IST
  • Google News Share
  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
आपकी गर्भावस्था को प्रभावित करते हैं इम्यून सेल्स. चित्र : शटरस्टॉक
आपकी गर्भावस्था को प्रभावित करते हैं इम्यून सेल्स. चित्र : शटरस्टॉक

कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय-सैन फ्रांसिस्को के शोधकर्ताओं ने हाल ही में उन कोशिकाओं को खोज निकाला है जो गर्भ में शिशु की रक्षा करती हैं।

कोशिकाओं का यह सबसेट प्रतिरक्षा प्रणाली में एक्स्ट्राथाइमिक ऐयर-एक्स्प्रेस्सिंग (extrathymic Aire-expressing cells) करने वाली कोशिकाओं के रूप में जाना जाता है। जो मां के इम्यून सिस्टम को प्लेसेंटा और भ्रूण पर हमला करने से रोक सकता है।

शोधकर्ताओं ने दिखाया कि जिन गर्भवती चूहों में कोशिकाओं का यह सबसेट नहीं था, उनमें गर्भपात की संभावना दोगुनी थी। इनमें से कई गर्भधारण में भ्रूण की वृद्धि गंभीर रूप से प्रतिबंधित थी।

क्या है गर्भावस्था और इम्युनिटी का कनैक्शन

यूसीएसएफ के ईवा गिलिस-बक ने कहा, “जब आप गर्भवती होती हैं, तो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली कई साल बाद प्लेसेंटा को देख रही होती है – तब नहीं जब मां ने प्लेसेंटा बनाया था, बल्कि तब जब वह खुद एक भ्रूण थी।”

”साइंस इम्यूनोलॉजी जर्नल में प्रकाशित हुए शोध से पता चलता है कि – इम्यून सेल्स का यह सबसेट पहले से ही जनता है कि भ्रूण, प्लेसेंटा और गर्भावस्था में शामिल अन्य ऊतकों पर हमला नहीं करना है।

ऑटोइम्यून बीमारी को रोकने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को अपने स्वयं के ऊतकों और अंगों पर हमला न करने के लिए शिक्षित किया जाना चाहिए।

मगर गर्भावस्था एक अनूठी चुनौती पेश करती है, क्योंकि भ्रूण प्लेसेंटा में पाए जाने वाले प्रोटीन के साथ-साथ उन प्रोटीन को भी दिखता है, जिनके जेनेटिक्स मां से अलग होते हैं।

Pollपोल
प्रदूषण से बचने के लिए आप क्या करते हैं?
आपका इम्युनिटी सिस्टम गर्भास्ता को प्रभावित कर सकता है। चित्र: शटरस्‍टॉक
आपका इम्युनिटी सिस्टम गर्भास्ता को प्रभावित कर सकता है। चित्र: शटरस्‍टॉक

यूसीएसएफ के मेटेर्नल फीटल प्रिसीजन चिकित्सा केंद्र (UCSF’s Center for Maternal Foetal Precision Medicine) में सर्जरी के प्रोफेसर टिप्पी मैकेंज़ी ने कहा, –  “यह ऐयर-एक्स्प्रेसिंग कोशिकाओं को जोड़ने के लिए एक वैचारिक छलांग थी। जो गर्भावस्था के लिए ऑटोम्यून बीमारी को रोकने के लिए महत्वपूर्ण हैं।”

शोधकर्ताओं ने समझाया, थाइमस में, ऐयर-एक्स्प्रेसिंग करने वाली कोशिकाएं जीवन में बहुत पहले ही अन्य प्रतिरक्षा कोशिकाओं के साथ बातचीत करना शुरू कर देती हैं। ताकि उन्हें यह सिखाया जा सके कि कब हमला नहीं करना है।

जब थाइमस सिकुड़ने लगता है और लगभग वयस्कता तक चला जाता है, उस समय तक अधिकांश प्रतिरक्षा कोशिकाओं को शिक्षित किया जा चुका होता है। लेकिन जैसे-जैसे थाइमस सिकुड़ता है, लिम्फ नोड्स और प्लीहा में ईटीएसी की आबादी फैलती है।

उन्होंने कहा, अध्ययन से पता चलता है कि एक स्वस्थ गर्भावस्था इन कोशिकाओं के आसपास होने पर निर्भर हो सकती है।

यह भी पढ़ें : बारिश में भीगने से हो गया है सर्दी-जुकाम, तो ये 5 होम रेमेडीज आएंगी काम

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

  • Google News Share
  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
संबंधित विषय:
लेखक के बारे में
ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ
ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं।

अगला लेख