बेड पर लेटना और चिल करना किसे पसंद नहीं होता। पर क्या आप जानती हैं कि आपको कंफर्टेबल होने से पहले एक बार बेड, चादर और तकिया कवर आदि को चेक कर लेना चाहिए। जी हां आपके तकिया के आसपास, बेड शीट और यहां तक कि तौलिये में भी जर्म्स और बैक्टीरिया (germs in the towel and on bedding) हो सकते हैं।
इसलिए उन्हें नियमित अंतराल पर साफ करना बहुत आवश्यक होता है। आपके तौलिया और चादर में आपका पसीना, स्लाइवा, डेंड्रफ, डेड स्किन सेल्स इकट्ठी होती रहती हैं। और यही सब बैक्टीरिया के लिए भोजन का काम करते हैं। जिससे आप बीमार पड़ सकती है।
तो आइए जानते है कुछ ऐसी बातें जिनसे आपको यकीन हो जायेगा कि आपकी चादर, तौलिया और तकिए भी आपको बीमार कर सकते है।
विथेनशॉ अस्पताल और मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि गंदे तौलिए, गिलाफ या बेडशीट से फंगल इन्फेक्शन हो सकता है। इन पर बहुत तरह के बैक्टीरिया और फंगी उत्पन्न होने लगते हैं खासकर ए फ्यूमिगेटस।
जब भी आप चादर पर लेटती है तो आपकी स्किन सेल्स झड़ती हैं। आपकी स्किन सेल्स एक दिन में कई मिलियन तक झड़ सकती हैं। जब भी आप बेड पर इधर से उधर करवट लेती हैं, तो आपकी बेड शीट या तकिए पर यह डेड स्किन इक्कठा हो जाती हैं।
यह मिट्टी और धूल आदि को बहुत आकर्षित करती हैं और आपकी चादर और तकिया को बहुत गन्दा कर देती हैं। इनसे आपकी एक्जिमा, अस्थमा और एलर्जी जैसी बीमारियां ट्रिगर हो सकती हैं।
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जैसे ही आप नहाती हैं और तौलिए का प्रयोग अपनी स्किन पर करती है तो वह गीला हो जाता है। गीली चीज में बैक्टीरिया और जर्म्स आदि अधिक इकट्ठे हो सकते हैं। इसलिए जब आप अगली बार उसका प्रयोग करती हैं, तो वह सारे बैक्टीरिया आपकी स्किन में घुस जाते हैं।
जिससे आपका इंफेक्शन का रिस्क बढ़ जाता है। अगर आप अपनी तौलिया, तकिये का गिलाफ और बेड शीट नियमित तौर पर नहीं धोती हैं तो उनमें लाखों बैक्टीरिया इकट्ठे हो जाते हैं। जो आपको श्वसन पथ में संक्रमण तक का जोखिम बढ़ा सकते हैं।
जर्नल ऑफ़ अस्थमा एंड एलर्जी के एक शोध अनुसार यदि आप अपने तकिये के कवर को नहीं धोते हैं, तो इसमें पनप रहे एलर्जन की वजह से आपको अस्थमा हो सकता है। जब भी आप पूरा दिन काम करने के बाद बेड पर लेटती हैं, तो इससे आपके बालों में मौजूद पसीना, डेंड्रफ और ढेर सारी डेड स्किन सेल्स फंगस को न्यौता दे सकती है।
तकिये को नहीं धोने से हो सकता है अस्थमा।चित्र -शटरस्टॉकये सभी अस्थमा के मरीजों के लिए बहुत अधिक खतरनाक हो सकता है। अगर आपका तकिया अधिक फ्लफी है तो उसे साल में दो बार तो अवश्य ही धोना चाहिए और इसके कवर को नियमित अंतराल पर धोते रहना चाहिए।
जर्म्स और बैक्टीरिया से बचने के लिए विशेषज्ञ तौलिया को हर दूसरे दिन धोने की सलाह देते हैं। तकिये के गिलाफ में चादर की तुलना में अधिक कीटाणु होने का खतरा होता है। इसलिए इन्हें भी हर तीसरे दिन बदला जाना जरूरी है। अगर आपके तकिये को किसी और ने इस्तेमाल किया है, तो जरूरी है कि उसे बिना धोए इस्तेमाल न करें। जबकि बेड शीट को सप्ताह में दो बार जरूर बदलना चाहिए।
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