सर्दी, जुकाम, खांसी की वजह हमेशा बाहर ही नहीं होती। कभी-कभी आपके घर का वातावरण भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकता है। असल में हमारे घर के अंदर भी बहुत सारी ऐसी चीजें होती हैं, जो इन सभी समस्याओं को ट्रिगर कर सकती हैं। मेडिकल टर्म में जिसे इंडोर एलर्जी (Indoor Allergy) कहा जाता है। इंडोर एलर्जी से बचना मुश्किल नहीं हैं, बशर्ते कि आप इसके बारे में जागरुक हों।
खासतौर पर तब, जब आपका बच्चा इनमें से किसी एक के भी प्रति एलर्जिक हो। अगर आपका बच्चा अकसर सर्दी, खांसी, जुकाम जैसी समस्याओं से ग्रस्त रहता है, तो एक बार आपको अपने घर के वातावरण पर भी ध्यान देना चाहिए।
कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल में पीडियाट्रिशियन डॉक्टर सुमित गुप्ता के मुताबिक बच्चों की इम्युनिटी बड़ों के मुकाबले काफी कमजोर होती है। एलर्जी का जितना खतरा बड़ों को होता है, उससे कहीं ज्यादा खतरा बच्चों को होता है। बच्चों में इनडोर एलर्जी (Indoor Allergy) काफी आम बात है।
अगर आपके घर में पालतू जानवर हैं, तो इंडोर एलर्जी का खतरा और भी बढ़ जाता है। क्योंकि ये जानवर घर के अंदर एलर्जी का कारण बन सकते हैं। जिससे आप और आपके बच्चे काफी समस्याओं का सामना भी कर सकते हैं।
अगर आपका भी बच्चा घर के अंदर रहता है और अक्सर एलर्जी (Allergies) का शिकार हो जाता है तो आपको बेहद सजग होने की जरूरत है। आज इस लेख के जरिये आपको इंडोर एलर्जी के बारे में ऐसी बातें बताएंगे जिनके बारे में शायद ही आपको पता हो।
बड़ा हो या बच्चा इंडोर एलर्जी (Indoor Allergy) काफी आम है। इसमें नाक में खुजली होना, आँखों से पानी आना, बार-बार छींक आना, ये सभी चीजें एलर्जी के कारण ही होती हैं। जब किसी बच्चे को एलर्जी होती है तो इसमें इम्युनिटी काफी ट्रिगर होती है। जिससे सूंघने में भी परेशानी आ सकती है। इंडोर एलर्जी किस कारण होती है, ये भी जान लेते हैं।
मोल्ड को फफूंदी भी कहते हैं, जो एक तरह का कवक होता है। जो नमी वाली जगह पर पनपते हैं। हवा में इस कवक के छोटे छोटे बीजाणु तैरते रहते हैं, जो सांस लेने में शरीर के अंदर प्रवेश कर जाते हैं। और एलर्जी का कारण बन जाते हैं।
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बच्चों की हर चीज को छूने की आदत होती है। बच्चों की इस आदत को छुड़ाने के लिए माता-पिता भी काफी परेशान हो जाते हैं। बच्चे घर में भी चलते फिरते समय किसी चीज, व्यक्ति यहां तक किसी दिवार और जानवर को छूने से पहले नहीं सोचते। ये भी इंडोर एलर्जी का बड़ा कारण है। जिसके चलते बच्चों में कई तरह के लक्षण नजर आते हैं। वो क्या हैं चलिए जानते हैं।
क्या है उपचार?
देखा जाए तो बच्चे अगर किसी इंडोर एलर्जी से ग्रसित हैं, तो उनका उपचार आसानी से किया जा सकता है। आप स्किन प्रिक टेस्ट की मदद ले सकते हैं। इस तरह के टेस्ट में डॉक्टर पहले एलर्जी का पता लगाएंगे। फिर एलर्जी असल में है या भी नहीं इस बात की पुष्टि करेंगे।
आप इसके अलावा इंट्राडर्मल टेस्ट का सहारा ले सकते हैं। इस तरह के टेस्ट में एलर्जेन नाम का एक इंजेक्शन दिया जाता है। इस तरह के टेस्ट के बाद डॉक्टर आने वाली प्रतिक्रिया का इंतजार करता है।
आखिर में आप पैच टेस्ट का चुनाव कर सकते हैं। इस तरह के टेस्ट में पैच को 48 घंटों तक स्किन से जोड़कर रखा जाता है। जिससे एलर्जी का इलाज किया जाता है।
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अगर आप भी अपने बच्चे के इंडोर एलर्जी का इलाज करना चाहते हैं, तो आप इस बात को सुनिश्चित करें कि आपको एलर्जी के स्रोत का पता हो। फिर आप कारणों के मुताबिक ही इलाज शुरू कर सकते हैं। अगर बच्चे को पालतू जानवरों से एलर्जी है तो आप अपने बच्चे जानवरों से दूर रखें।