गर्भावस्था के दौरान व्यायाम करने से आपको बहुत सारे स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। यह आपको सक्रिय रखने में मदद करता है, जिससे शरीर प्रसव के लिए तैयार होता है।
इन दिनों गर्भवती महिलाओं के लिए वर्कआउट के बहुत सारे विकल्प मौजूद हैं- जैसे प्रसवपूर्व योग और पिलाटेस। लेकिन अगर आप गर्भावस्था से पहले एरोबिक्स या डांस वर्कआउट किया करती थीं, तो ज़ुम्बा आपकी फिटनेस के लिए एक अच्छा विकल्प है।
ज़ुम्बा एक डांस फिटनेस कार्यक्रम है, जो लैटिन और इंटरनेशनल धुनों पर बेस्ड म्यूजिक और डांस मूवमेंट्स को प्रयोग करता है। ज़ुम्बा वर्कआउट करते हुए आपको पार्टी वाली फीलिंग आती है। क्योंकि यह एक मज़ेदार, एक्टिव और इफेक्टिव वर्कआउट है। इसमें एरोबिक, इंटरमिटेंट और रेजिस्टेंस ट्रेनिंग को मिक्स किया गया है। जिससे यह कैलोरी बर्न करने, कार्डियोवस्कुलर हेल्थ और बॉडी की टोनिंग करने में मदद करता है।
गर्भावस्था के दौरान ज़ुम्बा खुद को एक्टिव रखने का एक बेहतरीन तरीका है। यह शरीर में एंडोर्फिन के स्तर को बेहतर बनाता है। एंडोर्फिन प्राकृतिक दर्द निवारक हैं, जो गर्भावस्था में बहुत जरूरी है। जब आपके शरीर में लचीलापन बढ़ता है और आप खुश रहती हैं, तो इससे आपकी डिलीवरी ज्यादा आसान हो जाती है।
ज़ुम्बा गर्भावस्था में जरूरत से ज्यादा वेट गेन की समस्या से भी निजात दिलाता है, क्योंकि इससे अनावश्यक कैलोरी बर्न हो जाती है।
अपनी ज़ुम्बा क्लास शुरू करने से पहले यह जरूरी है कि किसी लाइसेंस प्राप्त ज़ुम्बा प्रशिक्षक से परामर्श करें कि गर्भावस्था के दौरान आपको ज़ुम्बा की किस शैली को अपनाना सही रहेगा।
उदाहरण के लिए, ‘एक्वा ज़ुम्बा’ गर्भावस्था के दौरान एक उपयुक्त व्यायाम है, क्योंकि इसे आप क्लासिक ज़ुम्बा की तरह एन्जॉय कर सकती हैं, पर सिर्फ कूल-रिफ्रेशिंग वॉटर में।
पानी में घूमना और एक्सरसाइज करना भी आसान है, क्योंकि इसके बाउंसिक इफैक्टस मूवमेंट्स को आसान बनाते हैं। इससे गर्भवती महिलाओं को भारीपन से निजात मिलती है, जो वे अकसर जमीन पर वर्कआउट करते हुए महसूस करती हैं। एक्वा ज़ुम्बा असल में लो इम्पैक्ट वाला वर्कआउट है, जो गर्भवती महिलाओं के लिए उपयुक्त माना जाता है।
ज़ुम्बा अमेरिकन कॉलेज ऑफ़ ओब्स्टेट्रिशियन और गायनोकोलॉजिस्ट के मानदंडों पर भी खरा उतरता है। जिसमें कहा गया है कि बिना किसी मतभेद के स्वस्थ गर्भवती महिलाएं मध्यम-तीव्रता वाले इस वर्कआउट में हिस्सा ले सकती हैं।
इसमें यह भी सलाह दी गई है कि गर्भवती महिलाएं सप्ताह में पांच दिन, 30 मिनट के वर्कआउट सेशन में हिस्सा ले सकती हैं। जिसमें हृदय गति 140 बीट प्रति मिनट से अधिक नहीं होनी चाहिए। यह ज़ुम्बा को प्रीनेटल यानी प्रसवपूर्व व्यायाम के रूप में एक सुरक्षित विकल्प बनाता है।
गर्भावस्था के दौरान ज़ुम्बा क्लासेस शुरू करने से पहले आपको कुछ और भी चीजों पर ध्यान दे लेना चाहिए। जैसे – गर्भावस्था से पहले का फिटनेस स्तर, मेडिकल कॉम्लीकेशन्स, पिछली चोटें और इसी तरह की कुछ और बातें। इसलिए, ऐसी किसी भी कसरत को शुरू करने से पहले बेहतर है कि आप अपनी स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श जरूर कर लें।
अगर आपकी डॉक्टर ने आपको ज़ुम्बा क्लासेस की परमिशन दे दी है, तो इन बातों का जरूर ध्यान रखें –
1. हमेशा अपने शरीर का कहा सुनें। अगर आप खुद को बहुत थका हुआ महसूस कर रहीं हैं, तो अपनी क्लास के दौरान किसी मूव को आप धीमा भी कर सकती हैं। आर्म मूवमेंट को कम करके आप अपनी हार्ट बीट को वापस लिमिट में ला सकती हैं।
2. यह न भूलें कि गर्भावस्था के दौरान शरीर का संतुलन प्रभावित होता है। इसलिए मूव्स को चेंज करते समय बहुत सावधानी बरतें। उछलनेे के बजाए बेहतर है कि आप आराम से चल कर नए मूव पर स्विच करें।
3. व्यायाम से पहले, उसके दौरान और बाद में खूब पानी पिएं। यह भी ध्यान रखें कि आपके कपड़े आरामदायक हों, ये न ज्यादा ढीले हों और न ही ज्यादा तंग। क्योंकि इससे आपके मूवमेंट्स पर असर पड़ता है। जूते भी आपकी जरूरत के अनुरूप हों, क्योंकि प्रेगनेंसी में आपका वजन और बैलेंस दोनों ही बदलता रहेगा।
4. ओवरएक्सर्शन यानी जरूरत से ज्यादा लोड लेने के संकेतों को समझें – गर्भाशय में बहुत ज्यादा खिंचाव महसूस होना, योनि से रक्तस्राव, चक्कर आना, सीने में दर्द और सांस की तकलीफ। यदि आप इनमें से किसी का भी अनुभव करें, तो अपने वर्कआउट को रोक दें और डॉक्टर से जरूर मिलें।
प्रेगनेंसी के दौरान, ज़ुम्बा एक बेहतर वर्कआउट हो सकता है। बशर्ते कि आप उपरोक्त सावधानियों का ध्यान रखें। सेफ रहें, एन्जॉय करें और समझदारी से अपने लिए वर्कआउट चुनें। आपकी गर्भावस्था हैप्पीसनेस से भरपूर हो।