एयर क्वालिटी हो रही है खराब, स्वस्थ रहना है तो इन 4 योगासनों का करें घर पर अभ्यास
त्योहारों के मौके पर प्रदूषण का बढ़ना स्वाभाविक है। ऐसे में हवा में घुली जहरीली गैस चेहरे के रूखेपन को बढ़ाने के अलावा फेफड़ों के स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचाती है। इससे सांस लेने में तकलीफ, लगातार खांसना और मतली का सामना करना पड़ता है। इससे राहत पाने के लिए लोग मास्क पहनने से लेकर तमाम तरह के उपाय करते है। मगर फेफड़ों की सेहत को बनाए रखने के लिए कुछ आसान योगासन बेहद कारगर साबित होते है। जानते हैं फफड़ों को मज़बूती प्रदान करने वाले योगासन (yoga for lungs)।
इस बारे में योग एक्सपर्ट डॉ गरिमा भाटिया बताती हैं कि वायु प्रदूषण के कारण ब्रॉन्काइटिस और श्वास संबंधी समस्याओं का का खतरा बढ़ जाता है। हवा में मौजूद पॉल्यूटेंट्स जहां अस्थमा को ट्रिगर करते हैं, तो वहीं कफ और कोल्ड का कारण बन जाते हैं। फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए योगासन करें, जिससे एयरवेज़ ओपन हो जाते है, जिससे शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह उचित बना रहता है।
इन योगासनों से वायु प्रदूषण के प्रभाव को करें कम (Reduce the effect of air pollution with these yoga asanas)
1. हस्त उत्तानासन (Raised arms pose)
मांसपेशियों में बढ़ने वाली ऐंठन और सांस संबधी समस्या को दूर करने के लिए हस्त उत्तानासन का अभ्यास करें। इससे फेफड़ों को फायदा मिलता है और सांस लेने की क्षमता में सुधार आने लगता है। नियमित रूप से इसका अभ्यास श्वास की प्रक्रिया को उचित बनाए रखता है।
- इस योगासन को करने के लिए मैट पर सीधे चाड़े हो जाएं। अब शरीर को कमर से सीधा कर लें और घुटनों का मोड़ने से बचें।
- गहरी सांस लें और दोनों बाजूओं को उपर की ओर लेकर जाएं। दोनों हथेलियों को आपस में जोड़कर रखें और सांस छोड़ें।
- अब दोनों बाजूओं को पीछे की ओर लेकर जाएं और गर्दन भी पीछे की ओर धकेंलें। इसके बाद शरीर को कमर से पीछे की ओर झुकाएं।
- इस मुद्रा में शरीर को 30 सेकण्ड तक बनाए रखें और फिर सीधे खड़े हो जाएं।
2. ताड़ासन (Mountain pose)
शरीर में बढ़ने वाली थकान को दूर करने के लिए इस योगासन का अभ्यास करें। इससे रक्त का प्रवाह उचित बना रहता है और पीठ दर्द से भी राहत मिलती है। सांस सबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए इस योगासन का अभ्यास किया जाता है।
जानें ताड़ासन को करने की विधि
- इसे करने के लिए मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अब टांगों को आपस में जोड़ लें और टांगों को घुटनों से सीधा कर लें।
- पंजों के सहारे खड़े हो जाएं और गहरी सांस लें और दोनों बाजूओं को उपर लेकर जाएं। और दोनों हाथों की उंगलियों को आपस मे जकड़ लें।
- अब सांस छोड़ें और शरीर की क्षमता के अनुसार इस मुद्रा में बने रहें। इस दौरान बाजूओं को कोहनी से सीधा रखें।
इसके बाद पैरों को जमीन पर टिका लें और शरीर को ढ़ीला छोड़ दें। - दोनों बाजूओं को पीछे की ओर लेकर जाएं और गर्दन भी पीछे की ओर धकेंलें। इसके बाद शरीर को कमर से पीछे की ओर झुकाएं।
- इस मुद्रा में शरीर को 30 सेकण्ड तक बनाए रखें और फिर सीधे खड़े हो जाएं।
3. अर्ध चंद्रासन (Half-moon pose)
शरीर के संतुलन को बनाए रखने और पैरों की ताकत को बढ़ाने के लिए इस योगासन का अभ्यास किया जाता है। इसके नियमित अभ्यास से शरीर का उपरी हिस्सा खिंचने लगता है, जिससे क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिज़ीज़ और हाई ब्लड प्रेशर से बचा जा सकता है। वे लोग जिन्हें साइटिका का असहनीय दर्द रहता है, उनके लिए भी ये योगा पोज़ कारगर है।
जानें इसे करने की विधि
- इसे करने के लिए मैट पर सीधे खड़े हो जाएं और दोनों टांगों के मध्य गैप बनाकर रखें। अब पीठ को एकदम सीधा कर लें।
- दाहिने पैर को जमीन पर मज़बूती से टिकाकर शरीर को भी इसी ओर झुकाएं और दाई बाजू को जमीन पर लगाकर रखें।
- गहरी सांस लें और रिलीज़ करें। 30 सेकण्ड तक इसी मुद्रा में रहने के दौरान मांसपेशियों में खिंचाव महसूस होने लगता है।
- इस योगासन को करने के बाद सामान्य मुद्रा में आ जाएं और शरीर को ढ़ीला छोड़ दें।
4. उष्ट्रासन (Camel pose)
उष्ट्रासन को करने से मन शांत हने लगता है और शरीर के ऊपरी हिस्से को मज़बूती प्राप्त होती है। नियमित रूप से इसका अभ्यास शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को भी बढा देता है। इससे शरीर में एनर्जी का स्तर बना रहता है।
जानें उष्ट्रासन करने की विधि
- इसे करने के लिए ज़मीन पर घुटनों के लि बैठ जाएं। गहरी सांस लेते हुए अपने शरीर को पीछे ओर लेकर जाने का प्रयास करें।
- दोनों बाजूओं को पीछे लेकर आएं और दोनों हाथों से पैरों के टखनों को पकड़ लें। गर्दन भी पीछे लेकर आएं।
- गहरी सांस लें और फिर धीरे धीरे रिलीज़ करें। इससे शरीर के उपरी हिस्से की मांसपेशियों में खिंचाव महसूस होता है।
- शरीर की क्षमता के अनुसार इसका अभ्यास करें।