नाख़ून को सुंदर दिखने के लिए हम तरह तरह के प्रयास करते हैं। हम मैनीक्योर कराते हैं। इन सभी के बावजूद पीले और टेढ़े-मेढे नाखून दीखते हैं। इन्हें कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। कुछ समस्याएं उम्र के साथ दिख सकती हैं, तो कुछ नहीं भी। नाखून का इस तरह दिखना सामान्य हो सकता है या किसी रोग का संकेत भी। हमें उन लक्षणों की पहचान करने की कोशिश करनी चाहिए। आइये जानते हैं नाखून के कुछ लक्षण (Nail health) को, जो किसी बीमारी का संकेत दे सकते हैं।
डर्मेटोलोजिस्ट शिवानी कश्यप बताती हैं, ;कुछ नाखून संबंधी चिंता स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत दे सकती हैं। इनमें विटामिन की कमी और पुरानी स्थितियां शामिल हैं। अक्सर चोट लगने या नमी के अधिक संपर्क में रहने के कारण नाखूनों की समस्या हो जाती है।
पीले नाखूनों का दिखना कुछ कारणों से हो सकता है। यह उम्र के साथ स्वाभाविक रूप से हो सकता है। यह कभी-कभी नेल लैकर्स या ऐक्रेलिक नाखूनों के कारण भी होता है। यदि आप अक्सर ऐक्रेलिक नाखून लगाती हैं या नाखूनों को पेंट करती हैं, तो यह समस्या हो सकती है। इसके लिए कुछ दिनों के लिए सैलून जाना बंद कर दें। इससे आपके नाखूनों को ठीक होने के लिए पर्याप्त समय मिल जायेगा। स्मोकिंग भी पीले नाखून का कारण बन सकता है। इस लत को छोड़ दें। आपको येलो नेल सिंड्रोम भी हो सकता है। यह एक दुर्लभ डिसऑर्डर है, जहां किसी व्यक्ति के नाखून मोटे पीले होते हैं। यह आमतौर पर श्वसन संबंधी समस्याओं और अंगों में सूजन के साथ होते हैं।
नाखूनों का टूटना एक आम समस्या है। इसके कुछ संभावित कारण भी हैं। नेल प्लेट पर सूखेपन के कारण नाखून मुलायम और टूटने लग सकते हैं। यह स्वीमिंग, नेल पॉलिश रिमूवर के अत्यधिक उपयोग, दस्ताने के बिना बार-बार बर्तन धोने या कम नमी वाले वातावरण में रहने से हो सकता है। कभी-कभी हाइपोथायरायडिज्म भी इस दुष्प्रभाव का कारण बनता है। उन पर सुपर-मॉइस्चराइजिंग लोशन लगाने का प्रयास करें। आपकी त्वचा की तरह नाखून भी शोषक होते हैं। लोशन उन्हें भविष्य में सूखने से रोक सकता है। ऐसा उत्पाद चुनें, जिसमें हयालूरोनिक एसिड, ग्लिसरीन, या शिया बटर हो। बायोटिन लेने का भी प्रयास करें, जो एक ओवर-द-काउंटर पोषण सप्लीमेंट है।
नाखूनों का आपस में चिपकना भी किसी रोग के होने की निशानी है। जब आपकी उंगलियों के सिरे सूज जाते हैं और नाखून घुमावदार और गोल हो जाते हैं, तो कभी-कभी लिवर या किडनी की बीमारी का संकेत हो सकता है। क्लबिंग फेफड़ों और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट, जैसे- फेफड़ों का कैंसर, आईबीडी से संबंधित स्थितियों का भी संकेत मिल सकता है।
अपने नाखूनों पर आप सफेद धब्बे पा सकती हैं। आम तौर पर वे सफेद धब्बे बहुत महत्वपूर्ण नहीं होते हैं। नाखूनों पर सफेद धब्बे कैल्शियम की कमी का संकेत (Nail health) देते हैं। आमतौर पर ऐसा नहीं होता है। ये धब्बे अक्सर मामूली आघात का परिणाम हो सकते हैं। सफेद धब्बों को ल्यूकोनीचिया के रूप में जाना जाता है।
इसे चिकित्सकीय भाषा में ओनिकोफैगिया के रूप में जाना जाता है। एक आम आदत है, जो आमतौर पर किसी प्रकार के तनाव के कारण (Nail health) होती है। यह ध्यान आकर्षित करने के लिए भी की जाती है। मेंटल हेल्थ के इलाज के लिए मेंटल हेल्थ पेशेवर से मिलना जरूरी है।
आमतौर पर यह उम्र बढ़ने का एक सामान्य संकेत हैं। चेहरे पर झुर्रियों की तरह उम्र बढ़ने के साथ-साथ नाखूनों पर भी रेखाएं दिखने लगती हैं।”
हॉरिजॉन्टल लकीरें नाखून में विभाजन होने (ओनिकोरेक्सिस) के साथ होती हैं । एलोपेसिया एरीटा से भी यह जुडा हो सकता हैं। यह एक ऐसी स्थिति है, जहां व्यक्ति खोपड़ी पर विभिन्न स्थानों पर अपने बाल खो देते हैं।
यह भी पढ़ें :- मेनोपॉज के साथ त्वचा मुरझाने लगी है, तो स्किन ग्लोइंग क्रीम आ सकती है आपके काम, हम बता रहे हैं इसके फायदे