पिछले एक साल से ज्यादा समय से हम मास्क पहने हुए हैं। यह भले ही हमारे सामान्य जीवन का हिस्सा नहीं था। पर अब हमने जान लिया है कि मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग सिर्फ कोरोना के प्रसार को ही बाधित नहीं करते, बल्कि यह फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने वाली ट्यूबरक्लोसिस जैसी खतरनाक बीमारी को भी फैलने से रोक सकते हैं।
हम सभी को टीबी से निजात पाने के प्रयास में सक्रिय भूमिका निभानी होगी और इसके लिए टीबी के बारे में सही जानकारी होना बेहद ज़रूरी है।
टीबी (Tuberculosis) को क्षयरोग के नाम से भी जाना जाता है। यह एक संक्रामक बीमारी है, जो माइक्रो ट्यूबरक्युलोसिस बैक्टीरिया के कारण होती है। इसके कई प्रकार हैं, लेकिन इसका ज्यादातर असर फेफड़ों पर होता है और इसका यही प्रकार सबसे ज्यादा घातक माना जाता है।
टीबी शरीर के अन्य हिस्सों में भी हो सकती है, लेकिन ये उतने संक्रामक नहीं होते। टीबी का निदान सही समय पर सही इलाज मिलने से संभव है। जबकि इलाज में लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है।
टीबी के सबसे आम लक्षणों में खांसते या छींकते वक़्त नाक या मुंह से खून आना शामिल है। इसके अलावा, खांसी में थूक का बढ़ना फेफड़ों के टीबी का लक्षण हो सकता है। साथ ही, इसके कई अन्य लक्षण भी हैं जैसे:
ऐसी खांसी जो तीन सप्ताह से अधिक रहे
भूख न लगना
अचानक वजन कम होना
लंबे वक़्त तक बुखार
ठंड लगना
रात को पसीना आना
जोड़ों में दर्द
कमज़ोरी
ये लक्षण किसी अन्य बीमारी के भी हो सकते हैं। इसलिए तुरंत चिकित्सीय सलाह लें और किसी भी तरह का संदेह होने पर टीबी परीक्षण करवाएं।
टीबी बैक्टीरिया के कारण होता है जो हवा में जारी सूक्ष्म बूंदों के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। यह तब हो सकता है जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसे, पास आकर बातचीत करे, छींके या थूके।
हर साल 24 मार्च को विश्व टीबी यानि ट्यूबरक्लोसिस दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन डब्लूएचओ और अन्य स्वास्थ्य समूहों, संस्थाओं द्वारा टीबी से संबंधित कार्यक्रम चलाये जाते हैं। ताकि लोग इस वैश्विक बीमारी के प्रति जागरूक हों और इसे जड़ से ख़त्म किया जा सके।
हर वर्ष इसे एक ख़ास थीम के साथ आयोजित किया जाता है और 2021 के लिए इसकी थीम ‘द क्लॉक इज टिकिंग’ (The Clock Is Ticking) रखी गई है। इस थीम का अर्थ है कि हमारे पास समय बहुत कम है! क्योंकि हर दिन ये बीमारी आक्रामक रूप ले रही है और टीबी की रोकथाम के लिए हमारे पास समय बहुत कम है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार टीबी दुनिया के सबसे घातक और जानलेवा संक्रमण में से एक है। दुनिया भर में हर रोज लगभग 4000 लोग टीबी से अपनी जान गंवाते हैं और 28000 के करीब लोग इससे संक्रमित होते हैं। ये आंकड़े हैरान कर देने वाले हैं लेकिन, टीबी का इलाज है। वर्ष 2000 से टीबी से निपटने के वैश्विक प्रयासों ने तकरीबन 63 मिलियन लोगों की जान बचाई है।
फेफड़ों की टीबी ही सबसे ज्यादा संक्रामक मानी जाती है। इसलिए यह जान लेना जरूरी है कि इसका जोखिम सबसे ज्यादा किसे होता है
बच्चे और बूढ़े, क्योंकि इनकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम होती है
लंबे वक़्त तक टीबी से ग्रस्त व्यक्ति के संपर्क में रहना
इम्यूनिटी कमज़ोर होना
ख़राब जीवनशैली या आहार
कुपोषित व्यक्ति
मधुमेह रोगी
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा वर्ष 2022 तक टीबी से निपटने के लिए सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स के तहत कुछ लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं। जिसमें 40 मिलियन, टीबी से ग्रस्त लोगों का उपचार शामिल है। साथ ही, इनमें 3.5 मिलियन बच्चे और 1.5 मिलियन लोग टीबी ड्रग-रेसिस्टेंट होंगे।
कोरोनावायरस की ही तरह टीबी के बैक्टीरिया भी खांसने, छींकने, थूकने से फैलते हैं। ये मानव लार, थूक आदि के साथ आने वाली ड्रॉपलेट्स के साथ यात्रा करते हैं। ऐसे में मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग इसे फैलने से रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
आपको ज्यादा कुछ करने की ज़रुरत नहीं है! बस पोषण से भरपूर आहार लें और हर रोज़ व्यायाम करें। एक्सरसाइज आपके शरीर के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे आप चुस्त-दुरुस्त रहते हैं। साथ ही, संतुलित आहार लेने से आपके शरीर में पोषण की कमी नहीं होगी। ये दो चीजें अपनाने से अन्य बीमारियां भी दूर रहेंगी।
अच्छी रोग- प्रतिरोधक क्षमता होने पर कई बीमारियां दूर रहती हैं। साथ ही शरीर किसी भी बाहरी संक्रमण से मुकाबला करने में सक्षम होता है। इम्युनिटी बढ़ाने के लिए अपने आहार में विटामिन-C और E ज़रूर शामिल करें। जैसे- संतरा, नींबू, टमाटर आदि। इसके साथ ही, हरी सब्जियां जैसे पालक और ब्रोकली खाएं। पैकेट बंद नमकीन-भुजिया की बजाए नट्स को अपने रूटीन में शामिल करें।
अगर आप अपनी सेहत का ख्याल रखेंगे तो हम जल्द ही टीबी पर काबू पा सकेंगे!
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