आपके शरीर के हर अंग की विशेष खासियत हैं। इन्हीं में से एक हैं आपका स्पाइन (spine) या बैकबोन (backbone)। इसके सहारे के बिना आप एक पल भी खड़े नहीं हो सकते। जी हां, आपके पैरों से ज्यादा आपकी रीढ़ की हड्डी आपके मूवमेंट के लिए जिम्मेदार है। लेकिन रोजमर्रा के जीवन में हम अकसर इसे नजरंदाज करते हैं। भारी सामान उठाना, गलत मुद्रा में बैठना या लेटना, लंबे समय तक झुककर काम करना, आदि कुछ ऐसी आदतें हैं जो आपके स्पाइन को नुकसान पहुंचा सकती हैं। हम बता रहें हैं स्पाइन को नुकसा पहुंचाने वाली कुछ आम आदतें और उनसे बचने के उपाय।
दुनिया भर में अनुमानित एक अरब लोग रीढ़ की हड्डी में दर्द से पीड़ित हैं। यह जीवन भर लोगों को प्रभावित करता है और विकलांगता का सबसे बड़ा कारण है। इसलिए इसकी रोकथाम महत्वपूर्ण है।
प्रत्येक वर्ष 16 अक्टूबर को आयोजित होने वाला विश्व रीढ़ दिवस (World Spine Day) दुनिया भर में रीढ़ की हड्डी में दर्द और विकलांगता के बोझ पर प्रकाश डालता है। दुनिया भर में चिकित्सक, व्यायाम विशेषज्ञ, सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, स्कूली बच्चों और रोगियों के साथ यह दिन मनाया जाता हैं।
वर्ल्ड स्पाइन डे रीढ़ की हड्डी के स्वास्थ्य और कल्याण के महत्व पर प्रकाश डालता है। लोगों को अपनी रीढ़ की देखभाल और सक्रिय रहने के लिए प्रोत्साहित किए जाने से शारीरिक गतिविधि, अच्छी मुद्रा और स्वस्थ काम करने को बढ़ावा मिलेगा।
2021 के लिए वर्ल्ड स्पाइन डे की थीम बैक 2 बैक (Back 2 Back) हैं! इसका विषय रीढ़ की हड्डी में दर्द और अक्षमता पर रीसेट करने और फिर से ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता को दर्शाता है। इस वर्ष का विश्व रीढ़ दिवस लोगों को अपनी रीढ़ की हड्डी के प्रति संवेदनशीली होकर सकारात्मक कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।
कूबड़ निकाल कर या बहुत ज्यादा झुक कर बैठना आपकी रीढ़ की हड्डी के प्राकृतिक संरेखण को प्रभावित करता हैं। इससे आपकी पीठ के निचले हिस्से पर अधिक दबाव पड़ता है और आपकी स्पाइन में दर्द शुरू हो सकता है। इसलिए हर आधे घंटे में अपने सिर और गर्दन को धीरे-धीरे ऊपर-नीचे और दाएं-बाएं घुमाएं। प्रभावित क्षेत्र पर आइस पैक या हीटिंग पैड लगाएं। अगर दर्द दूर नहीं होता है, तो अपने डॉक्टर से मिलें।
आपकी रीढ़ की हड्डी के लिय सही गद्दे का चुनाव करना बहुत जरूरी हैं। यह आपकी पीठ को सीधी रखने के लिए कड़क होना चाहिए। साथ ही आपके शरीर को आराम देने के लिए नरम। यदि आप सही गद्दे पर नहीं सोते हैं, तो यह लंबे समय तक आपकी मांसपेशियों और हड्डियों को गलत पाॅस्चर में रखेगा। इससे आगे चलकर पीठ में गंभीर दर्द हो सकता हैं।
यदि आपको पहले से पीठ दर्द की समस्या हैं, तो पेट के बल सोना आपको नुकसान पहुंचा सकता हैं। ऐसे सोने से आपके टॉस और टर्न होने की संभावना अधिक होती है, जिससे आपकी गर्दन और पीठ के निचले हिस्से दोनों में खिंचाव हो सकता है। यदि आप एक बेली स्लीपर हैं और करवट लेते हैं, तो यह आपके स्पाइन पर बुरा प्रभाव डाल सकता हैं।
अक्सर कॉरपोरेट जगत में लंबे काम के घंटे होने की वजह से आपको कुर्सी पर बैठे रहना पड़ता होगा। यह आपकी पीठ की मांसपेशियों, गर्दन और रीढ़ पर जोर देता है। झुकना इसे और खराब कर देता है। आप कितनी भी आरामदेह कुर्सी या व्यवस्था में क्यों न बैठ जाएं, आपकी पीठ के लिए लंबे समय तक बैठना सही नहीं हैं। अपने शरीर को आराम देने के लिए हर आधे घंटे में कुछ मिनट के लिए उठें और घूमें।
यदि आप सक्रिय नहीं हैं तो आपको पीठ दर्द होने की अधिक संभावना है। आपकी रीढ़ को मजबूत पेट और पीठ की मांसपेशियों के सहारे की जरूरत होती है। इसके लिए व्यायाम करना बहुत जरूरी हैं। रोज़मर्रा की गतिविधियां जैसे सीढ़ियां चढ़ना, पैदल चलना, आदि आपके डिस्क को मजबूत और लचीला बनाता हैं। इन गतिविधियों की कमी से आपको रीढ़ की हड्डी से संबंधित परेशनियां हो सकती हैं।
अपनी रीढ़ की हड्डी को मजबूत रखने के लिए कैल्शियम (calcium) युक्त आहार का सेवन करना बहुत जरूरी हैं। प्रोटीन व कैल्शियम से भरपूर आहार आपको ऑस्टियोपरोसिस (osteoporosis) जैसी बीमारी के जोखिम से बचाता हैं। साथ ही विटामिन डी आपकी हड्डियों को मजबूत रखता हैं। इसलिए हर रोज सुबह का समय आप धूप में बिताएं। ज्यादा पानी का सेवन भी आपके नए सेल्स और टिश्यू को लचीला बनाने में मदद करता हैं।
गलत मुद्रा में या भारी सामान उठाना आपकी रीढ़ की हड्डी पर दबाव डाल सकता हैं। इससे स्लिप डिस्क या फ्रैक्शन जैसी समस्या भी हो सकती हैं। अतः सामान उठाते समय अपनी मुद्रा पर ध्यान दें। इतना ही नहीं उठते-बैठते समय भी सही मुद्रा का पालन करना बहुत आवश्यक है। क्षमता से अधिक सामान उठाना व पीठ को झुकाकर रखना रीढ़ पर दबाव डालता है।
अपनी रीढ़ की हड्डी को मजबूत और लचीला बनाने के लिए कुछ विशेष व्यायाम या योग करें। इससे पीठ संबंधी समस्या से बचने में मदद मिलेगी । आप भुजंगासन, सेतुबंधासन, मार्जरीआसान, आदि जैसी योग मुद्रा का नियमित अभ्यास कर सकते हैं। साथ ही चलने, साइकिल चलाने या तैराकी जैसे कम प्रभाव वाले व्यायाम आपकी रीढ़ की हड्डियों के बीच डिस्क की रक्षा करने में मदद कर सकते हैं।
तो लेडीज, इस वर्ल्ड स्पाइन डे के साथ अपनी रीढ़ की हड्डी को स्वस्थ रखने और पीठ की समस्याओं से दूर रहने का संकल्प लें।
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