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World Sight Day: कंप्यूटर विजन सिंड्रोम के साथ ही ये 4 चीजें हो सकती हैं आपकी आंखों के लिए घातक

आजकल चश्मा और लेंस एक आम जरूरत बनती जा रही हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी में आंखों की समस्या सामान्य हो गई है। लेकिन इसे मजबूरी ना मानकर इन सिंपल हैक्स को अपनाएं और आंखों को रखें स्वस्थ।
कंप्युटर विज़न सिन्ड्रोम से रहें सावधान। चित्र: शटरस्टॉक
अदिति तिवारी Updated: 14 Oct 2021, 18:09 pm IST
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आंख आपके शरीर का महत्वपूर्ण और नाजुक अंग हैं। इसलिए बाकी अंगों की तुलना में इसका खास ख्याल रखना जरूरी हैं। आंखों की किसी भी परेशानी को नजरंदाज करना नुकसानदेह हो सकता है। इसके दीर्घकालीन प्रभाव हो सकते हैं। गैजेट्स के बढ़ते उपयोग ने आंखों की रोशनी को नष्ट करने का खतरा बढ़ा दिया हैं। ऐसे में डिजिटल आई स्ट्रेन आंखों की नई समस्या बन रही हैं। लेकिन इन समस्याओं को थोड़ी सावधानी के साथ दूर किया जा सकता हैं। इस विश्व दृष्टि दिवस के अवसर पर जानिए कुछ ऐसे हैक्स जो आपकी आंखों की दृष्टि को स्वस्थ रखने में सहायता करेंगे। 

जानिए क्या है विश्व दृष्टि दिवस 

विश्व दृष्टि दिवस अक्टूबर के दूसरे गुरुवार को जागरूकता का एक वार्षिक दिन है। जिसका उद्देश्य अंधेपन सहित दृष्टि दोष पर वैश्विक ध्यान केंद्रित करना है। इस वर्ष, विश्व दृष्टि दिवस 14 अक्टूबर, 2021 को थीम: लव योर आइज़ (Love Your Eyes) के साथ मनाया जाएगा।

अंतराष्ट्रीय विश्व दृष्टि दिवस का थीम हैं लव योर आई। चित्र: शटरस्‍टाॅॅॅक

विश्व स्तर पर, कम से कम 1 बिलियन लोगों के पास निकट या दूर दृष्टि दोष है। जिसे रोका जा सकता है या अभी तक संबोधित नहीं किया गया हैं। आंखों की परेशानी किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकती है। जिनमें से अधिकांश 50 वर्ष से अधिक आयु के हैं। अंधापन जीवन के सभी पहलुओं पर प्रमुख और लंबा प्रभाव डाल सकता है। जिसमें दैनिक व्यक्तिगत गतिविधियां, समाज के साथ बातचीत, स्कूल और काम के अवसर शामिल हैं। 

मोतियाबिंद दृष्टि हानि का प्रमुख कारण हैं। अन्य कारणों जैसे कि बढ़ती उम्र, ग्लूकोमा (glaucoma), डायबिटिक रेटिनोपैथी (diabetic retinopathy), आंख के संक्रामक रोग और आघात जैसी परेशानियों को संबोधित करना आवश्यक है। 

क्या हैं आंखों की सामान्य समस्याएं? 

1. मोतियाबिंद 

यह बढ़ती उम्र के साथ होने वाली एक आम समस्या हैं। समय के साथ आपकी आंखों के रेटिना पर एक परत जमने लगती हैं। इसके कारण आपकी दृष्टि कमजोर और धुंधली होने लगती हैं। साफ नजर न होने के कारण मोतियाबिंद के मरीज को पढ़ने, गाड़ी चलाने या अन्य नजर के काम करने में कठिनाई होती हैं। धीरे-धीरे इस परत के बढ़ने के साथ व्यक्ति अपनी दैनिक गतिविधियों को करने में भी अक्षम हो जाता हैं। 

2. ड्राइ आई सिन्ड्रोम 

यह बढ़ते गैजेट्स के उपयोग के कारण होने वाली समस्या है। इसमें आपकी आंखों में आंसू का स्तर कम हो जाता हैं। साथ ही उसकी गुणवत्ता पर भी प्रभाव पड़ता हैं। आंखों में जलन, चुभन महसूस होना, सूखा लगना, खुजली होना, भारीपन, आंख की कन्‍जक्‍टाइवा का सूखना, आंखों में लाली तथा उन्‍हें कुछ देर खुली रखने में दिक्‍कत महसूस होना इस सिंड्रोम के मुख्‍य लक्षण हैं। 

आपनी आखों की देखभाल करें। चित्र : शटरस्टॉक

3. कंप्युटर विज़न सिन्ड्रोम 

डिजिटल रूप से लगभग सारे काम करने की वजह से कंप्युटर के सामने बैठने का समय बढ़ गया हैं। लाइफस्टाइल में यह बदलाव आपकी आंखों के लिए हानिकारक साबित हो सकता हैं। ड्राई आई सिन्ड्रोम की तरह यह आपकी दृष्टि को कमजोर बना सकता हैं। 

एक तो कंप्यूटर से आपकी आंखों की दूरी कम रहती है, दूसरा इस दौरान आपकी आंखों की मूवमेंट कम होती है। इस वजह से आंखों में दर्द, जलन, खुजली, धुंधला दिखना, आदि जैसी समस्या हो सकती हैं। 

4. डायबेटिक रेटिनोपैथी  

मधुमेह के रोगियों को डायबिटिक रेटिनोपैथी (diabetic retinopathy) का खतरा ज्यादा होता हैं। ये विश्व भर में दृष्टि प्रभावित होना और दृष्टिहीनता का सबसे प्रमुख कारण है। इनसे बचने के लिए बहुत जरूरी है कि डायबिटीज़ के रोगी अपनी आंखों का विशेष ध्यान रखें। साथ ही नियमित अंतराल पर अपनी आंखों की जांच कराते रहें। इससे परेशानी को जानने में आसानी होगी और जटिलताओं को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। 

यहां हैं आंखों की रोशनी की उम्र बढ़ाने के लिए कुछ सिंपल हैक्स 

1. संतुलित आहार का सेवन करें  

स्वस्थ आंखों को बनाए रखने और अच्छी दृष्टि के लिए संतुलित आहार बहुत महत्वपूर्ण है। पालक, कोलार्ड साग और केल जैसी हरी पत्तेदार सब्जियां खूब खानी चाहिए, जो डायबेटिक रेटिनोंपैथी (diabetic retinopathy) से बचने में मदद करती हैं। इस बीच ब्लूबेरी आंखों की थकान को कम करने में मदद करती है। साथ ही गाजर, जो बीटा कैरोटीन (beta-carotene) और लाइकोपीन (lycopene) से भरपूर होती है, अच्छी दृष्टि को बढ़ावा देती है।

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2. आंखों को स्क्रीन से ब्रेक दें 

कंप्यूटर, टीवी और मोबाइल स्क्रीन के लंबे समय तक संपर्क में रहने से आपको अपनी आंखों पर जोर नहीं देना चाहिए। आपको कंप्यूटर स्क्रीन से सावधान रहना चाहिए क्योंकि इसकी रोशनी आंखों को चकाचौंध करती हैं। अक्सर स्क्रीन को देखते समय आप आंखें नहीं झपकाते जिसके कारण ड्राइ आई सिन्ड्रोम हो सकता हैं। 

अपनी आंखों को स्क्रीन से ब्रेक दें। चित्र: शटरस्टॉक

इसलिए हर 30 सेकंड में पलक झपकाते रहें। इसके अलावा, कंप्यूटर के उपयोग के मामले में 20-20-20 नियम का पालन करें। यह नियम हर 20 मिनट में 20 सेकंड से अधिक 20 फीट या उससे अधिक दूर देखने का सुझाव देता है।

3. आंखों पर खीरे का टुकड़ा लगाएं 

विशेष रूप से रात को सोने से पहले खीरे के ठंडे स्लाइस को पलकों पर धीरे से 10 मिनट तक दबाने से फायदा होता है। यह विशेष रूप से सूजन को रोकने में मदद करता है। इसके अलावा, यह आंखों को आराम और शांत रखने में भी मदद करता है। खीरे में एस्कॉर्बिक एसिड (ascorbic acid) और कैफिक एसिड (caifik acid) होता है, जो आंखों के सूखने और सूजन को रोकता है।

4. आंखों के व्यायाम करें 

व्यायाम और योग आंखों के लिए बहुत अच्छे होते हैं। वे आंखों को आराम और तनाव मुक्त रखने में मदद करते हैं। रोजाना व्यायाम के कई सेट करने से भी दृष्टि दोष से बचने में मदद मिल सकती है, सूखापन को रोका जा सकता है और इस प्रकार आंखों को अच्छे स्वास्थ्य में रखा जा सकता है।

सुबह उठकर ठंडे पानी से आंखें धोना है फायदेमंद। चित्र : शटरस्टॉक

5. आंखों को नियमित रूप से पानी से धोएं 

आंखों के स्वास्थ्य के लिए नियमित रूप धोना बहुत जरूरी है। यह सूखी आंखों की रोकथाम में मदद करता है। इसके अलावा, हवा में मौजूद धूल और अन्य जैविक तत्व आपकी आंखों पर जोर डाल सकते है और लंबे समय में, दृष्टि दोष जैसे मायोपिया (myopia) और हाइपरमेट्रोपिया (hypermetropia) हो सकता हैं। 

तो लेडीज, आंखों की समस्या को दूर करने और चश्मे तथा लेंस से राहत पाने के लिए इन आई हैक्स को जरूर अपनाएं। 

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अदिति तिवारी

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