World Salt Awareness Week : अगले दो वर्ष में ढाई मिलियन मौतों का कारण बन सकता है ज्यादा नमक
विश्व स्वास्थ्य संगठन और दुनिया भर के स्वास्थ्य विशेषज्ञ नमक की मात्रा को लेकर चिंतित हैं। सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया के हर उस देश में जहां रेस्तरां, बेकरी और एप स्वादिष्ट और प्रोसेस्ड फूड परोस रहे हैं वहां लोग आवश्यकता से दो गुना ज्यादा नमक खा रहे हैं। अगर नमक के दैनिक इस्तेमाल में कमी नहीं की गई तो अगले दो वर्षों में भारी संख्या में लोग हाइपरटेंशन और हृदय रोगों के चलते अपनी जान गवा देंगे। इन दिनों (14 – 20 March) हम नमक जागरुकता सप्ताह यानी सॉल्ट अवेयरनेस वीक (World Salt Awareness Week) मना रहे हैं। तो चलिए अपनी सेहत के लिए एक एक्सपर्ट से जानते हैं नमक के बारे में कुछ जरूरी तथ्य।
स्वाद को बीमारी न बनाएं
ज़रा सोचिए, अगर आपके आहार से नमक निकाल दिया जाए, तो उसका स्वाद कैसा होगा? या फिर किसी भी व्यंजन में बिना सोचे-समझे नमक झोंक दिया जाए, तब क्या होगा? असल में ऐसा ही हो रहा है।
बदले हुए लाइफस्टाइल ने सबसे ज्यादा खानपान की आदतों को प्रभावित किया है। रेस्तरां के डीप फ्राइड और पैकेट बंद प्रोसेस्ड फूड में जरूरत से अधिक नमक डाला जा रहा है। जो खाने के स्वाद को तो बढ़ाता है, पर आपकी सेहत के लिए धीमा ज़हर साबित होता है। इसका परिणाम यह होता है कि एक दिन डॉक्टर आपको नमक बिल्कुल छोड़ देने का सुझाव देते हैं।
नमक का रासायनिक नाम सोडियम क्लोराइड (NaCl) है। यह सीज़निंग और कॉन्डीमेंट के रूप में भोजन में इस्तेमाल किया जाता है। नमक मनुष्यों के शरीर के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है, लेकिन सीमित मात्रा में ही इसका प्रयोग किया जाना चाहिए?
इसकी कम और ज्यादा मात्रा दोनों ही सेहत को नुकसान पहुंचाती हैं। वर्ल्ड सॉल्ट अवेयनेस वीक पर (World Salt Awareness Week) नमक के बारे में कुछ और भी महत्वपूर्ण जानकारियां दे रहीं हैं प्राची जैन। प्राची सी के बिरला हॉस्पीटल गुरुग्राम में चीफ क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट एवं एचओडी (न्यूट्रिशन एवं डायटेटिक्स) हैं।
स्वास्थ्य की बेहतर देखभाल के लिए आइए जानते हैं नमक से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य
1 कम ही खाएं नमक
मानक दिशा-निर्देशों के अनुसार, किसी भी स्वस्थ व्यक्ति को प्रतिदिन केवल 4-5 ग्राम नमक यानि 1 चम्मच (टीस्पून) का ही प्रयोग करना चाहिए।
कार्डियोवास्क्युलर रोगों (Cardiovascular disease), हाइपरटेंशन (High BP) और गुर्दे के रोगों से ग्रस्त मरीजों को कम नमकयुक्त खुराक का सेवन करने की सलाह दी जाती है। यानि 2-3 ग्राम नमक/दिन/व्यक्ति।
2 प्रीजर्व्ड फूड में होता है ज्यादा नमक
डायटीशियन प्राची कहती हैं, “आज के आधुनिक दौर में, जबकि लोग काफी व्यस्त जिंदगी जी रहे हैं और खानपान की आदतें भी अनहेल्दी होती जा रही हैं, ऐसे में हम जाने-अनजाने जरूरत से ज्यादा नमक का सेवन करने लगे हैं। सच्चाई तो यह है कि हम नमक की निर्धारित मात्रा से दोगुनी का सेवन कर रहे हैं। अब हम प्राय: पैक किया गया, प्रीज़र्व्ड,पैकेज्ड, बेकरी और रेडी टू ईट भोजन लेते हैं।
इस प्रकार के अनहेल्दी फूड का हमारे लाइफस्टाइल का हिस्सा बन जाने का प्रमुख कारण है। बाहर के खानपान को ज्यादा पसंद करना, समय कम होना, बाजारों में आसानी से उपलब्धता, ऑनलाइन फूड ऍप्स के जरिए आसानी से मिलना, और साथ ही, खानपान के बारे में जागरूकता का अभाव और गलत चुनाव के दुष्परिणामों की जानकारी न होना।
3 ब्लड प्रेशर और हार्ट डिजीज बढ़ाता है ज्यादा नमक
नमक की अधिक मात्रा कार्डियोवास्क्युलर रोगों (सीवीडी), दुनियाभर में स्ट्रोक, हाइ ब्लड प्रेशर का जोखिम बढ़ाने के साथ-साथ मृत्यु और अन्य कई रोगों का कारण है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के सदस्य देशों ने 2025 तक नमक की मात्रा का दुनियाभर की आबादी के बीच 30% तक सेवन घटाने पर सहमति जतायी है।
साथ ही, विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है – दुनियाभर में नमक का सेवन उपर्युक्त मात्रा में कम करने पर लगभग 2.5 मिलियन मौतों को रोका जा सकता है।
4 जरूर पढ़ें पैकेट पर दी गई जानकारी
अगर आप कभी-कभी पैक्ड फूड का सेवन करते हैं, तो उन पर दर्ज जानकारी और पोषक तत्वों से संबंधित सूचनाओं को पढ़ें। कई बार पैक्ड फूड में फूड एडिटिव के तौर पर इस्तेमाल होने वाले सोडियम ग्लूटामेट में भी सोडियम मौजूद हो सकता है।
डैश डाइट (DASH) यानि डायटरी एप्रोच टू स्टॉप हाइपरटेंशन का भी रखना होगा ध्यान :
- साबुत अनाज, साबुत दालों, मछली, पोल्ट्री, सूखे मेवों तथा बीजों का अधिक सेवन करें।
- कोशिश करें कि आप मौसमी फलों, सब्जियों और कम वसायुक्त डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन करें।
- सैचुरेटेड फैट, कलेस्ट्रॉल और ट्रांस फैट्स युक्त भोजन में कटौती करें।
- सोडियम, मिठाइयों, मीठे पेय पदार्थों, और रेड मीट तथा मैरीनेटेड भोजन सामग्री का प्रयोग घटाएं
- बेकरी और रिफाइंड फूड तथा मैदे से बनने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचें।
- अपने भोजन में कैन्ड, पैक्ड, प्रीज़र्व्ड, प्रोसैस्ड तथा रेडी टू ईट फूड की मात्रा कम करें।
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