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World Prematurity Day: विशेषज्ञों से जानिए कम वजन वाले प्रीमेच्योर बेबी के लिए कैसा होना चाहिए पोषण

जन्म के समय बहुत कम वजन वाले बच्चों की देखभाल करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि किसी भी तरह की असावधानी से विभिन्न नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं। यहां जानिए इससे जुड़ी कुछ जरूरी बातें!
समय से पहले जन्म लेनें वाले बच्चों को अधिक केयर की जरूरत होती है। चित्र:शटरस्टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Published: 17 Nov 2021, 13:01 pm IST
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समय से पहले जन्म लेना और जन्म के समय कम वजन की घटना दोनों ही दुनिया में नवजात मृत्यु दर के प्रमुख कारण हैं। जन्म के समय कम वजन के साथ पैदा होने वाले शिशुओं में प्रारंभिक विकास में कमी, संक्रमण, विकास में देरी और पैदा होने पर या बचपन के दौरान मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है।

नवजात शिशु का वजन के आधार पर वर्गीकरण 

जन्म के वजन के आधार पर, एक बच्चे को इन श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है :

  • 2.5 किग्रा और 3.5 किग्रा के बीच सामान्य जन्म वजन होता है।  
  • जन्म के समय 2.5 किग्रा से कम के बच्चे को कम वजन माना जाता है।  
  • इसके अलावा जन्म के समय 1.5 किग्रा से कम के बच्चें को बहुत कम वजन माना जाता है (VLBW)।  
  • 1 किग्रा से कम को जन्म के समय बेहद कम वजन (ELBW) माना जाता है। 

सेप्सिस (sepsis) या नेक्रोटाइज़िंग एंटरोकोलाइटिस (necrotising enterocolitis) जैसी जटिलताओं का जोखिम जन्म के वजन से विपरीत होता है। सबसे कम वजन वर्ग के शिशुओं को सबसे ज्यादा खतरा होता है।

क्या होता है नेक्रोटाइज़िंग एंटरोकोलाइटिस (NEC)? यह बच्चे को कैसे नुकसान पहुंचाता है?

नेक्रोटाइज़िंग एंटरोकोलाइटिस (NEC) एक जानलेवा गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट (gastrointestinal tract) संबंधी विकार है जिसमें आंतों के टिशू मर जाते हैं। यह पेट में परेशानी, कम प्लेटलेट काउन्ट, रक्त में कम सोडियम का स्तर, तापमान अस्थिरता और सदमे जैसी परेशानियों का कारण है। यह स्थिति अधिकांश शिशुओं और बीमार बच्चों को प्रभावित करती है, जिनका जन्म के समय कम वजन होता है या वे समय से पहले पैदा होते हैं।

उपचार के लिए सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है, जिसका आजीवन प्रभाव हो सकता है। कई अध्ययनों ने संकेत दिया है कि NEC होने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन बोवाइन मिल्क (bovine milk)  आधारित उत्पादों का सेवन एक प्रमुख जोखिम कारक है।

ऐसे बच्चों में संक्रमण और बीमारी का खतरा ज्यादा होता है। चित्र:शटरस्टॉक

अधिकांश वीएलबीडब्ल्यू (VLBW) और ईएलबीडब्ल्यू (ELBW) शिशु या तो समय से पहले जन्म लेते हैं या वे गर्भावधि उम्र के लिए छोटे होते हैं, या दोनों। वीएलबीडब्ल्यू (VLBW) और ईएलबीडब्ल्यू (ELBW) शिशुओं की पोषण स्थिति में सुधार लाने से शिशु के तत्काल और दीर्घकालिक स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। बशर्ते एक उच्च क्वालिटी का मानव दूध प्रदान किया जाए। 

समय से पहले पैदा होने वाले बच्चों के लिए क्या है उपाय?

लैक्टेशन कंसल्टेंट डॉ गीतिका गंगवानी के अनुसार, “एक नवजात शिशु के जीवित रहने के साथ-साथ उनके मस्तिष्क के विकास और अन्य अंगों के कार्यों के लिए मानव दूध आहार महत्वपूर्ण है। मानव दूध, जब प्रसव के पहले घंटे के भीतर दिया जाता है, तो बच्चे के लिए एक अमृत के रूप में काम करता है। वह उन्हें संक्रमण और अन्य स्वास्थ्य जटिलताओं से बचाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) मां के दूध के अभाव के समय डोनर ह्यूमन मिल्क के उपयोग की सिफारिश करता है।”

मानव दूध (Human milk) एंटीबॉडी प्रदान करने के अलावा पचाने में भी आसान होता है। नियोलैक्टा लाइफ साइंसेज के मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी डॉ विक्रम रेड्डी के अनुसार, संक्रामक रोगों से लड़ने के लिए इम्युनिटी के साथ-साथ मानव दूध में बच्चें के विकास के लिए सभी आवश्यक पोषक तत्व मौजूद होते हैं। मानव दूध बच्चे के विकासशील पेट और आंतों पर भी कोमल होता है, जिससे यह शिशुओं के लिए श्रेष्ठ पोषण बन जाता है।

पारस हॉस्पिटल्स, गुड़गांव के मदर एंड चाइल्ड यूनिट के निदेशक और नियोनेटोलॉजी एंड पीडियाट्रिक्स, डॉ अमिताभ सेनगुप्ता, कहते हैं, “समय से पहले जन्म एक वैश्विक बोझ है, जो विकासशील और विकसित दोनों देशों में देखा जाता है। हम सभी शिशुओं के लिए एक विशेष मानव दूध आहार निर्धारित करते हैं। विशेष रूप से यह उनके लिए है जो समय से पहले जन्म लेते हैं और जिनका वजन 1,500 ग्राम से कम है। उनकी अतिरिक्त पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए हम ये सुझाव देते हैं।

शिशुओं के लिए स्तनपान बहुत जरूरी है। चित्र: शटरस्टॉक

एक स्वस्थ ह्यूमन मिल्क डाइट क्या है?

इस दूध में मां के दूध का संयोजन, एक जांचे हुए डोनर के पाश्चुरीकृत दूध के साथ और मानव दूध से प्राप्त फोर्टिफायर से बनता है। विशेष रूप से मानव दूध आहार (human milk diet) वाले बच्चों को एनईसी (NEC), सेप्सिस के साथ-साथ विभिन्न संक्रमणों और पुरानी बीमारियों से बचाया जा सकता है। 

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यह जरूरी है कि आने वाले समय में न्यू मॉम्स को इस आहार के महत्व के बारे में बताया जाए। इस प्रक्रिया का निष्ठापूर्वक पालन करने से जीवन के पहले सप्ताह के भीतर नवजात शिशु के लिए पर्याप्त प्रवाह और स्तन के दूध की मात्रा सुनिश्चित होगी।

विशेष रूप से मानव दूध पिलाने को सकारात्मक रूप से बेहतर नर्वस सिस्टम और मस्तिष्क के विकास के परिणामों से जोड़ा गया है।

समय से पहले पैदा होने वाले बच्चों के लिए बाहरी दूध और उसके उत्पादों से बचा जाता है

बाहरी आर्टिफ़िशियल दूध देने से शिशु न केवल संक्रमण की चपेट में आ सकता है, बल्कि इससे एलर्जी भी हो सकती है। इसके अतिरिक्त, बोवाइन मिल्क बच्चे के लिए पचाना मुश्किल होता है, जिससे यह उसके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो जाता है।

इन बच्चों को बाहरी दूध न पिलाएं। चित्र : शटरस्टॉक

इसके अतिरिक्त, इन दूध से बने उत्पाद मानव दूध के महत्वपूर्ण घटक जैसे इम्युनोग्लोबुलिन (Immunoglobulins) और मानव दूध ओलिगोसेकेराइड (human milk oligosaccharides) प्रदान नहीं करते हैं। क्लीनिकल एविडेंस से पता चलता है कि मानव दूध को ऐसे उत्पादों के साथ मिलाने से मानव दूध के पोषण संबंधी गुण भी कम हो सकते हैं। 

अंत में, यह मत भूलिए कि समय से पहले पैदा हुए बच्चों की देखभाल में थोड़ी सी भी लापरवाही जानलेवा हो सकती है, क्योंकि वे नाजुक होते हैं और उनके अंग अभी भी विकसित हो रहे होते हैं। घर जाने के बाद भी उन्हें अत्यधिक देखभाल की आवश्यकता होती है। साथ ही अपने डॉक्टर से नियमित रूप से फॉलो-अप भी करना पड़ता है।

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