विश्व निमोनिया दिवस: निमोनिया आमतौर पर वायरस या बैक्टीरिया के कारण होने वाला एक तीव्र श्वसन संक्रमण है, जो 2019 में 6,72,000 बच्चों सहित 2.5 मिलियन लोगों को अपनी चपेट में चुका है। हाल के दिनों में कोविड निमोनिया के मामलों में वृद्धि हुई है। निमोनिया से होने वाली मौतों की कुल संख्या में वृद्धि होने की संभावना है। इस बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 12 नवंबर को विश्व निमोनिया दिवस (World Pneumonia Day) मनाया जाता है।
कुल मिलाकर, भारत में विश्व स्तर पर निमोनिया के बोझ का 23 प्रतिशत हिस्सा है और इस मामले की मृत्यु दर 14 से 30 प्रतिशत के बीच है। जहां यह दुनिया भर में मृत्यु दर का प्रमुख कारण बना हुआ है, भारत में 20% बच्चे इसकी चपेट में आते हैं।
यशोदा हॉस्पिटल्स हैदराबाद में सलाहकार इंटरवेंशनल पल्मोनोलॉजी एंड स्लीप मेडिसिन, डॉ विश्वेश्वरन बालासुब्रमण्यम निमोनिया के प्रकार, कारण, लक्षण, रोकथाम और इसके उपचार के बारे में तथ्य साझा कर रहे हैं।
किसी भी संक्रमण के कारण फेफड़े में सूजन होती है, जिसे निमोनिया कहा जाता है। हालांकि अधिकांश निमोनिया बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण होता है। इन्फ्लूएंजा या कोविड-19 वायरस जैसे वायरल संक्रमण भी फेफड़ों को प्रभावित कर सकते हैं और उन्हें गंभीर क्षति पहुंचा सकते हैं।
डॉ बालासुब्रमण्यम कहते हैं “भारत में, तपेदिक निमोनिया का एक प्रमुख कारण बना हुआ है। विशेष रूप से निम्न सामाजिक आर्थिक स्थिति वाले लोगों और कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों में। यह देखा गया है कि धूम्रपान करने वालों या शराब का सेवन करने वाले लोगों में निमोनिया का जोखिम बढ़ जाता है।
खासकर बच्चों में पोषक तत्वों की कमी
घर या कार्यस्थल पर अपर्याप्त वेंटिलेशन
एचआईवी जैसी अंतर्निहित इम्युनोकॉम्प्रोमाइज्ड स्थितियों की उपस्थिति
जो लोग अंग प्रत्यारोपण या ऑटोइम्यून विकारों के लिए स्टेरॉयड या अन्य इम्यूनोसप्रेसेन्ट दवाओं पर हैं
अनियंत्रित मधुमेह वाले लोगों को भी निमोनिया होने का अधिक खतरा होता है।
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कस्टमाइज़ करेंइसलिए यह जरूरी है कि निमोनिया के बारे में जानें और सतर्क रहें। ताकि खुद को और अपने परिवार को इसके जोखिम से बचाया जा सके।
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