किडनी मरीजों की हॉस्पिटल विज़िट कम कर सकते हैं ये 11 टिप्स, डायलिसिस के दौरान रखें इनका ख्याल

किडनी फेल होने की स्थिति में मरीजों को डायलिसिस करवाना पड़ता है। यह काफी खर्चीली प्रक्रिया है। इस दौरान हॉस्पिटल विजिट को कैसे कम किया जा सकता है, एक्सपर्ट बता रहे हैं।
kidney health aur blood sugar
किडनी के मरीजों को डायलिसिस के बारे में ये बातें जरूर मालूम हाेनी चाहिए। चित्र : शटरस्टॉक
Dr. Anuja Porwal Updated: 23 Oct 2023, 09:10 am IST
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डायलिसिस (Dialysis) कराना उन लोगों के लिए जीवनरक्षक हो सकता है, जिनकी किडनी फेल हो चुकी होती हैं। मगर यह काफी समय खपाने वाली प्रक्रिया होती है और शुरू में, काफी डरावनी भी लग सकती है। साथ ही, इसके चलते मरीज़ के जीवन में कई बदलाव आते हैं। अगर आपके परिवार में किसी की किडनी खराब हो चुकी हैं और उन्हें नियमित डायलिसिस (dialysis for kidney patients) करवाना पड़ता है, तो एक्सपर्ट दे रहे हैं वह जरूरी सुझाव (Tips for dialysis patients) जिससे हॉस्पिटल विज़िट को कम किया जा सके।

कब दी जाती है डायलिसिस की सलाह (When dialysis is required)

आमतौर से एंड स्‍टेज रीनल डिज़ीज़ या किडनी फेल की समस्‍या से ग्रस्‍त मरीज़ को डायलिसिस की सलाह दी जाती है। डायलिसिस की जरूरत तब पड़ती है जब किडनी सही ढंग से काम नहीं कर रही होतीं।

कैसे किया जाता है डायलिसिस (How dialysis works)

ऐसे में डायलसिस किडनी की तरह काम करती है। यानि शरीर से अपशिष्‍ट सामग्री को बाहर फेंकती है, रक्‍तचाप नियंत्रित करती है, रक्‍त में कुछ रसायनों जैसे पोटाशियम, सोडियम, बाइकार्बोनेट, कैल्शियम और फॉस्फोरस आदि का स्‍तर सुरक्षित बनाकर रखती है। डायलिसिस काफी चुनौतीपूर्ण हो सकती है, क्‍योंकि इसके लिए बार-बार अस्‍पताल जाने की जरूरत पड़ती है।

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किडनी खराब होने पर डायलिसिस कीसलाह दी जाती है। चित्र : अडोबी स्टॉक

अस्‍पताल में भर्ती होने से मरीज़ के जीवन पर असर पड़ता है और यह खर्चीली प्रक्रिया भी होती है। इसलिए डायलसिस के मरीज़ों को इसे कम-से-कम रखने के प्रयास करने चाहिए। डायलसिस के सही शेड्यूल का पालन करने के अलावा साफ-सफाई की अच्‍छी आदतें बरतने और सेहतमंद खानपान जरूरी होता है।

यहां कुछ उपयोगी नुस्‍खे दिए जा रहे हैं जिनकी मदद से आप अस्‍पताल जाने से बच सकते हैं और एक आसान जीवन भी बिता सकते हैं:

किडनी के मरीजों का जीवन आसान और स्वस्थ बना सकते हैं ये 11 सुझाव (Safety tips for kidney patients)

1 डायलिसिस शेड्यूल का पालन करें:

सभी निर्धारित डायलिसिस सेशंस में उपस्थित हों और उपचार किसी भी वजह से उपचार में चूक नहीं होने दें। डायलिसिस से चूक होने पर शरीर में वेस्‍ट और टॉक्सिन्‍स की मात्रा बढ़ने लगती है, जो कई बार की गंभीर स्‍वास्‍थ्‍य जटिलताओं को जन्‍म देती है।

2 हिमोडायलसिस से किसी सेशन में चूक नहीं :

इसकी वजह से आपको इमरजेंसी में भर्ती होने की नौबत भी आ सकती है। हिमोडायलसिस का हर सेशन 4 घंटे का होता है। इसलिए कभी भी तकनीशियन पर इसे घटाने के लिए दबाव नहीं डालें। जल्‍द-से-जल्‍द एवी फिस्‍टुला बनवाएं, जो हिमोडायलसिस के लिए वास्‍क्‍युलर एक्‍सेस का सर्वश्रेष्‍ठ तरीका होता है।

3 साफ-सफाई रखें:

हाथ धोएं और सही ढंग से धोएं, साफ-सफाई की सही आदतों का पालन करने से आप संक्रमणों से अपना बचाव कर सकते हैं, जो कि डायलसिस मरीज़ों के अस्‍पताल में भर्ती होने का सामान्‍य कारण हैं। मरीज़ों को गंदे हाथों से डायलसिस एक्‍सेस साइट को छूने से बचना चाहिए।

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4 अधिक मात्रा में पेय पदार्थों के सेवन से बचें :

मरीज़ों का डायलसिस से पहले और बाद में वज़न नोट किया जाता है और उन्‍हें घर में ही हर दिन वज़न लेने की सलाह दी जाती है। ताकि शरीर में अधिक तरल पदार्थों के जमा होने की वजह से किसी तरह की जटिलता न पैदा हो।

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Kidney ke marizo ko zyada pani peene se bachna chahiye
किडनी के मरीजों को ज्यादा पानी पीने से बचना चाहिए। चित्र : शटरस्टॉक

5 निर्धारित समय पर दवाओं का नियमित सेवन करें :

मरीज़ों को अपने डॉक्‍टरों द्वारा बतायी गई दवाएं समय पर लेनी चाहिएं। ताकि ब्‍लड प्रेशर, एनीमिया और अन्‍य इंफेक्‍शन से बचाव हो सके।

6 हर महीने अपने नेफ्रोलॉजिस्ट से नियमित रूप से सलाह लें :

इससे आपका ट्रीटमेंट प्‍लान अपडेट करने में मदद मिलती है और किसी भी तरह की जटिलता के उत्‍पन्‍न होने से पहले ही उससे निपटना आसान होता है।

7 अपने डॉक्‍टर द्वारा निर्धारित डाइट का पालन करें :

आमतौर पर, हाइ प्रोटीन, लो सॉल्‍ट, लो पोटाशियम डाइट लेने की सलाह दी जाती है। तरल पदार्थों से संबंधित प्रतिबंध इस बात पर निर्भर करते हैं कि मरीज़ के शरीर में प्रतिदिन कितना पेशाब बनता है।

8 एक्‍सेस साइट की देखभाल :

हर दिन एक्‍सेस साइट की जांच करें कि किसी प्रकार का संक्रमण तो नहीं है। साथ ही, यह भी देखें कि कोई जलन और लाली न हो। हर दिन देखते रहें कि एक्‍सेस साइट पर रक्‍त प्रवाह हो, और फिस्‍टुला साइट पर वाइब्रेशन महसूस हो।

9 लैब पैरामीटरों और अन्‍य वाइटल्‍स पर ध्‍यान दें :

अपने सभी महत्‍वपूर्ण लैब पैरामीटरों जैसे कि हीमोग्‍लोबिन (Hb) और ब्‍लड प्रेशर (BP) आदि पर नज़र रखना डायलिसिस मरीज़ों के लिए काफी जरूरी होता है। ताकि उनका स्‍वास्‍थ्‍य सही बना रहे और वे उन जटिलताओं से भी बचे रहें जिनके कारण अस्‍पताल में भर्ती होने की नौबत आ सकती है।

10 एक्टिव रहें :

नियमित व्‍यायाम आदि करने से आपके शारीरिक और मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य को सही रखने में मदद मिलती है। अपने डॉक्‍टर से इस बारे में सलाह करें कि आपके लिए किस प्रकार के व्‍यायाम सही होंगे।

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अपने स्वास्थ्य परामर्शदाता से अपने लिए सही व्यायाम के बारे में बात करें। चित्र : शटरस्टॉक

11 बेहतर कम्‍युनिकेशन :

इन सभी बातों के अलावा, डायलिसिस मरीज़ो को अपने अस्‍पतालों और डायलिसिस सेवा प्रदाताओं के साथ बेहतर कम्‍युनिकेशन बनाकर रखना चाहिए।

अन्‍य महत्‍वपूर्ण निर्देश :

डॉक्‍टर की सलाह पर नियमित समय रूप से दवाओं का सेवन करें। धूम्रपान और शराब का सेवन करने से बचें, इनकी वजह से आपकी किडनी पर असर पड़ सकता है। यदि आपको हाइपरटेंशन (High blood pressure) है तो अपना ब्‍लड प्रेशर और डायबिटीज़ (Diabetes) है तो नियमित रूप से ब्‍लड शुगर की जांच कर उसे नियंत्रित रखें।

अपने नेफ्रोलॉजिस्‍ट की सलाह से वैक्‍सीनेशन शैड्यूल का पालन करते रहें, नियमित रूप से हेपेटाइटिस बी टिटर्स लें और हर साल एंटी फ्लू शॉट भी लगवाएं।

इन उपयोगी नुस्‍खों का पालन कर ये मरीज़ बार-बार अस्‍पताल जाने के चक्‍कर से बच सकते हैं। जिससे उनका जीवनकाल लंबा होगा और साथ ही, उनकी जीवन की गुणवत्‍ता भी अच्‍छी रहेगी।

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Dr. Anuja Porwal is Additional Director Nephrology & Kidney Transplant Medicine at Fortis Hospital Noida. ...और पढ़ें

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