हाई ब्लड प्रेशर शरीर की एक समस्या है, जो शरीर की धमनियों को प्रभावित करती है। इसे हाइपरटेंशन भी कहते हैं। यदि किसी व्यक्ति को हाई ब्लड प्रेशर है, तो ब्लड का फ़ोर्स आर्टरी वाल के खिलाफ बहुत अधिक हो जाता है। ब्लड पंप करने के लिए हार्ट को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। ब्लड प्रेशर पारा के मिलीमीटर में मापा जाता है। सामान्य तौर पर हाई ब्लड प्रेशर 130/80 मिमी एचजी या उससे अधिक होना है। एक्सपर्ट बताते हैं कि हाई ब्लड प्रेशर वाले किसी भी व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए ब्लड प्रेशर को सही तरीके से मापना और उसे कंट्रोल रखना बहुत जरूरी है। हाई ब्लड प्रेशर और वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे (World Hypertension Day) के बारे में जानने के लिए हमने गुरुग्राम के उजाला सिग्नस ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के फाउंडर और डायरेक्टर डॉ. शुचिन बजाज (Dr. Shuchin Bajaj) से बात की।
वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे (WHD) का उद्देश्य आम लोगों को उच्च रक्तचाप और इससे होने वाली गंभीर बीमारियों के जोखिम के बारे में बताना है। इसकी रोकथाम, पहचान और उपचार के बारे में जानकारी प्रदान करना भी इस दिवस का उद्देश्य है। यह हर वर्ष 17 मई को मनाया जाता है। वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे 2023 की थीम ‘मेजर योर ब्लड प्रेशर एक्यूरेटली, कंट्रोल इट, लिव लॉन्गर (Measure your blood pressure accurately, and control it, for a longer life) ‘ है।इस थीम के माध्यम से दुनिया भर में इसके प्रति जागरूकता फैलाई जाएगी।
डॉ. शुचिन कहते हैं, ‘लंबे और स्वस्थ जीवन के लिए ब्लड प्रेशर को नियन्त्रण में रखना जरूरी है। कुछ जरूरी कदम उठाकर इसे नियंत्रित किया जा सकता है।’
ब्लड प्रेशर मॉनिटर का उपयोग करके ब्लड प्रेशर को घर पर ही मापा जा सकता है। इसे सटीक तरीके से मापने के लिए यह जरूरी है।
माप लेने से पहले कुछ मिनट आराम करें।
पैरों को ज़मीन पर सपाट और पीठ को सहारा देकर आरामदायक स्थिति में बैठना जरूरी है।
डिवाइस के निर्देशों का पालन करते हुए ब्लड प्रेशर मॉनिटर के कफ को बांह के ऊपरी हिस्से पर रखें।
औसत रीडिंग प्राप्त करने के लिए दिन के अलग-अलग समय पर और अलग-अलग दिनों में कई रीडिंग लें।
ब्लड प्रेशर को पारा के मिलीमीटर (mmHg) में मापा जाता है। इसे दो नंबरों द्वारा दर्शाया जाता है। सिस्टोलिक प्रेशर और डायस्टोलिक प्रेशर। सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर में जब दिल धड़कता है, तो आर्टरी में दबाव को मापा जाता है। डायस्टोलिक प्रेशर में दिल धड़कनों के बीच आराम करता है, तो आर्टरी में दबाव को मापा जाता है। आमतौर पर रक्तचाप के लिए स्वस्थ सीमा लगभग 120/80 mmHg मानी जाती है।
सामान्य से अधिक होने पर हाई ब्लड प्रेशर होता है। गतिविधियों के आधार पर रक्तचाप पूरे दिन बदलता रहता है। लगातार सामान्य से ऊपर रहने से हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन हो सकता है।
सकारात्मक लाइफस्टाइल विकल्प बनाने से रक्तचाप को नियंत्रित करने और समग्र हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है।
फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और कम वसा वाले डेयरी प्रोडक्ट से भरपूर संतुलित आहार लें।
सोडियम (नमक) का सेवन कम करें। प्रोसेस्ड और हाई सोडियम वाले खाद्य पदार्थों को सीमित करें।
प्रति सप्ताह कम से कम 150 मिनट के लिए नियमित शारीरिक गतिविधि करें। चलना, तैरना या साइकिल चलाना भी इसमें शामिल है।
वजन ज्यादा होने पर वजन कंट्रोल करने की दिशा में काम करें।
शराब का सेवन सीमित करें और धूम्रपान से बचें।
क्रोनिक तनाव उच्च रक्तचाप में योगदान कर सकता है। तनाव को प्रबंधित करने के लिए स्वस्थ तरीके खोजें। गहरी सांस लेना, ध्यान, योग आदि का अभ्यास करें। परिवार और दोस्तों के साथ समय बिता कर तनावमुक्त हों।
कैफीन अस्थायी रूप से रक्तचाप बढ़ा सकता है। इसलिए कॉफी, चाय और एनर्जी ड्रिंक (energy drink) जैसे कैफीनयुक्त पेय पदार्थों के सेवन को सीमित करें। कैफीन के प्रति संवेदनशील हैं, तो डिकैफ़िनेटेड विकल्पों पर स्विच करें।
ब्लड प्रेशर की रीडिंग पर नज़र रखें। उन्हें अपने हेल्थकेयर एक्सपर्ट के साथ साझा करें। इसकी मदद से वे अनुकूल दवाइयों, जीवनशैली में बदलाव की बातें कहेंगे।
यह याद जरूरी है कि एक बार ब्लड प्रेशर की समस्या होने पर उसपर आजीवननजर बनाये रखना पड़ता है। नियमित निगरानी, स्वस्थ जीवनशैली विकल्प और हेल्थकेयर एक्सपर्ट की सलाह की मदद से हाई ब्लड प्रेशर पर कंट्रोल किया जा सकता है।
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