प्रत्येक वर्ष के 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। 1948 में इसकी स्थापना स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाने की दृष्टि से की गयी थी। पिछले 50 वर्षों में इसने मानसिक स्वास्थ्य, मातृ एवं शिशु देखभाल और जलवायु परिवर्तन जैसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य मुद्दों के प्रति जागरूकता बढ़ायी है।
हर साल स्वास्थ्य दिवस कि थीम अलग होती है और 2021 के लिए इसकी थीम Building a fairer, healthier world” रखी गयी है यानि ‘एक निष्पक्ष और स्वस्थ दुनिया का निर्माण करना। स्वास्थ्य कल्याण में भी समानता होना बेहद ज़रूरी है, लेकिन आज भी पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को कमजोर स्वास्थ्य का सामना करना पड़ता है। इसके लिए एक नहीं, कई कारण जिम्मेदार हैं।
निरक्षरता या सही जानकारी का अभाव पूअर हेल्थ एक बहुत बड़ा कारण है
सही इलाज के लिए आर्थिक स्थिति का मज़बूत होना भी बेहद ज़रूरी है
इंटिमेट हेल्थ के बारे में लोग आज भी जागरूक नहीं है
एक्सरसाइज या डेली फिटनेस के महत्व को न समझना
अस्वस्थ जीवनशैली और खानपान
संभोग के दौरान खुद को सुरक्षित न रखना
महिलाओं में पुरुषों के मुकाबले स्ट्रोक का खतरा ज्यादा होता है। अमेरिका में हर साल, पुरुषों की तुलना में लगभग 55,000 अधिक महिलाओं को स्ट्रोक होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक इसके कई कारण हो सकते हैं। पर इसका मुख्य कारण शरीर के एस्ट्रोजन लेवल में उतार-चढ़ाव है। एस्ट्रोजन में परिवर्तन से रक्त में थक्के बनते हैं और इससे स्ट्रोक का खतरा अधिक हो सकता है।
लगभग 10 मिलियन अमेरिकियों में से 80% महिलाएं ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि महिलाओं की हड्डियां पुरुषों की तुलना में पतली और छोटी होती हैं। महिलाओं की हड्डियों को एस्ट्रोजन द्वारा संरक्षित किया जाता है।
हालांकि, जब महिलाएं रजोनिवृत्ति के दौरान एस्ट्रोजन को खोना शुरू करती हैं, तो यह हड्डी के द्रव्यमान के नुकसान का कारण बनता है। ऑस्टियोपोरोसिस के कारण लगभग 50% महिलाओं की हड्डियां कमज़ोर होकर झड़ने लगती हैं।
पोलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम और यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन जैसी समस्याएं, आजकल हर दूसरी महिला में देखी जा सकती हैं। ये दोनों ही अस्वस्थ जीवनशैली और बैड इंटिमेट हायजीन के कारण उत्पन्न हो सकती हैं। यूटीआई का सही इलाज न होने पर किडनी रोग उत्पन्न हो सकता है और पीसीओएस की वजह से कन्सीव करने में परेशानी आ सकती है।
स्तन कैंसर, जो आमतौर पर दूध नलिकाओं के अस्तर में उत्पन्न होता है और शरीर के अन्य अंगों में भी फैल सकता है। ये वैश्विक महिला आबादी को प्रभावित करने वाला सबसे आक्रामक कैंसर है। इस बीमारी का सही समय पर पता चलना बेहद ज़रूरी है, क्योंकि तभी इसका कारगर इलाज संभव है। इससे बचने के लिए महिलाओं को सेल्फ टेस्ट करने की सलाह दी जाती है। ताकि गांठ का पहले पता चल सके।
गर्भाशय का कैंसर निचले गर्भाशय में होता है, जबकि डिम्बग्रंथि का कैंसर फैलोपियन ट्यूब में शुरू होता है। दोनों स्थितियों में समान दर्द का अनुभव होता है, ग्रीवा कैंसर का खतरा संभोग के दौरान और बढ़ जाता है। अगर इसे सुरक्षित तरह से न किया जाए।
गर्भावस्था के दौरान स्थिति नाज़ुक हो सकती है, जिससे मां और उसके बच्चे के स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है। ऐसे में अस्थमा, मधुमेह और अवसाद जैसी समस्याएं जानलेवा साबित हो सकती हैं अगर सही समय पर प्रबंधित न किया जाए। गर्भावस्था के दौरान एनीमिया की शिकायत सबसे ज्यादा आम है।
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कस्टमाइज़ करेंइंटीमेट हेल्थ का ख्याल रखना
पौष्टिक और संतुलित आहार लेना
हर रोज़ एक्सरसाइज करना
बस खुद से प्यार करना और तनाव मुक्त रहना
चिकित्सीय सलाह लेने में देरी न करना
तो गर्ल्स, बस अपना ख्याल रखें और दुनिया को और ज्यादा सेहतमंद बनाने में मदद करें।
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