सेहत और फिटनेस तीन प्रमुख तत्वों का मेल है – शारीरिक-शरीर, मानसिक-दिमाग और सामाजिक सेहत। इन तीनों में से एक भी चीज अगर गड़बड़ है, तो उसके साथ बाकी दो चीजें भी प्रभावित होंगी ही, यह तय है। आज वर्ल्ड हेल्थ डे (World health day) के उपलक्ष्य में आइए उन चीजों का आकलन करते हैं, जो आपको लंबी, स्वस्थ और खूबसूरत जिंदगी (Tips to stay healthy) देने में मददगार हो सकती हैं।
अच्छा स्वास्थ्य क्या है और आप इसे कैसे सुनिश्चित कर सकते हैं, यह बताने के लिए हमारे साथ हैं प्राची जैन। प्राची गुड़गांव के सी के बिरला अस्पताल में चीफ क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट एवं एचओडी (न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स) हैं।
आपकी जीवनशैली और खानपान इन तीनों ही चीजों का आधार है। यानी अगर यह अच्छा है तो आपकी समग्र सेहत भी अच्छी रहेगी और अगर यह खराब है, तो आपको हेल्थ इंश्योरेंस करवाने में देर नहीं करनी चाहिए।
यह हर दिन की गतिविधियों को पूरा करने की हमारे शरीर की क्षमता होती और वह भी थकान, शारीरिक तनाव जैसी बाधाओं के बिना। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो हमारे शरीर का आधे से ज़्यादा हिस्सा पैरों का होता है, इसलिए व्यक्ति को शारीरिक रूप से सक्रिय होना चाहिए और हर दिन कम से कम 45 मिनट व्यायाम करना चाहिए।
इन व्यायामों ने दौड़ना, जॉगिंग करना, तैरना, नृत्य, ज़ुंबा, ट्रेडमिल, साइकिल चलाना, तेज़ गति में टहलना, सीढ़ी चढ़ना शामिल है।
यह मस्तिष्क या दिमाग की सेहत की स्थिति होती है। मानसिक रूप से सेहतमंद होने का मतलब है कि व्यक्ति को तनाव, अवसाद, परेशानी, ज़रूरत से ज़्यादा सोचने जैसी मनोवैज्ञानिक समस्याएं नहीं हैं। अगर आप दिमागी तौर पर स्वस्थ हैं, तो आप तनाव से निपट सकते हैं, भावनाओं को नियंत्रित कर सकते हैं और गुस्से पर काबू पा सकते हैं।
इससे आशय अन्य लोगों के साथ अच्छे और समरसतापूर्ण संबंध बनाए रखने से है। यह तभी संभव है जब आप शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ हों।
न्यूट्रीशनिस्ट प्राची कहती हैं, “निष्क्रिय जीवनशैली का मतलब न्यूनतम शारीरिक गतिविधि या पर्याप्त मात्रा में शारीरिक गतिविधि न कर पाना है। ऐसी जीवनशैली कई गंभीर बीमारियों के प्रमुख कारणों में से एक है। शारीरिक गतिविधि न होने से वज़न बढ़ने, मोटापे, कार्डियोवैस्क्यूलर बीमारियों, डायबिटीज़, उच्च रक्तचाप, हार्मोनल डिस्फंक्शन, अवसाद जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा खाने-पीने की गैर-सेहतमंद आदतें भी घातक साबित हो सकती हैं।
बैठे-बैठे काम करने वाली नौकरी – शारीरिक गतिविधियों की कमी की वजह से व्यक्ति का वज़न बढ़ जाता है और मोटापे की समस्या होती है।
खाना न खाना, बाहर का खाना खाने के लिए तैयार रहना, गैर-सेहतमंद खाना, ज़रूरत से ज़्यादा खाना, बाहर का खाना, पैकेटबंद खाना इत्यादि।
समाज में धाक जमाने, आधुनिकीकरण के दबाव में, तनाव का सामना न कर पाने, गलत आदतों की वजह से धूम्रपान करना या शराब पीना।
व्यक्तिगत और पेशेवर चिंताएं, प्रतिस्पर्धाएं, लक्ष्य पूरे करने के दबाव, भरपूर नींद न हो पाना इत्यादि।
इन दिनों ज्यादातर लोग देर तक बैठे रहने वाली जॉब में हैं। इंटरनेट पर बढ़ी हुई निर्भरता ने फिजिकल मूवमेंट कम की है। इसके साथ ही बंद कॉम्पैक्ट एसी केबिन में बैठे रहने से न तो उन्हें कोई ताज़ी हवा मिल पाती है और न ही सूर्य की रोशनी। ज़्यादा घंटों तक काम करना, नाइट शिफ्ट, नौकरी में ओवरटाइम करना आदि भी सेहत को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
उपरोक्त तमाम कारक सेहत के लिए जोखिम बढ़ा रहे हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इन पर जल्द से जल्द कोई एक्शन लिया जाए। इसमें केवल व्यायाम करना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि आपको सही खाना और सुरक्षित खाना भी ज़रूरी है।
प्राची जैन कहती हैं कि आपका शरीर सेहतमंद और अच्छा रहे, इसके लिए ज़रूरी है कि आप अपनी जीवनशैली में बदलाव करें जिनमें ये चीज़ें शामिल हैं-
खाना जो हम खाते हैं – सुरक्षित और सेहतमंद खाएं, मिलावटी खानपान से बचें, किसी भी दूषित और अनजाने में दूषित हुई चीज़ों से बचें, खाने की चीज़ों के पोषण से संबंधित लेबल पढ़ें।
व्यायाम जो हम करते हैं – किसी भी शारीरिक गतिविधि में 45 मिनट हिस्सा लें
व्यक्तिगत एवं आसपास की साफ-सफाई और हाइजीन का खयाल रखें।
समुचित खान-पान इस बात का सूचक होता है कि आप खुद का कितना सम्मान करते हैं, और यह न भूलें कि सेहत ही एकमात्र ऐसी संपत्ति है जो हमेशा आपका साथ देगी।
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