जब हम छोटे थे तो मम्मी-पापा हमें इनके लिए डांटते थे और अब जब हम बड़े हो गए हैं, तो मम्मी-पापा को इस तरह की सलाह देते हैं। असल में आंखों और आंखों की रोशनी के बारे में हम सबसे ज्यादा कही-सुनी बातों को आगे बढ़ाते हैं। आंखें आपके शरीर का सबसे नाजुक, संवेदनशील और अनमोल हिस्सा हैं। इसलिए जरूरी है कि आईसाइट के बारे में प्रचलित इन नौ भ्रम को आपको आज ही तोड़ डालना चाहिए।
1. भ्रम : गाजर खाने से बढ़ती है आंखों की रोशनी।
सच्चाई : गाजर असल में सुपरफूड है। इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन ए होता है, जो आपके स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। पर गाजर खाने से आंखों की रोशनी में सुधार होगा यह सिर्फ मिथ है।
2. भ्रम : अंधेरे में पढ़ने से आंखों को नुकसान पहुंचता है।
सच्चाई : ये बात तो हम सभी ने बचपन में बार-बार सुनी होगी। असल में अंधेरे में पढ़ाई करने से आंखों में थकान हो जाती है और सिर दर्द हो सकता है। लेकिन इसका हमारी आंखों की रोशनी पर कोई स्थायी प्रभाव नहीं पड़ता।
3. भ्रम : बहुत नजदीक बैठकर टीवी देखने से आंखें खराब हो जाएंगी।
सच्चाई : इस बात पर तो हर बच्चे को डांट पड़ती है। हमारे लिए भी टीवी देखने के लिए एक दूरी निश्चित थी। पर असल में इसका आंखों की रोशनी से कोई वास्ता नहीं है। इसकी बजाए लगातार या ज्यादा देर तक किसी भी स्क्रीन को देखने से आंखों में सूखेपन की समस्या हो सकती है।
4. भ्रम : हर समय चश्मा पहनने से आपकी आंखें कमजोर हो जाएंगी।
सच्चाई : हालांकि लगातार चश्मा पहनने से उसके निशान आंखों के आसपास बन जाते हैं। पर इसका आंखों की रोशनी पर कोई नुकसान नहीं है। बल्कि अगर आपकी नजदीक की नजर कमजोर है तो आपके लिए लगातार चश्मा पहनना जरूरी है।
5. भ्रम : कंप्यूटर का ज्यादा इस्तेमाल करने से आपकी आंखें कमजोर हो सकती हैं।
सच्चाई : हमें आंखों और आंखों की रोशनी दोनों को अलग-अलग समझने की जरूरत है। किसी भी तरह की स्क्रीन हमारी आंखों को नुकसान पहुंचाती है, उसका आंखों की रोशनी पर कोई स्थायी असर नहीं होता।
6. भ्रम : किसी और का चश्मा पहनने से आपकी आंखें कमजोर हो सकती हैं।
सच्चाई : मेरे मम्मी-पापा को बहुत बार इसके लिए टोका गया है, क्योंकि वे अखबार पढ़ते हुए अकसर एक-दूसरे का चश्मा इस्तेमाल कर लेते हैं। निश्चित रूप से किसी और का चश्मा आपके लिए असुविधाजनक हो सकता है। पर इसका आपकी आंखों की रोशनी से कोई संबंध नहीं है। चाहें तो आप अपना चश्मा उल्टा पहनकर भी ट्राय कर सकती हैं।
7. भ्रम : आईड्रॉप्स से ड्राय आइज की समस्या ठीक हो जाती है।
सच्चाई : सामान्य आई ड्रॉप्स आपकी सूखी आंखों को कुछ समय के लिए राहत दे सकती हैं, पर इनसे समस्या का समाधान नहीं होता। ड्राई आइज की समस्या तब होती है, जब आंसू बनाने वाली ग्रंथि में पर्याप्त आंसू नहीं बनते। इनके लिए कुछ खास मेडिकेटेड आई ड्रॉप्स होती हैं, जो डॉक्टर की सलाह पर ही आपको खरीदनी चाहिए।
8. भ्रम : हर किसी को मोतियाबिंद नहीं होता।
सच्चाई : मोतियाबिंद असल में नेचुरल ह्यूमन लेंस पर होने वाली क्लाउडिंग है। 40 के बाद ये उम्र बढ़ने के संकेतों में शामिल एक संकेत मात्र है। जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है वह क्लाउडिंग घनी होने लगती है। अगर आंखों का ठीक से ध्यान न रखा जाए तो यह किसी को भी हो सकता है।
9. भ्रम : जब तक आंखों में कोई समस्या न हो, आई टेस्ट करवाने की जरूरत नहीं है।
सच्चाई : यह सबसे बड़ी गलती हो सकती है। कुछ ऐसे दुश्मन हैं, जो साइलेंटली आपकी आंखों को नुकसान पहुंचाते हैं। जैसे – ग्लूकोमा, मैक्यूलर डिजनरेशन, डायबिटीज़ और हाइपरटेंशन। इसलिए जैसे ही आप अपने 30 के दशक में दाखिल हों आपको साल में कम से कम दो बार आंखों की जांच जरूर करवानी चाहिए।