कोरोना के बढ़ते मामलों नें कोविड – 19 की चौथी लहर (Covid – 19 4th Wave) की अशनकाएं एक बार फिर तेज़ कर दी हैं। एक तरफ जहां सब मास्क लगाना छोड़ चुके थे, तो वहीं तेज़ी से बढ़े मामलों नें सबके मन में एक बार फिर डर पैदा कर दिया है। लोगों नें फिर से एक घुटन भरी जिंदगी जीना शुरू कर दिया है यानी मास्क लगाना। पर जो लोग पहले से ही श्वास संबंधी समस्याओं से ग्रस्त हैं, उनके लिए मास्क (Mask) लगाना जटिल हो सकता है। पर क्या वाकई मास्क पहनने से सांस लेने में दिक्कत होती है? या यह सिर्फ एक चिंता है? विश्व अस्थमा दिवस (World Asthma Day 2022) पर हमने एक विशेषज्ञ से इस बारे में विस्तार से बात की।
विश्व अस्थमा दिवस 1998 में स्थापित किया गया था। तब से यह हर वर्ष 3 मई को मनाया जाता है और इस दिवस का उद्देश्य अस्थमा से प्रभावित लोगों के लिए जागरूकता बढ़ाना है। अस्थमा फेफड़ों की एक बीमारी है जिसमें सांस लेने में समस्या होती है। अस्थमा के लक्षणों (Asthma Symptoms) में सांस फूलना, (Shortness Of Breath) खांसी, घरघराहट और सीने में जकड़न होना शामिल है। ऐसे में यह दिवस लोगों को सेहत के प्रति जागरूक करता है।
ग्लोबल हॉस्पिटल, परेल, मुंबई के सीनियर कंसल्टेंट – पल्मोनोलॉजी एंड क्रिटिकल केयर, डॉ हरीश चाफले का कहना है कि हालांकि मास्क लगाना कभी-कभी मुश्किल होता है, लेकिन अब यह आदत हमारी जीवनशैली का हिस्सा बनती जा रही है। बहुत से लोगों को लगता है कि मास्क पहनने के फायदे से ज्यादा नुकसान हैं। जैसा कि सभी स्थितियों में होता है, इसके भी दो पहलू हैं।
मास्क पहनने का एक फायदा है जिसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। यह हमारी कोविड – 19 (Covid – 19) से रक्षा करता है और हम इसे ठीक से उपयोग करके दूसरों की रक्षा करते हैं।
लेकिन मास्क पहनने की कुछ तकलीफें भी हैं, जिन्हें हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। इस बारे में अधिक जानने के लिए हमने मसीना हॉस्पिटल, मुंबई के पलमोनरी कंसल्टेंट, डॉ सुशील जैन से बात की।
इस्तेमाल किए गए मास्क के प्रकार के आधार पर सिरदर्द या सांस लेने में कठिनाई
चेहरे पर जलन पैदा करने वानी सूजन या मुंहासे। यह तब होता है जब मास्क अक्सर लंबे समय तक इस्तेमाल किया जाता है
स्पष्ट रूप से संवाद करने में कठिनाई, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो बहरे हैं या जिनकी सुनने की क्षमता कम है
मास्क पहनते समय असहज महसूस होना
डॉ सुशील के अनुसार अमेरिकन एकेडमी ऑफ एलर्जी, अस्थमा एंड इम्यूनोलॉजी के अनुसार, इस बात का कोई सबूत नहीं है कि फेस मास्क पहनने से आपका अस्थमा (Asthma) प्रभावित हो सकता है। हाल ही के एक अध्ययन के डेटा में पाया गया कि फेस मास्क पहनने से ऑक्सीजन संतृप्ति स्तर प्रभावित नहीं होता है, चाहे पहनने वाले को अस्थमा हो या न हो।
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कस्टमाइज़ करेंयूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) का कहना है कि मास्क पहनने से आप जिस हवा में सांस लेते हैं उसमें कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) का स्तर नहीं बढ़ता है। CO2 के बारे में अफवाहों पर, सीडीसी का कहना है, “कपड़े के मास्क और सर्जिकल मास्क चेहरे पर एक एयरटाइट फिट प्रदान नहीं करते हैं। इसलिए जब आप सांस छोड़ते हैं या बात करते हैं तो CO2 मास्क के माध्यम से हवा में निकल जाता है। CO2 अणु आसानी से गुजर जाते हैं क्योंकि यह काफी छोटे होते हैं।
इसके विपरीत, कोविड – 19 का कारण बनने वाले वायरस को ले जाने वाली श्वसन की बूंदें CO2 से बहुत बड़ी होती हैं। इसलिए वे ठीक से डिज़ाइन किए गए और ठीक से पहने हुए मास्क से आसानी से नहीं गुजर सकती हैं।”
वर्तमान में, फेस शील्ड को केवल आंखों की सुरक्षा का एक स्तर प्रदान करने के लिए माना जाता है और इसे श्वसन बूंदों (Respiratory Droplets )से सुरक्षा और/या संक्रमित स्रोत के संबंध में मास्क के बराबर नहीं माना जाना चाहिए।
गैर-चिकित्सा मास्क की अनुपलब्धता की वजह से फेस शील्ड का भी उपयोग किया जा सकता है। यदि फेस शील्ड का उपयोग किया जाना है, तो चेहरे के किनारों और ठुड्डी के नीचे को कवर करने के लिए उचित डिज़ाइन सुनिश्चित करें।
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