विश्व अस्थमा दिवस हर वर्ष 5 मई, 2021 को ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा, (GINA) द्वारा आयोजित किया जाता है। यह 1993 में स्थापित एक विश्व स्वास्थ्य संगठन सहयोगी संस्था है। वर्ल्ड अस्थमा डे (World Asthma Day) को दुनिया भर में अस्थमा से संबंधी जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रत्येक 4 मई को आयोजित किया जाता है।
इस वर्ष के विश्व अस्थमा दिवस की थीम (“Uncovering Asthma Misconceptions”) है जिसका मतलब है अस्थमा से जुड़ी भ्रांति को उजागर करना और इससे संबंधी मिथ्स को दूर करना। ऐसा इसलिए क्योंकि अस्थमा पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है, मगर अस्थमा अटैक को कम करने और रोकने के लिए अस्थमा को प्रबंधित करना संभव है।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, यह अनुमान लगाया गया था कि वैश्विक स्तर पर 339 मिलियन से अधिक लोगों को अस्थमा था। 2016 में वैश्विक स्तर पर अस्थमा के कारण 417,918 मौतें हुईं। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार, 19 मिलियन से अधिक अमेरिकी वयस्कों को अस्थमा है।
नवंबर 2017 में न्यूट्रिएंट्स में प्रकाशित एक समीक्षा के अनुसार, कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जो अस्थमा के मरीजों को परेशान कर सकते हैं या लक्षणों को और घातक बना सकते हैं।
कई प्रकार के ड्राई फ्रूट्स में सल्फाइट्स शामिल होते हैं, जो कि भोजन के शेल्फ लाइफ को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किए गए संरक्षक हैं। यह सल्फाइट्स अस्थमा के मरीजों के लिए घातक साबित हो सकते हैं।
अगर किसी फूड आइटम पर आपको “पोटेशियम बिसल्फाइट” और “सोडियम सल्फाइट” जैसे शब्द नज़र आते हैं, तो इन्हें भूलकर भी न खरीदें। ये खाद्य पदार्थ अस्थमा को ट्रिगर कर सकते हैं।
अचार को लंबे समय के लिए फर्मेंट किया जाता है, जिससे उसका स्वाद निखरता है। मगर यही उसमें सल्फाइट बनने का कारण बनता है। अस्थमा के मरीजों को सल्फाइट युक्त खाद्य पदार्थों से दूर रहना चाहिए।
कई प्रकार की वाइन और बीयर में सल्फाइट्स शामिल होते हैं। यदि आपको शराब पीने के बाद खांसी – जुकाम हो जाता है और आपको अस्थमा भी है, तो आपको इससे बचकर रहना चाहिए। कुछ शोध यह भी बताते हैं कि वाइन में हिस्टामाइन, छींकने और गले में बलगम जैसी समस्याएं पैदा कर सकती है।
जिन्हें अस्थमा है उन्हें खाने में आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। सन फ्रांसिस्को में कैसर परमानेंट मेडिकल सेंटर (Kaiser Permanente Medical Center) में एलर्जी विभाग के प्रमुख, एमडी, पेग स्ट्रोब कहते हैं कि सांस लेने में कठिनाई वाले लोगों के लिए यह सबसे अच्छा है कि वे आर्टिफिशियल स्वीटनर जैसे रसायनों से बचें, क्योंकि इससे एलर्जी हो सकती है।
ऐसा माना जाता है कि ज्यादा तला हुआ भोजन करने की वजह से आपके शरीर में वसा की मात्रा बढ़ जाती है। इसकी वजह से आपका वज़न बढ़ता है। जिससे आपके फेफड़ों को अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जो अस्थमा के लक्षणों को बढ़ा सकता है। फिजीशियन समिति फॉर रेस्पोंसिबल मेडिकेशन के अनुसार, मांस, मछली तला हुआ भोजन, फेफड़ों के कार्य को खराब कर सकते हैं।
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कस्टमाइज़ करेंविटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थ, जैसे दूध और अंडे
बीटा कैरोटीन युक्त सब्जियां, जैसे कि गाजर और पत्तेदार साग
मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थ, जैसे कि पालक और कद्दू के बीज
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