एड्स जैसी जानलेवा बीमारी के बारे में हम सभी जानते हैं। यह एक्वायर्ड इम्युनो डेफिशिएंसी सिंड्रोम (AIDS) ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस (HIV) के कारण होता है। आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को नुकसान पहुंचाकर, एचआईवी आपके शरीर की संक्रमण और बीमारी से लड़ने की क्षमता को कम कर सकता है। एचआईवी, एड्स के बारे में जागरुकता में पहले से ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। इसके बावजूद हर साल लोग इस लाइलाज बीमारी की चपेट में आ जाते हैं।
कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के दौरान न केवल इसके प्रति जागरुकता में कमी आई, एचआईवी संक्रमित लोगों को भी कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इसलिए यह जरूरी है कि हम सब सेफ सेक्स के महत्व को समझें। वर्ल्ड एड्स वैक्सीन डे (World AIDS Vaccine Day) पर आइए जानते हैं इस बारे में और भी विस्तार से।
एचआईवी एक यौन संचारित संक्रमण (STI) है। यह संक्रमित रक्त के संपर्क में आने और गलत इंजेक्शन के उपयोग या सुइयों को साझा करने से भी फैल सकता है। यह गर्भावस्था, प्रसव या स्तनपान के दौरान मां से बच्चे में भी फैल सकता है। दवा के बिना, एचआईवी आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को इस हद तक कमजोर कर सकता है कि आपको एड्स हो जाए।
इस बात से हम सभी वाकिफ हैं कि एड्स का अभी तक कोई इलाज नहीं है। मगर क्या कोई तरीका है जिससे हम एचआईवी से संक्रमित होने से बच सकते हैं? जी हां… वह है सेफ सेक्स।
विश्व एड्स वैक्सीन दिवस, जिसे एचआईवी वैक्सीन जागरूकता दिवस के रूप में भी जाना जाता है, प्रतिवर्ष 18 मई को मनाया जाता है। यह कार्यक्रम एक ऐसे टीके की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डालता है, जो एचआईवी से होने वाले एड्स को रोक सकता है। यह आयोजन उन हेल्थ प्रॉफेशनल, वैज्ञानिकों, समुदाय के सदस्यों और स्वयंसेवकों को भी सम्मानित करता है, जो एड्स के टीके को विकसित करने में मदद कर रहे हैं।
लोगों को स्वस्थ रखने में टीके अहम भूमिका निभाते हैं। वे गंभीर और कभी-कभी घातक बीमारियों से आपकी रक्षा करते हैं। एचआईवी जैसी स्वास्थ्य स्थितियों वाले लोगों के लिए यह वैक्सीन विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं। एचआईवी होने के बाद एक व्यक्ति की एड्स होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए एड्स के इलाज में वैक्सीन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
टीके बहुत प्रभावी होते हैं और वे न केवल लोगों को बीमारी से बचाते हैं, बल्कि रोग को और लोगों तक संक्रमित होने से बचाते हैं। जब लोग किसी बीमारी से इम्यून हो जाते हैं, तो बीमारी फैलने की संभावना बहुत कम हो जाती है।
नहीं। वर्तमान में ऐसा कोई टीका नहीं है जिसे एचआईवी संक्रमण को रोका जा सके। हालांकि, वैज्ञानिक इस पर अभी काम कर रहे हैं।
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार एचआईवी गुदा और योनि संभोग के माध्यम से फैल सकता है, यदि साथी कंडोम का उपयोग नहीं करते हैं। इसलिए कंडोम ज़रूरी है।
दूसरी ओर, ओरल सेक्स में एचआईवी फैलने का जोखिम बहुत कम होता है, लेकिन फिर भी यह संभव है। वायरस शरीर के तरल पदार्थ जैसे वीर्य द्रव, योनि द्रव और रक्त से फैल सकता है।
एचआईवी सिरिंज और सुइयों के माध्यम से फैल सकता है, यदि कोई दोबारा एक ही सिरिंज को इंजेक्शन के लिए इस्तेमाल करे। इसलिए, एक बार उपयोग करने के बाद ऐसी सीरिंज को फेंकना सबसे अच्छा है।
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