पहाड़ों पर जा रहीं हैं छुट्टियां बिताने, तो 40 पार की महिलाएं जरूर याद रखें ये 6 टिप्स
अभी गर्मी की छुट्टियां (Summer Holidays) चल रही हैं। अभी महिलाएं गर्मी से राहत पाने के लिए खूब यात्रा भी कर रही होंगीं। खासकर ऊंचाई वाले स्थानों की। मैदानी इलाकों के लोग पहाड़ों की यात्रा के अभ्यस्त नहीं होते हैं। इसके कारण उन्हें कई तरह की शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। खासकर 40 के बाद समस्याएं और अधिक बढने लगती हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि 40 के बाद ऊंचाई वाले स्थान की यात्रा करने वाले लोग कुछ बातों को जरूर ध्यान में (expert tips for 40 plus women) रखें।
ऊंचाई वाले स्थान पर हो सकती हैं कई स्वास्थ्य समस्याएं (Health Problems)
उजाला सिग्न्स ग्रुप ऑफ़ हेल्थकेयर के डाइरेक्टर डॉ. शुचिन बजाज बताते हैं, ‘ हृदयरोगियों के लिए पहाड़ों की यात्रा जोखिम भरा हो सकता है। अधिक ऊंचाई के कारण लंग्स और ब्रेन संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं। इसके कारण शरीर के तापमान में तेजी से कमी हो सकती है। इस स्थिति को हाइपोथर्मिया (Hypothermia) कहते हैं। ऊंचाई वाले स्थान की यात्रा करने पर ड्राईनेस, सांस लेने में तकलीफ, ऑक्सीजन की कमी, तेज सिरदर्द, उल्टी, मांसपेशियों में खिंचाव, डीहाईद्रेशन आदि की समस्या हो सकती है।
यहां हैं ऊंचाई वाले स्थान की यात्रा करने से पहले ध्यान में रखे जाने वाले 6 टिप्स (Expert Tips)
1 पहाड़ पर जाने से पहले आंत को मजबूत बनाएं (Healthy Gut)
यदि आप मैदानी इलाके से पहाड़ की यात्रा करने वाली हैं, तो सबसे पहले अपने आंत का ख्याल रखें। हिल स्टेशनों में पकाए जाने वाले भोजन में आमतौर पर ऐसे मसाले का प्रयोग किया जाता है, जो स्वाभाविक रूप से शरीर में गर्मी पैदा करते हैं। ऐसे खाद्य पदार्थ को आपको आम दिनों में पचाने में दिक्कत हो सकती है। अलग-अलग तरह की दालें आपके लिए गरिष्ठ हो सकती हैं, जो एसिडिटी, गैस की समस्या पैदा कर सकती हैं। यदि आपकी आंत मजबूत है, तभी आप यहां के भोजन को पचा पाएंगी।
2 स्मोकिंग की आदत छोडनी होगी (quit Smoking)
स्मोकिंग फेफड़ों की क्षमता को कम कर देता है। पहाड़ पर हवा की कम मौजूदगी फेफडों के लिए कठिन बना सकता है। इससे सांस की तकलीफ और खांसी हो सकती है। यहां तक कि अगर आपको छुट्टियों के दौरान धूम्रपान करने की इच्छा नहीं होती है, तो नियमित रूप से धूम्रपान करने से पहले ही आपके फेफड़ों को इतना नुकसान हो चुका है कि आप आसानी से पहाड़ों से नहीं निपट सकते।
3 अस्थमा के मरीज के लिए विशेष सावधानी (Precautions for Asthma)
यदि आप अस्थमा या अन्य सांस की तकलीफ से गुजर रही हैं, तो विशेष रूप से सावधान रहें। अस्थमा की दवा हमेशा अपने साथ रखें। नाक को कवर करने के लिए रूमाल, दुपट्टा और फेस मास्क भी साथ रखें। खुद को हाइड्रेटेड रखें। किसी भी प्रकार की समस्या होने पर दवाओं और इन्हेलर का प्रयोग करें।
4 सांस फूलने पर ऊंचाई चढना बंद करें (Respiratory Problem)
घबराहट होने, सांस फूलने, बहुत अधिक उल्टी होने पर ऊंचाई चढना तत्काल बंद कर दें। ध्यान रखें कि कभी भी खाली पेट यात्रा नहीं करें। हाइट पर कैलोरी की अधिक खपत होती है, इसलिए पेट भरकर खाना खाएं। नारियल पानी, फ्रूट जूस, हर दिन 8-10 ग्लास पानी पीना नहीं भूलें।
5 ब्लड वेसल्स का ख़ास ख्याल (Blood Vessels)
ठंड में ब्लड वेसल्स सिकुड़ जाते हैं। इससे ब्लड सर्कुलेशन में दिक्कत हो सकती है। यदि आप पूरी तरह फिट हैं, तो भी समस्या हो सकती है। यदि आपको कोरोनरी हार्ट प्रॉब्लम है, तो यात्रा से पहले अपने डॉक्टर से जरूर बात करें। संभव है कि वे आपको समुद्र तल से 4500 मीटर से अधिक यात्रा करने की सलाह नहीं देंगे। यदि आपको एक्यूट माउंटेन सिकनेस है, तो डॉक्टर आपको ऊंचाई की यात्रा करने की बिल्कुल सलाह नहीं देंगे।
6 शरीर के आराम का भी रखें ध्यान (Physical Relaxation)
यदि ठंडे प्रदेशों की यात्रा कर रही हैं, तो गर्म कपड़े की कई परतों से शरीर को गर्म रखने का प्रयास करें। यदि किसी पहाड़ की चढ़ाई कर रही हैं, तो थोड़ी देर आराम करने के बाद ही ऊपर चढ़ें। एक बार में ही बहुत अधिक चढ़ाई करने पर हाइपोथर्मिया की शिकायत हो सकती है। किसी भी प्रकार के हीटर से शरीर को गर्म करने की बजाय रजाई-कंबल की मदद से स्वाभाविक रूप से शरीर को गर्म होने दें।
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