एक महिला अपने पूरे जीवनकाल में कई चरणों से गुज़रती है जिसके लिए उन्हें शारीरिक मजबूती की ज़रुरत होती है। 30 के बाद एक महिलाओं का शरीर कमज़ोर होना शुरू हो जाता है। ऐसे में दूध का नियमित सेवन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। भारतीय घरों में हमेशा से ही रात के खाने के बाद एक गिलास दूध दिया जाता है। परन्तु बड़े होने के बाद ये आदत छूट जाती है, पर यही वो समय होता है जब दूध पीना सबसे ज्यादा फायदेमंद साबित होता है।
विश्व भर में दूध को संपूर्ण आहार का दर्जा दिया जाता है, क्योंकि ये पोषक तत्वों का भंडार है और तृप्ति महसूस करवाता है।
दूध के महत्व को ध्यान में रखते हुए हर वर्ष 1 जून को विश्व दुग्ध दिवस यानी वर्ल्ड मिल्क डे (World Milk Day) के रूप में मनाया जाता है। विश्व दुग्ध दिवस की स्थापना 2001 में, संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन द्वारा की गई थी। यह दिवस दूध को वैश्विक भोजन के रूप में पहचानने और डेयरी क्षेत्र को सेलिब्रेट करने के लिए मनाया जाता है। तब से हर साल, दुनिया भर में दूध और डेयरी उत्पादों के लाभों को सक्रिय रूप से बढ़ावा दिया गया है।
हर वर्ष की तरह इस साल लोगों को जागरूक करने के लिए, 2021 का उत्सव 29 – 31 मई को एन्जॉय डेयरी रैली ‘Enjoy Dairy Rally’ के साथ शुरू होगा, जिसका समापन मंगलवार, 1 जून को विश्व दुग्ध दिवस के साथ होगा। इस वर्ष, हमारा विषय संदेशों के साथ डेयरी क्षेत्र में स्थिरता पर केंद्रित होगा।
इस वर्ष विश्व दुग्ध दिवस की थीम ‘पर्यावरण, पोषण और सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण के साथ-साथ डेयरी क्षेत्र में स्थिरता’ पर केंद्रित होगी। संगठन का उद्देश्य डेयरी के लिए कम कार्बन भविष्य बनाने में मदद करके, दुनिया में डेयरी फार्मिंग को फिर से पेश करना है।
महिलाओं को 30 के बाद बोन मास और घनत्व खोने का खतरा अधिक होता है। ऑस्टियोपोरोसिस, ऑस्टियोआर्थराइटिस होने का खतरा होता है क्योंकि वे अपने जीवन में मासिक धर्म चक्र, गर्भावस्था, प्रसव और रजोनिवृत्ति के चरणों से गुजरती हैं। महिलाएं भावनात्मक और शारीरिक रूप से अधिक संवेदनशील होते हैं और हड्डियों से संबंधित, त्वचा संबंधी और तंत्रिका संबंधी समस्याओं के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं।
जो महिलाएं ज्यादातर घर के अंदर और धूप से दूर काम कर रही हैं, उनमें विटामिन डी कम होने का खतरा अधिक होता है। वे हमेशा अपने पैरों पर खड़ी रहती हैं और घर चलाने, बच्चों की परवरिश और अन्य गतिविधियों में अत्यधिक सक्रिय रहती हैं, जो उन्हें घुटने से संबंधित और तनाव से संबंधित पीड़ा के लिए अतिसंवेदनशील बनाती हैं। मगर यही सब कमियां सिर्फ एक गिलास दूध पीने से दूर हो सकती हैं।
दूध की पौष्टिकता प्रभावशाली है। यह विटामिन और खनिजों का एक उत्कृष्ट स्रोत है। साथ ही, दूध में लैक्टोज की मात्रा खतरनाक बैक्टीरिया को आंतों में जमने से रोकती है और उनके प्रभावी कामकाज में मदद करती है।
दूध प्रोटीन का एक समृद्ध स्रोत है, जिसके एक कप में 8 ग्राम प्रोटीन होता है। प्रोटीन शरीर के समुचित कार्य के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह वृद्धि और विकास, सेलुलर मरम्मत और इम्युनिटी बढाने में मदद करता है।
दूध पीने का संबंध लंबे समय से स्वस्थ हड्डियों से रहा है। यह कैल्शियम, फास्फोरस और पोटेशियम सहित पोषक तत्वों के अपने शक्तिशाली संयोजन के कारण है। ये सभी पोषक तत्व मजबूत, स्वस्थ हड्डियों को बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं।
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करेंदूध विटामिन डी का अच्छा स्रोत है, इसलिए यह ऑस्टियोपोरोसिस और हड्डियों के नुकसान को रोकता है। गर्भावस्था और मासिक धर्म के दौरान महिलाओं में कैल्शियम की कमी होने का खतरा अधिक होता है, इसलिए दूध का सेवन बहुत ज़रूरी है।
दूध एक बहुमुखी सामग्री है जिसे आसानी से आपके आहार में शामिल किया जा सकता है। इसका उपयोग स्मूदी, दलिया, कॉफी, सूप बनाने में किया जा सकता है। इसलिए, हर रोज़ एक गिलास दूध ज़रूर पिएँ!
यह भी पढ़ें : पोस्ट कोविड चुनौतियां : आपके प्रजनन स्वास्थ्य के लिए जरूरी है कोविड रिकवरी के बाद भी आराम करना