अगर मैं आपसे कहूँ कि आपके शरीर में पाचन ठीक से हो रहा है या नहीं, इसका आपके बालों की सेहत से भी संबंध है तो क्या आप यकीन करेंगे? शायद हां और शायद नहीं भी। लेकिन ये बात सही है। इसे हम थाइरॉइड प्रॉब्लम के नाम से जानते हैं जब शरीर का मेटाबोलिज़्म धीमा हो जाता है या कई बार तेज। इसका असर बालों पर यूं पड़ता है कि बाल झड़ने (Hair fall in thyroid) लगते हैं। क्या कारण है इस समस्या का और इसका निदान क्या है। आज इसे हम डॉक्टर की मदद से समझने वाले हैं।
थायरॉइड हमारे गले में मौजूद एक ग्लैंड है जो अलग अलग तरह के हार्मोन्स प्रोड्यूस करता है। इन हार्मोन्स की मदद से ही हम खाने को ठीक तरीके से पचा पाते हैं। जब यही हार्मोन कम हो जाते हैं या थाइरॉइड अपना काम ठीक से नहीं कर पाता तो हमारा शरीर प्रभावित होने लगता है। इसे ही हम थाइरॉइड प्रॉब्लम बोलते हैं।
हर वर्ष जनवरी महीने में थाइरॉइड अवेयरनेस मंथ मनाया जाता है। इसे मनाने की शुरुआत 2000 में हुई थी। इसका उद्देश्य थाइरॉइड से संबंधित बीमारियों के बारे में लोगों को बताना और उससे कैसे बचा जाए, ये समझाना है। इसे जनवरी में ही मनाने के पीछे का भी एक उद्देश्य है। चूंकि सर्दियों के मौसम में थाइरॉइड से जुड़ी हुई दिक्कतें ज्यादा होती हैं, इसलिए इस दौरान बीमारियों के बारे में समझने और समझाने में भी आसानी होगी और लोगों को तुरंत राहत मिलने के आसार भी बढ़ेंगे।
एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉक्टर अनुभव जायसवाल थाइरॉइड की समस्या अक्सर व्यक्तियों में दो तरह से देखी जाती हैं। पहली तो जब थाइरॉइड हार्मोन का स्तर बढ़ जाए और दूसरी जब थाइरॉइड हार्मोन का स्तर कम होने लगे। दोनों सूरत में नुकसान ही नुकसान हैं जैसे –
इसमें थायरॉइड ग्लैंड पर्याप्त हार्मोन का प्रोडक्शन नहीं कर पाता जिससे शरीर का मेटाबोलिज्म धीमा हो जाता है। और फिर पीड़ित व्यक्ति में थकान, वजन बढ़ना, ठंड महसूस करना,बाल झड़ना (Hair fall in thyroid) जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
ये समस्या हाइपोथायरायडिज़म से ठीक उलट है। इसमें थायरॉइड ग्लैंड हार्मोन का उत्पादन बढ़ा देता है जो बड़ी समस्याओं का कारण बनता है।
हार्मोन प्रोडक्शन बढ़ने से शरीर का मेटाबोलिज्म तेज़ हो जाता है। इससे पीड़ित व्यक्ति में बहुत ज्यादा प्यास लगना, हार्ट रेट बढ़ जाना, नींद की समस्या और कई बार वजन घंटे जैसे लक्षण भी दिखते हैं।
डॉक्टर अनुभव के अनुसार, थाइरॉड की जिन दो समस्याओं का जिक्र ऊपर अभी हमने किया, वो दोनों समस्याएं बालों पर बुरा असर करती हैं। जब शरीर में थायरॉइड हार्मोन की कमी हो जाती है तो बालों का विकास भी धीमा हो जाता है और बालों की जड़ कमजोर होने लगती है। इसी वजह से बाल झड़ने (Hair fall in thyroid) लगते हैं। बालों की समस्याओं के अलावा आपको स्किन पर ड्राइनेस और खुजली जैसी समस्याओं से भी जूझना पड़ सकता है।
अब इसके ठीक उलट वाली समस्या भी जान लेते हैं। जब हार्मोन्स का उत्पादन ज्यादा हो जाता है तो भी बालों पर इसका असर होता है। थाइरॉइड हार्मोन के ज्यादा होने की वजह से बाल पतले हो कर टूटने लगते हैं। ऐसा इसलिए होता है कि थाइरॉइड हार्मोन्स बालों तक पोषण पहुँचने से रोकने लगते हैं क्योंकि हार्मोन्स का संतुलन बिगड़ चुका होता है।
थायरॉइड को सही रखने के लिए सबसे पहला उपाय अच्छा खाना है। आयोडीन, सेलेनियम और जिंक जैसे पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लीजिए। हरी सब्जियां, फल, नट्स और मछली जैसी चीजों को खाने में शामिल करिए। इससे बालों की सेहत भी मजबूत रहती है और थाइरॉइड के दौरान बाल (Hair fall in thyroid) नहीं झड़ते
नियमित व्यायाम से शरीर का मेटाबोलिज़म सही रहता है जो थायरॉइड को बैलेंस्ड रखता है और इससे हार्मोन्स भी कंट्रोल में रहते हैं। रोज़ाना 30 मिनट का व्यायाम थायरॉइड से जुड़ी समस्याओं को कम कर सकता है।
मानसिक तनाव से थायरॉइड की समस्याएं बढ़ सकती हैं। तनाव कम करने के लिए योग, ध्यान जैसी चीजों को अपने रूटीन में शामिल करिए।
अगर परिवार में थायरॉइड की समस्या रही हो तो आपको नियमित तौर पर थाइरॉइड की जांच करानी पड़ेगी। इससे समय रहते समस्या का पता चल सकता है और उसका इलाज किया जा सकता है।
आयोडीन थायरॉइड हार्मोन के निर्माण के लिए जरूरी है। अक्सर लोग आयोडीन इनटेक को हल्के में ले लेते हैं, लेकिन ये थॉइरॉइड की बड़ी समस्या को जन्म देता है।
आयोडीन थायराइड फंक्शन के लिए आवश्यक है क्योंकि यह थायराइड हार्मोन का एक प्रमुख हिस्सा है। चित्र -शटरस्टॉकध्यान रहे कि केवल आयोडीन वाले नमक को ही खाने में इस्तेमाल करें। ताकि शरीर में आयोडिन की कमी ना हो और आप थाइरॉइड की किसी भी समस्या से दूर रहें।
महिलाओं में कुछ ऐसे पड़ाव हैं जब थाइरॉइड की समस्या बहुत ज्यादा होती हैं। जैसे मेनोपॉज, पीरियड्स या फिर प्रेगनेंसी। इस दौरान विशेष ध्यान देने की जरूरत है और दिक्कत बढ़ने पर डॉक्टर से मिलने में हिचकना नहीं है।
वजन का ज्यादा होना भी थाइरॉइड की समस्याओं का एक कारण है। इसलिए वजन को कंट्रोल में रखें। अगर आप डायबिटिक हैं तो इसका विशेष ध्यान रखें। कई बार थोड़ी सी लापरवाही थाइरॉइड की समस्या को बढ़ा देती है।
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