हम सभी को बारिश का मौसम बहुत पसंद है। शायद ही ऐसा कोई हो, जिसे बरसात का मौसम न पसंद हो। मगर, यह मौसम कई तरह की बीमारियों को जन्म देता है। इस मौसम में सर्दी-खांसी, जुकाम-बुखार, यह सब ज़्यादा होने की संभावना रहती है। ऐसे में सेहत का ख्याल रखना सबसे ज़्यादा ज़रूरी हो जाता है, खासकर बच्चों की सेहत। मगर सबसे पहले यह समझना ज़रूरी है कि आखिर मानसून (Monsoon disease) में लोग इतने बीमार क्यूं हो जाते हैं? क्या ये बदलते वातावरण की वजह से होता है या कमजोर इम्युनिटी की वजह से। इस मौसम में डेंगू और मलेरिया (Dengue and malaria) के मामले भी काफी बढ़ जाते हैं, इसलिए यह जानना ज़रूरी है कि आखिर क्यों, मॉनसून में इसका जोखिम बढ़ने लगता है, ताकि आप इससे बच सकें।
बीएमसी के जन स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, मुंबई शहर में मानसून आने से पहले ही मलेरिया और डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं। जनवरी से जून के बीच, मुंबई में मलेरिया के 950 और डेंगू के 94, मामले दर्ज किए गए हैं। दिल्ली में बारिश की शुरुआत के साथ सर्दी-जुकाम के मामले बढ़ने लगे हैं। हालांकि डेंग-मलेरिया के मामलों में अभी उतनी बढ़ोतरी नहीं आई है। फिर भी समय रहते समस्या को समझना जरूरी है।
मलेरिया बरसात के मौसम में ज्यादा होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जलभराव और हयूमिडिटी मच्छरों के लिए उपयुक्त प्रजनन वातावरण प्रदान करते हैं। कई दिनों के रखे हुये पानी में ही इन बीमारियों का मच्छर पनपता है। डबल्यूएचओ के अनुसार मलेरिया और डेंगू बच्चों में मृत्यु का तीसरा सबसे बड़ा कारण है।
ऐसे में कई लोग यह सोच सकते हैं कि मेलेरिया और डेंगू इतना ज़्यादा घटक नहीं है या इससे परेशान होने की कोई ज़रूरत नहीं है। मगर ऐसा नहीं है, यदि इसका सही समय पर पता न लगाया जाए और इलाज न किया जाए, तो ये जानलेवा साबित हो सकता है।
मेयो क्लीनिक के अनुसार आपको इन दोनों बीमारियों के होने पर ये लक्षण देखने को मिल सकते हैं –
सिरदर्द
मांसपेशियों, हड्डी या जोड़ों में दर्द
जी मिचलाना
उल्टी
आंखों के पीछे दर्द
सूजन
रैश
थकान आदि
सुनिश्चित करें कि आप रात में अपनी खिड़कियां और दरवाजे खुले न रखें क्योंकि रात में मच्छर सक्रिय हो जाते हैं और अधिक जोखिम पैदा करते हैं।
मॉस्किटो रिपेलेंट क्रीम लगाएं और मच्छरदानी के नीचे सोएं
अपने घर और आसपास को साफ रखें।
शाम को अपने हाथ और पैर को ढकने के लिए लंबी बाजू के कपड़े पहनें, क्योंकि तब मच्छर सबसे अधिक सक्रिय होते हैं
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कस्टमाइज़ करेंबुखार जैसे लक्षणों पर नज़र रखें। जैसे ही आपको मलेरिया के किसी भी संभावित लक्षण का पता चलता है, तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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