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कुछ लोग आरटी-पीसीआर टेस्ट में बार-बार कोविड -19 पॉज़िटिव क्यों निकते हैं?

यदि आप या आपका कोई परिचित आरटी-पीसीआर टेस्ट में लगातार पॉज़िटिव टेस्ट कर रहा है, तो जानिए इसके पीछे का कारण!
बार – बार कोविड 19 के लीते पोस्तीवे टेस्ट करना. चित्र : शटरस्टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Published: 30 Mar 2022, 12:20 pm IST
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विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आंकड़ों से पता चलता है कि कोविड -19 वायरस ने 82 मिलियन से अधिक लोगों को संक्रमित किया है। दुनिया भर में 1.8 मिलियन से अधिक लोगों की मौत हुई है। हालांकि, आज यह वायरस हमारे जीवन का हिस्सा बन गया है, लेकिन सभी प्रकार के वेरिएंट से संक्रमित होना कोई भी नहीं चाहता है। तो आप संक्रमण का निदान कैसे करते हैं?

बेशक, एक आरटी-पीसीटी टेस्ट, जो एक विशिष्ट जीव से आनुवंशिक सामग्री का पता लगाने में मदद करता है। इस बात से कोई इंकार नहीं है कि यह सटीक और विश्वसनीय है, लेकिन यह एक जीवित और मृत वायरस के बीच अंतर नहीं कर सकता। इसलिए, टेस्ट के बाद एक विशेषज्ञ द्वारा सकारात्मक परिणामों की व्याख्या की जानी चाहिए। मगर क्या होगा अगर कुछ लोग समय-समय पर पॉज़िटिव टेस्ट करते रहें?

ऐसा ही एक मामला तुर्की में सामने आया है, जहां एक व्यक्ति ने लगातार 14 महीने तक कोविड-19 के लिए सकारात्मक परीक्षण किया है! उम्र 56, मुज़्ज़फ़र कायासन को पहली बार 19 दिसंबर, 2020 को वायरस का पता चला था। निदान के बाद 78 बार सकारात्मक परीक्षण किया गया है! कायासन, जिन्हें ल्यूकेमिया भी है, ने 9 महीने अस्पताल में और पांच महीने इस्तांबुल में अपने घर में बिताए हैं।

डॉ कीर्ति सबनीस, संक्रामक रोग विशेषज्ञ, फोर्टिस अस्पताल, कल्याण और मुलुंड, हेल्थशॉट्स को बताती हैं, “कोविड -19 के लिए आईसोलेशन का समय 1-14 दिनों से लेकर, आमतौर पर लगभग पांच दिनों तक होता है। यदि आपने कोरोनावायरस के लिए पॉज़िटिव टेस्ट किया है, तो आपको आमतौर पर 10 दिनों के लिए सेल्फ आईसोलेट करना होगा।

लेकिन कुछ मरीज़ों का टेस्ट पॉज़िटिव क्यों आता है?

कायासन के अभी भी सकारात्मक परीक्षण का एक महत्वपूर्ण कारण उसकी कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली है। अच्छी खबर यह है कि वायरस ट्रांसमिसिबल मोड में न हो, जहां यह दूसरों को संक्रमित कर सके।

आरटी-पीसीआर में डेड कोविड सेल्स भी हो सकते हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक

“उन्हें अन्य रोगियों की तुलना में ठीक होने में अधिक समय लग सकता है, क्योंकि उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली को पूरी तरह से प्रभावी होने में थोड़ा समय लगेगा।

डॉ मर्लिन मोनी, क्लिनिकल एसोसिएट प्रोफेसर, अमृता अस्पताल, हेल्थ शॉट्स के साथ साझा करते हैं, “जब हम आरटी-पीसीआर करते हैं, तो हम वायरल आरएनए की जांच कर रहे हैं। एक स्थिति तब होती है जब वायरस मर जाता है, लेकिन कुछ अवशेष अभी भी गले, नाक और मुंह में होते हैं। शोध से पता चलता है कि 40 प्रतिशत लोगों में आरएनए पॉज़िटिव हो सकती है। दूसरे मामले में, वायरस धीमी गति से बढ़ सकता है। यह उन लोगों में हो सकता है जो अधिक उम्र के हैं या जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है।”

क्या आपको कोविड -19 के बारे में चिंतित होना चाहिए?

एक बार जब सीटी का मान 30 से ऊपर चला जाता है, तो संचरण क्षमता बहुत कम हो जाती है, क्योंकि वायरल लोड कम होता है। डॉ मर्लिन का कहना है कि क्वारंटाइन करने की कोई आवश्यकता नहीं है, लेकिन इस व्यक्ति के आसपास जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है, उन्हें सामाजिक दूरी का पालन करना चाहिए।

लंबे समय तक आरटी-पीसीआर पॉज़िटिव वाले मरीज कोविड – 19 वैक्सीन ले सकते हैं।

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