यदि आप रात को अच्छी नींद नहीं लेती हैं, तो पूरा दिन आपको कुछ भी अच्छा नहीं लगता है। पर यह क्यों होता है? लोग अक्सर अपनी नींद को नज़रअंदाज़ कर देते हैं और रात को देर तक जागते हैं। तभी उनकी तबियत बिगड़ने लगती है।
अगर आपको लगता है कि कम नींद लेना कोई बड़ी बात नहीं है, तो आप बहुत बड़ी गलतफहमी की शिकार हैं। आपको बता दें कि रोजाना छह घंटे से कम सोना आपके समग्र स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
वॉकहार्ट अस्पताल मीरा रोड, मुंबई में सलाहकार चिकित्सक, डॉ प्रीतम मून के अनुसार, हम में से अधिकांश लोग अपनी नींद को हल्के में लेते हैं। जिसकी वजह से आज हम विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं।
नींद की कमी आपके दिल पर भारी पड़ सकती है, जिससे अनियमित दिल की धड़कन, उच्च रक्तचाप, दिल का दौरा और हार्ट फेलियर जैसी हृदय संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
डॉ मून बताती हैं, “जो लोग रात को अच्छी नींद नहीं लेते वे चिंतित और उदास हो सकते हैं।” कम नींद आपको तनाव और अवसाद दोनों का जोखिम दे सकती है।
जब आप लगातार कम नींद लेने लगती हैं, तो आप चीज़ें भूलने लगती हैं। क्योंकि आपका ध्यान कम होने लगता है। ऐसा भी हो सकता है कि आप समस्याओं को प्रभावी ढंग से हल न कर पाएं। यही कारण है कि हममें से ज्यादातर लोग थकान महसूस करते हैं।
क्या आपकी स्किन हेल्थ खराब होती जा रही है? कोशिश करें और अपनी नींद के पैटर्न की जांच करें। पर्याप्त नींद न लेने से आपको काले घेरे और फाइन लाइंस जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
यदि आप नियमित रूप से आठ घंटे सोते हैं, तो आपका शरीर नियमित रूप से भूख को बनाए रख सकता है। ठीक से नहीं सोने से आपके हार्मोन घ्रेलिन का उत्पादन बढ़ जाएगा, जो भूख को उत्तेजित करने के लिए जाना जाता है। इसके अलावा, यह आपके लेप्टिन के उत्पादन को भी कम करता है, जो बदले में भूख को दबाता है।
नींद की कमी से शरीर में तनाव पैदा होता है, जो आपकी सेक्स ड्राइव में कमी का कारण बनता है। तनाव, चिड़चिड़ापन ये वे चीजें हैं जो मिलकर आपकी सेक्स ड्राइव को नुकसान पहुंचाती हैं।
नींद की कमी के कारण आप कुशलतापूर्वक निर्णय नहीं ले पाएंगे। जिससे धीरे-धीरे आपका आत्विश्वास और प्राेडक्टिविटी भी कम होने लगती है।
65 वर्ष से अधिक आयु के अधिकांश लोगों को विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के कारण उम्र बढ़ने के कारण नींद से जूझना पड़ सकता है। यह अन्य बीमारियों का परिणाम भी हो सकता है। नींद की कमी आमतौर पर अवसाद, क्रोनिक पेन सिंड्रोम, कैंसर, स्ट्रोक या अल्जाइमर रोग के कारण लोगों में देखी जाती है। तनाव नींद की कमी का एक और कारण है।
डॉ मून कहती हैं “नई माताओं में भी यह आम है। ऐसा इसलिए है क्योंकि नए बच्चे के कारण बदला हुआ शेड्यूल मां की नींद में खलल डाल सकता है।”
आपको हर रात एक ही समय पर सोने जाना चाहिए और हर सुबह एक ही समय पर उठना चाहिए। वीकेंड के दौरान भी उसी समय का पालन करें।
दोपहर में सोने से बचें, ताकि रात को चैन से सो सकें।
इसे नींद चुराने वाले के रूप में भी जाना जाता है, रात में हर हालत में कैफीन से बचना चाहिए।
ये दो चीज़ें आपकी नींद उड़ा सकते हैं।
फिट रहने और अच्छी नींद लेने के लिए आपको रोजाना व्यायाम करने की जरूरत है।
रात की अच्छी नींद का आनंद लेने के लिए अपने बेडरूम में अंधेरा, शांत वातावरण बनाएं रखें। एक मजबूत गद्दे और तकिए का प्रयोग करें जो आपकी पीठ को सहारा दे।
आप अपने शरीर और दिमाग को शांत करने के लिए कुछ पढ़ सकते हैं, संगीत सुन सकते हैं या गर्म पानी से स्नान कर सकते हैं।
सोने से ठीक पहले अपने फोन का इस्तेमाल न करें या टीवी न देखें।
जब आप सोने वाले हों तो पानी या किसी अन्य तरल पदार्थ से बचें।
अंत में डॉ मून कहती हैं, “यदि आपको अपने काम पर ध्यान केंद्रित करना मुश्किल लगता है। साथ ही, निराशा, क्रोध, अवसाद, चिंता, या तनाव की लगातार भावनाओं का अनुभव होता है, या उच्च रक्तचाप की समस्या होती है, तो बिना देरी के किसी डॉक्टर से परामर्श लें।”
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