हमारा कोई अपना कोविड-19 का शिकार हो जाये, हम इसकी कल्पना मात्र से ही डर जाते हैं, मगर ऐसी स्थिति में सबसे ज्यादा जरूरत है समझदारी से काम लेने की।
सब इस सम्भावना से हरदम घिरे हैं कि हमारा कोई अपना कोविड-19 पॉजिटिव हो सकता है। जिस तेजी से भारत मे कोरोना पॉजिटिव मामले बढ़ रहे हैं, पूरा देश खतरे से घिरा हुआ है। हमारा स्वास्थ्य तन्त्र इस महामारी से लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार भी नहीं है। होम आइसोलेशन एक बेहतर विकल्प के रूप में सामने आया है। सरकार भी इसे बढ़ावा दे रही है।
लेकिन सही सावधानियां नहीं बरती गईं तो समस्या और गम्भीर हो सकती है। आपके परिवार का कोई सदस्य यदि होम आइसोलेटेड है, तो आपके स्वास्थ का ख्याल आपकी जिम्मेदारी है।
ऐसे में हम खुद को सुरक्षित रखने के जितने प्रयास करें उतना बेहतर है, “ मुम्बई के जेन मल्टीस्पेश्यैलिटी अस्पताल के डॉ शाह कहते हैं, ”यह समझना जरूरी है कि हमें कैसे खुद को सुरक्षित करना है। अगर हमारे परिवार में कोई कोरोना पॉजिटिव पाया जाए।
पर यह असल में इतना मुश्किल नहीं है, जितना लोग सोच रहे हैं। अगर इन 8 नियमों को ध्यान में रखा जाए तो हम खुद को और अपने परिवार को भी सुरक्षित रख सकते हैं-
मरीज़ के शुरुआती लक्षण दिखते ही उन्हें अलग कमरे में शिफ्ट कर दें। फिजिकल दूरी बनाए रखना बहुत ज़रूरी है। मगर ध्यान रखें मरीज से दुर्व्यवहार न हो। उनके साथ वीडियो चैट या वीडियो गेम्स इत्यादि खेल कर उनको सकारात्मक बने रहने की प्रेरणा दें।
परिवार का कोई एक सदस्य ही मरीज़ की देखभाल करे। यह एक व्यक्ति परिवार का युवा हो जिसके खुद संक्रमित होने की संभावना कम हो। किसी बुजुर्ग या बच्चे को मरीज के करीब न जाने दें।
मरीज़ की देखरेख करने वाला व्यक्ति भी खुद को आइसोलेट रखे।
मरीज़ को डिस्पोजेबल बर्तन में खाना देना बेहतर उपाय है। इससे घर के अन्य लोगों को संक्रमण फैलने की सम्भावना कम हो जाती है। मरीज़ के इस्तेमाल का तौलिया इत्यादि भी अलग ही रखें।
मरीज़ की देखभाल करते वक्त दस्ताने अवश्य पहनें। बर्तन से लेकर कमरे में मौजूद कोई भी सामान को छूने से पहले दस्ताने अवश्य पहनें।
मरीज़ और घर के बाकी सदस्यों के लिए अलग-अलग बाथरूम रखें। एक ही बाथरूम साझा करने से इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
घर के सभी सदस्यों का तापमान नियमित रूप से दिन में 2 से 3 बार नापते रहें।
घर के बड़े बुजुर्ग कोविड19 से संक्रमित होने के सबसे अधिक सम्भावित हैं। ऐसे में उनका खास ख़याल रखा जाना आवश्यक है। सम्भव हो तो बुजुर्ग माता-पिता को किसी रिश्तेदार के घर भेज दें।
मरीज का कमरा और सामान नियमित रूप से साफ करें। कमरे में मौजूद कॉमन चीजें जैसे स्विच बोर्ड, दरवाजे के हैंडल इत्यादि दिन में 2 से 3 बार साफ करें। सफ़ाई के लिए सोडियम हाइपोक्लोराइट को पानी मे मिलाकर उपयोग करें। सफाई करते वक्त हाथों में ग्लव्स ज़रूर पहनें।
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इसके साथ ही कुछ अन्य बातों का खास ख़याल रखें। पानी भरपूर मात्रा में पियें, विटामिन सी को अपने आहार में शामिल करें। अपनी पसंद की कोई एक्टिविटी करें, दोस्तों से बातें करें, व्यायाम के लिए समय निकालें और पूरी नींद लें इस तरह आपका मन शांत रहेगा और तभी आप अपने परिजनों की देखभाल कर पाएंगे। तनाव से दूर रहें और सकारात्मक पहने का प्रयास करें।