“सीनेजर’ कौन हैं? सीनियर और टीनएजर शब्द मिलकर सीनेजर बना है। टीनएजर उनके एनर्जेटिक होने का सूचक है। सीनियर सिटिजन कहें या सिनेजर कहें, उनमें भी एक टीन की तरह ऊर्जा और उत्साह होता है। अत यह स्वाभाविक रूप से यह प्रश्न उठता है कि उनमें किशोरों जैसी ऊर्जा कहां से आ सकती है। इसका सामान्य उत्तर है पौष्टिक आहार इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए सेनेजर के लिए यह जानना जरूरी है कि 50 के बाद व्यक्ति को क्या खाना चाहिए!
महामारी और लंबे समय तक घर में रहने के कारण फिट रहने और स्वच्छ खाने के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ी है। स्वस्थ भोजन के लिए ऑर्गेनिक फूड के साथ-साथ किचन गार्डेन को भी दोबारा चलन में लाया जा रहा है। सभी उम्र के लोगों को अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए, लेकिन 50 की उम्र के बाद अपने खान-पान पर और अधिक ध्यान देने की जरूरत है। संभव है कि भोजन में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम, पोटैशियम, आहार फाइबर और विटामिन डी मौजूद न हो। इन पोषक तत्वों और खाद्य घटकों की कमी से स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इनकी कमी से मांसपेशियों में ऐंठन (कैल्शियम), दिल की धड़कन (पोटैशियम), थकान (फाइबर) और हड्डियों में दर्द (विटामिन डी) सहित कई शारीरिक बीमारियां हो सकती हैं। हमारे आसपास ऐसे खाद्य पदार्थों की बहुतायत है, जो यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि दैनिक पोषक तत्वों की जरूरतें पूरी हो सके। सबसे पहले यह जानते हैं कि हेल्दी फूड्स की शरीर को जरूरत क्यों है।
कैल्शियम और विटामिन डी हड्डियों के स्वास्थ्य में अहम भूमिका निभाते हैं। दोनों शरीर में मसल्स कॉन्ट्रेक्शन और नर्व कम्यूनिकेशन के लिए महत्वपूर्ण हैं। विटामिन डी इम्यून सिस्टम के लिए बेहद जरूरी है। पोटैशियम इलेक्ट्रोलाइट मसल्स कॉन्ट्रैक्शन और नर्व ट्रांसमिशन के लिए जरूरी है, लेकिन इसकी प्रमुख भूमिका हार्ट और किडनी के प्रमुख कार्य को बनाए रखना है। डाएटरी फाइबर को विटामिन या खनिज के रूप में क्लासिफाई नहीं किया जा सकता है, लेकिन इसमें कई गुण हैं, जो इसे एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व खाद्य घटक के रूप में जरूरी बनाते हैं। हाई फाइबर डाइट न केवल हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद करता है, बल्कि यह आपको टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। चूंकि फाइबर लंबे समय तक पेट भरा होने का एहसास कराता है, इसलिए भोजन के बीच बिना सोचे-समझे खाने की इच्छा कम हो जाती है।
डाइट में फाइबर वाले फूड की कमी है, इसका पता लगाने का सबसे आसान तरीका है कि पूप में कठिनाई हो। कैल्शियम, पोटैशियम और विटामिन डी की कमी के लक्षणों का स्वयं पता करना आसान नहीं है। इन तीनों पोषक तत्वों की कमी का संकेत थकान और कमजोरी महसूस होने के रूप में मिल सकता है। कैल्शियम की कमी का संकेत ड्राय स्किन के रूप में मिल सकता है।
शरीर को पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्वों की आपूर्ति करने के लिए निम्नलिखित खाद्य पदार्थों को नियमित रूप से अपने आहार में शामिल किया जा सकता है।
1सेब(apple): यह कहावत आम है कि दिन में एक सेब डॉक्टर को दूर रखता है। सेब नर्व को आराम देता है। इनमें विटामिन बी 12, फॉस्फोरस और पोटैशियम होते हैं, जो ग्लूटामिक एसिड के सिंथेसिस में मदद करते हैं। यह नर्व सेल्स की टूट-फूट को नियंत्रित करता है। शहद के साथ मिलाने पर यह नर्व को रिचार्ज करता है, क्योंकि यह नर्व के लिए टॉनिक है।
2केला(Banana): केले के नियमित सेवन से मांसपेशियों को आराम मिलता है और आपको अच्छी नींद आती है। यह ट्रिप्टोफैन में समृद्ध है। इसमें माैजूद एमिनो एसिड हैप्पी और स्लीप दोनों हार्मोन के निर्माण को बढ़ावा देता है।
5. लहसुन(Garlic) : लहसुन में सेलेनियम और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। यह फ्री रेडिकल्स को बेअसर करने में मदद करता है।