हेडफोन का इस्तेमाल बेहद आम हो गया है। क्या आपको पता है कि इससे निकलने वाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव का दिमाग पर बुरा असर पड़ता है। इसके ज्यादा इस्तेमाल से आप सिरदर्द और माइग्रेन के चपेट में आ सकते हैं। ये इतना खतरनाक है, कि इसके कारण स्लीप एपनिया नींद में कमी नींद ना आना जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। जैसे-जैसे मोबाइल का इस्तेमाल बढ़ रहा है उसके साथ ही हेडफोन और ईयरफोन का भी यूज बढ़ गया है। बच्चों से लेकर बड़ों तक हर उम्र के लोगों में इसका इस्तेमाल धड़ल्ले से कर रहे हैं। गाना सुनने से लेकर बात करने तक लोग इसे काफी देर तक कान में लगा कर रखते हैं, कुछ लोग इसको फैशन के लिए कैरी करना पसंद करते हैं। लेकिन इसका ज्यादा यूज करने से आपको कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
अपोलो स्पेक्ट्रा कानपुर के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. स ए उस्मानी बताते है कि जब हम लंबे समय तक हेडफोन लगाते हैं, तो यह हमारे कानों और मस्तिष्क के लिए कई समस्याएं पैदा कर सकता है। सबसे पहले, हेडफोन के कारण हमारे कानों में दबाव बढ़ सकता है, जिससे हमारे कानों में दर्द और असहजता होती है। इसके कारण हमारे मस्तिष्क में तनाव और थकान हो सकती है, जिससे मस्तिष्क की कार्यक्षमता कम होती है और मस्तिष्क में समस्याएं पैदा हो जाती हैं। इसके अलावा, इसके ज्यादा इस्तेमाल के कारण हमारे मस्तिष्क में नींद की कमी होती है, जिससे शरीर में थकान और कमजोरी हो जाती है। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि हम हेडफोन का उपयोग सीमित समय के लिए करें और हमारे कानों और मस्तिष्क की सेहत का ध्यान रखें।
डॉ. स ए उस्मानी बताते है कि कई लोगों को इसकी आदत हो गई है। ये लोग इसे कई-कई घंटों तक इस्तेमाल करते हैं, कई बार तो बिना काम के भी इसे अपने कान में लगाए रहते हैं। लेकिन ईयरफोन का इस्तेमाल दिन में कुछ घंटे ही करना चाहिए। एक्सपर्ट बताते हैं कि हेडफोन का इस्तेमाल दिन में केवल 1-2 घंटे ही करना चाहिए। अगर काम के कारण इसे ज्यादा यूज करना पड़ रहा है तो इसे इस्तेमाल करते समय ब्रेक लें। लगातार इसको लगा कर रखने से कान की गम्भीर समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
लाउड म्यूजिक और वो भी हेडफोन में अगर आप भी ये गलती करते हैं, तो सावधान हो जाए इससे आपकी सुनने की क्षमता प्रभावित हो सकती है। आपके कान 90 डेसिबल तक की आवाज सुन सकते हैं। और ये कैपिसिटी लगातार तेज आवाज सुनने से लगभग 40-50 डेसिबल तक कम हो सकती है। इसके ज्यादा इस्तेमाल से बहरेपन की समस्या हो सकती है।
एक्सपर्ट के अनुसार , घंटों या ज्यादा हेडफोन लगाए रखना और तेज म्यूजिक सुनने के कारण कानों के साथ-साथ दिल के लिए भी सही नहीं है। इसके कारण दिल की धड़कन तो तेज होती ही है, साथ ही दिल को काफी नुकसान भी उठाना पड़ता सकता है। और कभी-कभी ये गम्भीर समस्या का कारण बन जाता है।
इयरफोन को कान में डायरेक्ट लगाया जाता है, जिसके कारण एयर पीसेज में समस्या होने लगती है जो बैक्टीरिया पैदा करने के साथ ही अलग-अलग प्रकार के इन्फेक्शन का कारण बन सकती है। और इसके कारण कान में पस, कान दर्द होना और सुनने में दिक्कत होना जैसे परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव जो हेडफोन या ईयरफोन से निकलती हैं ये दिमाग पर बहुत बुरा असर डालती हैं।जिसकी वजह से सिरदर्द और माइग्रेन की परेशानी पैदा होती है। कई लोगों को इसके कारण नींद में समस्या, नींद न आना, अनिद्रा, यहां तक कि स्लीप एपनिया का भी सामना करना पड़ सकता हैं।
इसका इसतेमाल ज्यादा समय तक करने से आपकी सोशल लाइफ और मेंटल हेल्थ खराब हो सकती है। ये कई परेशानियों के साथ आपकी सोचने और समझने की छमता को प्रभावित करता है। जिसके कारण ये तनाव और चिंता की समस्या पैदा कर सकती है।
-ईयरफोन का इस्तेमाल करते समय ध्यान रखें कि इसकी आवाज ज्यादा तेज ना हो इसे कम वॉल्यूम में यूज करें ।
-इसका यूज लगातार ना करें, बीच-बीच में ब्रेक लेकर अपने कानों को आराम दें ताकि आपके कान को ज्यादा समस्या ना हो।
-हेडफोन का यूज करने से पहले इसे साफ करना न भूलें, इससे संक्रमण से बचने में मदद मिलती है।
-किसी और का ईयरफोन इस्तेमाल करने से बचें।
-सही क्वालिटी का ईयरफोन इस्तेमाल करें, सस्ते और खराब क्वालिटी के प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से बचें।
यह भी पढ़ें-लगातार हेडफोन या ईयरफोन पहनना है आपकी मजबूरी, तो जानिए इसके जोखिमों को कम करने के उपाय
डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।