एक्‍सपर्ट से जानें क्‍यों महिलाओं को ज्‍यादा होता है ऑस्टियोपोरोसिस का जोखिम

ऑस्टियोपोरोसिस पुरूषों की तुलना में महिलाओं को अधिक प्रभावित करता है। यह बुजुर्गों में फ्रैक्चर की समस्या का एक प्रमुख कारण है। जब आप पूरी तरह से इसे रोक नहीं सकती हैं, तो जरूरी है कि इससे खुद को सुरक्षित रखने के उपाय जान लेना।
ऑस्टियोपोरोसिस का जोखिम महिलाओं में अधिक होता है। चित्र: शटरस्‍टॉक
ऑस्टियोपोरोसिस का जोखिम महिलाओं में अधिक होता है। चित्र: शटरस्‍टॉक
Dr Chandrashekhar Dixit Updated: 4 Jan 2021, 14:27 pm IST
  • 90

ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी बीमारी है जिसमें बोन मास (bone mass) में कमी और बोन टिशु (bone tissue) को नुकसान पहुंचने के कारण हड्डियां भुरभुरी और नाजुक हो जाती हैं। इस स्थिति को एक मूक रोग (silent disease) के रूप में भी जाना जाता है। क्योंकि इस स्थिति में आप अपनी हड्डियों में कमजोरी को महसूस नहीं कर सकती हैं। साथ ही कई लोगों को तो यह भी पता नहीं चल पाता है कि हड्डी टूटने के बाद उनकी क्या हालत है।

ऑस्टियोपोरोसिस से फ्रैक्चर का जोखिम बढ़ जाता है, विशेषतौर पर कूल्हों, रीढ़ और कलाई पर। वास्तव में, ऑस्टियोपोरोसिस हर साल दुनिया भर में लगभग 9 मिलियन (9 million) फ्रैक्चर का कारण बनता है। यद्यपि कोई भी व्यक्ति ऑस्टियोपोरोसिस को विकसित कर सकता है, यह आमतौर पर बड़े वयस्कों, विशेषकर महिलाओं को प्रभावित करता है।

कैसे पता लगाएं कि आपको ऑस्टियोपोरोसिस है या नहीं

आमतौर पर हड्डी को नुकसान पहुंचने के शुरुआती चरणों में कोई लक्षण नहीं होता। लेकिन एक बार जब ऑस्टियोपोरोसिस आपकी हड्डियों को कमजोर करने लगता है, तो आपको इसके कुछ संकेत और लक्षण दिखाई दे सकते हैं:

  1. पीठ दर्द, जो कि रीढ़ में फैक्चर या उसके ढहने के कारण होता है।
  2. समय के साथ आपका कद कम होना
  3. एक झुकी हुई मुद्रा
  4. एक हड्डी जो उम्मीद से कहीं ज्यादा आसानी से टूट जाती है

ये हैं ऑस्टियोपोरोसिस के कारण और जोखिम कारक

हड्डी एक जीवित, बढ़ता हुआ ऊतक है जिसमें अधिकतर प्रोटीन कोलेजन होता है, जो उन्हें एक नरम ढांचा प्रदान करता है। साथ ही खनिज कैल्शियम फॉस्फेट, हड्डियों में ताकत जोड़ता है और उनकी रूपरेखा को कठोर बनाता है। आपके बचपन और किशोरावस्था के दौरान हड्डियों के पुनर्जीवन की तुलना में हड्डी का निर्माण अधिक तेजी से होता है, जिसके परिणामस्वरूप आपका विकास होता है।

ये संकेत बताते हैं कि आपको ऑस्टियोपोरोसिस है। चित्र: शटरस्‍टॉक
ये संकेत बताते हैं कि आपको ऑस्टियोपोरोसिस है। चित्र: शटरस्‍टॉक

अगर आप अपनी हड्डी-निर्माण के वर्षों (bone-building years) के दौरान बोन मास (bone mass) के इष्टतम शिखर तक नहीं पहुंचते हैं। तो ऐसे में ऑस्टियोपोरोसिस होने की अधिक संभावना है।

ये हैं ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम कारक

ऐसे कई कारक हैं जो ऑस्टियोपोरोसिस के जोखम को बढ़ा सकते हैं। जिसमें आपकी उम्र, दौड़, जीवन शैली के विकल्प और चिकित्सीय स्थितियां और उपचार शामिल हैं। हम आपको ऑस्टियोपोरोसिस कुछ ऐसे जोखिम कारकों के बारे में बता रहे हैं, जिनके बारे में आपका जानना आवश्यक है:

  • पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस के विकास की संभावना अधिक होती है।
  • आप जितने बूढ़े होंगे, ऑस्टियोपोरोसिस का जोखिम उतना ही अधिक होगा

पारिवारिक इतिहास जैसे माता-पिता या भाई-बहन के ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित होने के कारण भी आपको इसका अधिक जोखिम होता है, खासकर यदि आपके माता या पिता को कूल्हे में फ्रैक्चर की समस्या हो।

जिन पुरुषों और महिलाओं के शरीर के छोटे-छोटे फ्रेम होते हैं, उन्हें इसका जोखिम अधिक होता है क्योंकि उनमें कम उम्र में हड्डियों का आकार कम हो सकता है।

ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या से राहत पाने के लिए हम आपको कुछ सुझाव बता रहे हैं

हड्डियों की मजबूती के लिए एक्सरसाइज बहुत ज़रूरी है। चित्र- शटर स्टॉक।

1. बीन्स (फलियां) खाएं : बीन्स में कैल्शियम, मैग्नीशियम, फाइबर और अन्य पोषक तत्व होते हैं। इनमें भी फाइटेट्स (phytates) नामक पदार्थों की उच्च मात्रा होती है।

2. मांस न भूलें : मांस और अन्य उच्च प्रोटीन खाद्य पदार्थ आपकी बोन हेल्थ और समग्र स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं।

अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें

कस्टमाइज़ करें

3. जंक फूड से परहेज करें : प्रोसेस्ड फूड और डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों की मात्रा को सीमित करें, क्योंकि वे सोडियम में समृद्ध हैं। अपने आहार में नमक को भी सीमित रखें।

4. हरी पत्तेदार सब्जियों पर भरोसा करें : पालक और चुकंदर जैसी सब्जियों में ऑक्सलेट होते हैं, जो आपके शरीर की कैल्शियम को अवशोषित करने में मदद कर सकते हैं।

5. कैफीन के सेवन को सीमित करें : कॉफी और चाय में कैफीन होता है, जो कैल्शियम के अवशोषण को कम कर सकता है और हड्डियों को नुकसान पहुंचाने में योगदान कर सकता है। इनका मॉडरेशन सेवन करें, में पिएं-दिन में दो कप से ज्यादा नहीं।

यह भी पढ़ें – क्‍या आप जानती हैं कि इलायची आपकी लिबिडो भी बढ़ा सकती है, जानिए इलायची खाने के 5 बेहतरीन फायदे

  • 90
लेखक के बारे में

Dr Chandrashekhar Dixit is a consultant, orthopaedics and joint replacement specialist at Jupiter Hospital in Pune. ...और पढ़ें

पीरियड ट्रैकर

अपनी माहवारी को ट्रैक करें हेल्थशॉट्स, पीरियड ट्रैकर
के साथ।

ट्रैक करें
अगला लेख