बदलते लाइफस्टाइल की वजह से आज दिल की बीमारियों का खतरा हर उम्र के लोगों में बढ़ रहा है। दुनिया भर में हार्ट डिजीज के मरीज लगातार बढ़ते जा रहे हैं। स्मोकिंग और शराब के सेवन तथा नियमित व्यायाम न करने के कारण लोगों में दिल की बीमारियां लगातार बढ़ रही हैं। ऐसे में अगर सही डाइट का चुनाव किया जाए, तो दिल की बीमारियों का खतरा कम किया जा सकता है। हेल्थशॉट्स (Healthshots) पर हम आपके लिए ऐसे 6 डाइट प्लान (Heart Healthy Diet Plan) लेकर आए हैं, जो दुनिया भर में दिल की सेहत के लिए फायदेमंद माने जा रहे हैं।
विभिन्न शोध में यह बात सामने आई है कि खराब लाइफस्टाइल की वजह से ब्लडप्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और हार्ट डिजीज का जोखिम बढ़ जाता है। ऐसे में अगर अपनी डाइट में फाइबर, हेल्दी फैट और एंटीऑक्सिडेंट युक्त आहार शामिल करें तो इन बीमारियों का खतरा कम हो सकता है। शुगर और प्रोसेस्ड मीट के ज्यादा सेवन से हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है। तो आइए जानते हैं अपनी हार्ट हेल्थ लिए इन विश्व प्रसिद्ध डाइट्स को कैसे अपनाएं –
मेडिटेरेनियन दुनिया की प्रसिद्ध डाइट में से एक है। यह डाइट 1960 के दशक में भूमध्यसागर के रहने वाले लोगों के पारंपरिक खाने के पैटर्न बनी हैं। जिसमें दक्षिण इटली और ग्रीस देशों के लोगों का पारंपरिक भोजन शामिल है। इस डाइट में सामान्यत: साबुत अनाज, नट्स, बीज, फल, सब्जियां, फलियां, मछली और जैतून तेल जैसे आहार शामिल होते हैं।
स्पेन के पब्लिक हेल्थ यूनिवर्सिटी ऑफ नवरारा के प्रोफेसर और प्रेसिडेंट मार्टिनेज-गोंजालेज का कहना हैं कि मेडिटेरेनियन डाइट भूमध्यसागरीय बेसिन के निवासियों द्वारा फॉलो किया जाता था। यहां के गरीब ग्रामीण लोग इसका सेवन करते थे, जिसमें वहां का परंपरागत खाना होता था। उनका कहना हैं कि मेडिटेरेनियन डाइट (भूमध्यसागरीय आहार) हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम करती है।
इसमें पोल्ट्री, अंडे, कम वसा वाले डेयरी और रेड वाइन का भी सेवन किया जाता है। इस डाइट में एक्स्ट्रा शुगर, रिफाइंड कार्ब्स, हाइली प्रोसेस्ड स्नेक्स और प्रोसेस्ड मीट काफी कम होता है। कई स्टडी में यह बात सामने आई कि मेडिटेरेनियन डाइट हार्ट डिजीज, कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम करने, मोटापा, डाइबिटीज और हाई ब्लडप्रेशर के खतरे को कम करने में सहायक है। विशेषज्ञों का कहना हैं कि मेडिटेरेनियन डाइट को फॉलो करके हार्ट डिजीज के खतरे को 40 फीसदी तक कम कर सकते हैं।
हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट डिजीज के खतरे को कम करने में डैश डाइट फायदेमंद है। मेडिटेरेनियन डाइट की तरह इसमें भी हार्ड फूड की मनाही होती है। डैश डाइट में रेड मीट, रिफाइंड अनाज और अतिरिक्त शुगर को सीमित करते हुए साबुत अनाज, फलों, सब्जियों, कम वसा वाले डेयरी और लीन मीट को शामिल किया जाता है।
इसमें रोज़ाना 1 चम्मच (2,300 मिलीग्राम) सोडियम का सेवन किया जा सकता है। इसके अलावा प्रतिदिन 3/4 यानी 1,500 मिलीग्राम नमक का सेवन कर सकते हैं। जो लोग हाई ब्लडप्रेशर की समस्या से परेशान है, उनके लिए सोडियम का कम सेवन फायदेमंद है। डैश डाइट को फॉलो करने से हार्ट डिजीज का खतरा 20 फीसदी, स्ट्रोक का खतरा 19 फीसदी और डायबिटीज का खतरा 18 फीसदी कम हो जाता है।
इस डाइट में पोल्ट्री, रेड मीट और मछली आदि मांसाहारी चीजों को शामिल नहीं किया जाता है। वीगन और वेजिटेरियन डाइट में शाकाहारी डेयरी, अंडे, मधुमक्खी पराग, शहद और जिलेटिन समेत सभी पशुओं से उत्पन्न उत्पादों के सेवन की मनाही रहती है। इसकी बजाय इसमें फल, सब्जियां, सेम, दाल, सोया उत्पाद, साबुत अनाज, नट, बीज, पौधे से प्राप्त तेल और वसा पर जोर दिया जाता है।
शोध का मानना है कि फाइबर, एंटीऑक्सिडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी कंपाउंड हार्ट डिजीज के खतरे को कम करते हैं। इसमें टोफू यानी सोया उत्पादों का सेवन किया जाता है। अध्ययन में यह बात सामने आई है कि सोया प्रोटीन के सेवन से कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम करने सहायक है। 2 लाख से अधिक लोगों पर किए गए एक अध्ययन के मुताबिक, सोया में एंटीऑक्सिडेंट तत्व होते हैं जो हृदय रोग के खतरे को कम करने में मददगार है। इससे हाई कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर के स्तर, अधिक वजन और मोटापा, ब्लड शुगर को कम करने मदद मिलती है।
फ्लेक्सिटेरियन डाइट को प्रसिद्ध डाइटीशियन डॉन जैक्सन ब्लैटनर ने बनाया है। यह डाइट खाने का एक पैटर्न है जो पौधों से प्राप्त खाद्य पदार्थों पर आधारित है। लेकिन इसमें कम मात्रा में मांस, मछली, डेयरी और अन्य पशु उत्पादों का सेवन किया जा सकता है। इसमें अधिकांश प्रोटीन की मात्रा पौधों के खाद्य पदार्थों से ली जाती है।
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करेंइस डाइट में प्रोसेस्ड फूड्स, एक्स्ट्रा शुगर, प्रोसेस्ड मीट और अन्य प्रोसेस्ड फूड्स की मनाही है। इस वजह से हृदय रोग का जोखिम कम होता है। इसमें फल, सब्जियां, साबुत अनाज और फलियां खाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। फ्लेक्सिटेरियन डाइट उन लोगों के लिए के लिए अच्छा विकल्प है जो मांस और अन्य पशु उत्पादों को छोड़े बिना पौधे प्राप्त आहार का सेवन करना चाहते हैं।
थेराप्यूटिक लाइफस्टाइल चेंजेस (Therapeutic Lifestyle Changes) डाइट को राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (NIH) द्वारा विकसित किया गया है। यह डाइट हृदय रोग और स्ट्रोक के जोखिम को कम करने में मददगार है। इसमें ऑप्टिमम कोलेस्ट्रॉल के स्तर कम करने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल को फॉलो किया जाता है। इस डाइट में निम्न बातों का ध्यान रखा जाता है-
कई अध्ययनों से पता चलता है कि टीएलसी डाइट कोलेस्ट्रॉल के स्तर को 11% तक कम करता है। इसमें घुलनशील फाइबर को बढ़ाने के लिए जई का चोकर, नट्स, बीज, बीन्स, दाल, और कई फलों और सब्जियों का सेवन किया जाता है। जहां उच्च फाइबर सेवन हृदय रोग के जोखिम को कम करता है, वहीं घुलनशील फाइबर खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर कम करता है। टीएलसी डाइट रोजाना फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, फलियां, नट्स और बीजों आदि का सेवन किया जाता है।
शोध से पता चलता है कि है कि लो कार्ब्स डाइट स्वस्थ्य कोलेस्ट्रॉल में वृद्धि करने में सहायक है। लो कार्ब्स डाइट मोटापा, उच्च ट्राइग्लिसराइड और ब्लड प्रेशर के स्तर को कम करके हृदय रोग के जोखिम कम करने में मददगार है। कम कार्ब आहार में ऐसी सब्जियों का चुनाव किया जाता है जिसमें पर्याप्त मात्रा में फाइबर हो। इसमें नट्स, बीज, पौधों का कम प्रोसेस्ड ऑयल और ओमेगा -3 से भरपूर मछली का सेवन किया जाता है।
यह भी पढ़ें: हेल्दी हार्ट और लंबी उम्र चाहिए तो अपनाएं मेडिटेरेनियन डाइट, जानें इसके कारण